लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मथुरा जिले के शंकरगढ़ी गांव निवासी और सामाजिक
पारदर्शिता के लिए समर्पित RTI कार्यकर्ता देवकी नंदन शर्मा की आकस्मिक
मृत्यु के बाद उनका परिवार आज भी सरकारी सहायता का इंतजार कर रहा है।
लेकिन इस अन्याय के खिलाफ आवाज़ उठाने का साहस दिखाया है देश के प्रमुख
पारदर्शिता, जवाबदेही, मानवाधिकार एवं कानूनी अधिकारों के पैरोकार संजय
शर्मा ने, जिनके अथक और निःस्वार्थ प्रयासों ने मथुरा जिला प्रशासन को
हरकत में ला दिया।
संजय शर्मा, जो लखनऊ के राजाजीपुरम निवासी हैं, ने मुख्यमंत्री उत्तर
प्रदेश को पत्र लिखकर इस मामले की निष्पक्ष जांच और दोषियों को दंडित
करने की मांग की है। उनका दावा है कि उपजिलाधिकारी मांट द्वारा उन्हें 09
अगस्त 2024 को भेजी गई रिपोर्ट में यह स्पष्ट किया गया था कि मृतक के
परिवार को मुख्यमंत्री विवेकाधीन कोष से आर्थिक सहायता हेतु रिपोर्ट भेज
दी गई थी।
हालांकि, देवकी नंदन शर्मा के परिजनों ने बताया कि उन्हें अब तक कोई भी
आर्थिक सहायता प्राप्त नहीं हुई है। इस विरोधाभास और प्रशासनिक लापरवाही
को उजागर करने के लिए संजय शर्मा ने न केवल जिम्मेदार अधिकारियों से
जवाबदेही की मांग की है, बल्कि शासन को यह याद भी दिलाया है कि एक RTI
कार्यकर्ता की सेवा का मूल्य और उनके परिवार की पीड़ा को नजरअंदाज नहीं
किया जा सकता।
संजय शर्मा की प्रतिबद्धता ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि जब
व्यवस्था चुप हो जाती है, तब आवाज़ उठाने वाला एक व्यक्ति भी बदलाव ला
सकता है। यह उन्हीं की कोशिशों का नतीजा है कि जिला प्रशासन मथुरा ने
मुख्यमंत्री कार्यालय को मुआवजे की संस्तुति भेजी — हालांकि वह सहायता अब
तक जमीन पर नहीं पहुंची है।
यह केवल एक पत्र नहीं, बल्कि एक संघर्ष का दस्तावेज़ है — जिसमें एक आम
नागरिक ने अपने संवैधानिक अधिकारों और मानवाधिकारों की रक्षा हेतु अपनी
भूमिका को निभाया है।
आज जब देश RTI कार्यकर्ताओं की सुरक्षा और सम्मान को लेकर सवालों से घिरा
है, संजय शर्मा जैसे सामाजिक प्रहरी उम्मीद की वह किरण हैं, जो न केवल
सवाल उठाते हैं, बल्कि जवाब भी चाहते हैं — जवाबदेही के साथ।
संजय ने देवकी के परिवार के लिए 15000000 रुपये इकट्ठे करने के लिए मिलाप
है l संजय को उम्मीद है कि 150 करोड़ आबादी वाले इस देश के सजग नागरिक
पारदर्शिता के लिए समर्पित RTI कार्यकर्ता देवकी नंदन शर्मा की आकस्मिक
मृत्यु के बाद उनके परिवार की सहायता के लिए खुले दिल से आगे आयेंगे और
डेढ़ करोड़ रुपये इकठ्ठा करके उनके परिवार को सौंपेंगे l
संजय ने बताया कि भविष्य में होने वाले एक कार्यक्रम में देवकी नंदन
शर्मा के परिवार को लखनऊ बुलाकर सम्मानित भी किया जायेगा.
RTI कार्यकर्ता की मृत्यु के बाद भी नहीं मिला मुआवजा, संजय शर्मा की सतत पहल ने प्रशासन को झुका दिया

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