डोनेट्स्क। यूक्रेन (Ukraine) के डोनेट्स्क शहर में सोमवार को कई विस्फोटों (Blast in Donetsk) की आवाजें सुनी गई। यह विस्फोट सोमवार की शाम को हुई। पूर्वी यूक्रेन का यह क्षेत्र रूसी समर्थित अलगाववादियों के प्रभाव वाला क्षेत्र है। विस्फोटों की वजह स्पष्ट नहीं है। उधर, राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने सोमवार को अपनी सुरक्षा परिषद से कहा कि रूस को पूर्वी यूक्रेन में दो अलग-अलग क्षेत्रों की स्वतंत्रता को मान्यता देने पर विचार करना चाहिए। रूस के इस कदम से पश्चिमी देशों व यूक्रेन के साथ रूस के साथ गतिरोध और तेज होने की आशंका जताई जा रही है।
रूस के लिए ‘बहुत बड़ा खतरा’
पुतिन ने कहा, “हमारे देश के साथ टकराव के साधन के रूप में यूक्रेन का इस्तेमाल हमारे लिए एक गंभीर, बहुत बड़ा खतरा है।” यूक्रेन और रूस के बीच हफ्तों के तनाव के बीच पुतिन ने सरकार, सेना प्रमुखों और सुरक्षा प्रमुखों के साथ एकसाथ मीटिंग की। इस मीटिंग में यूक्रेन के दो क्षेत्रों को स्वतंत्र मान्यता की बात उठी।
पश्चिम देश लगातार रूस को दे रहे हैं चेतावनी
पश्चिमी नेता चेतावनी दे रहे हैं कि रूस अपनी सीमाओं पर 150,000 से अधिक सैनिकों को जमा करने के बाद अपने पश्चिमी समर्थक पड़ोसी यूक्रेन पर आक्रमण करने की योजना बना रहा है। हालांकि, मास्को इसको लेकर लगातार इनकार कर रहा है।
यूक्रेन ने सुरक्षा परिषद की मीटिंग का किया अनुरोध
यूक्रेन ने 1994 में अपने परमाणु शस्त्रागार को छोड़ने के बदले में प्राप्त सुरक्षा आश्वासन का हवाला देते हुए सोमवार को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की तत्काल बैठक का अनुरोध किया। विदेश मंत्री दिमित्रो कुलेबा ने 1994 के ऐतिहासिक सौदे का हवाला देते हुए ट्वीट किया कि राष्ट्रपति वलोडिमिर ज़ेलेंस्की की पहल पर, मैंने आधिकारिक तौर पर यूएनएससी के सदस्य राज्यों से बुडापेस्ट ज्ञापन के अनुच्छेद छह के तहत तुरंत परामर्श करने का अनुरोध किया। इस ऐतिहासिक समझौते पर रूस, संयुक्त राज्य अमेरिका और ब्रिटेन द्वारा भी हस्ताक्षर किए गए थे।
क्या है Russia-Ukraine conflict ?
रूस और यूक्रेन के बीच पिछले काफी समय से विवाद चल रहा है। शीत युद्ध के बाद से यूक्रेन के आसपास सैनिकों की टुकड़ी को यूरोप में सबसे खराब सुरक्षा जोखिम के रूप में देखा जा रहा है। तनाव का मुख्य कारण यूक्रेन का अमेरिकी नेतृत्व वाले सैन्य संगठन नाटो से करीबी संबंध है। यूक्रेन की कोशिश है कि उसे नाटो में शामिल कर लिया जाए। वहीं, रूस को यह मंजूर नहीं कि यूक्रेन नाटो का सदस्य बन जाए और इस संगठन की सेनाएं उसकी सीमा के करीब पहुंच जाए। रूस इसे अपने लिए खतरे के रूप में देखता है।
यूक्रेन को नाटो का सदस्य बनने से रोकने के लिए रूस ने यूक्रेन की सीमा के पास एक लाख से अधिक सैनिकों को तैनात किया है। इसके साथ ही उसने बेलारूस और ब्लैक सी में भी सैनिकों का जमावड़ा बढ़ा दिया है। रूस ने अमेरिका से इस बात की गारंटी की मांग की थी कि यूक्रेन को नाटो का सदस्य नहीं बनाया जाएगा। अमेरिका ने ऐसी कोई गारंटी देने से इनकार कर दिया था।
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