कोलकाता। तृणमूल कांग्रेस (TMC) के सांसद सौगत राय (Saugat Roy) ने टीएमसी के हर नेता को ‘चोर’ कहने वाले विरोधी दलों को चेताया है। धमकी भरे लहजे में सौगत राय ने कहा कि अगर आप टीएमसी के प्रत्येक नेता को ‘चोर’ कहेंगे तो परिणाम भुगतने को भी तैयार रहिए। ऐसा कहने वालों को पार्टी के कार्यकर्ता जवाब देंगे तो फिर किसी को कोई शिकायत नहीं करना चाहिए।
कोलकाता के दमदम में सौगत राय ने सबको चेताया
टीएमसी सांसद सौगत राय शनिवार को उत्तरी कोलकाता के दमदम में एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे। टीचर्स भर्ती घोटाला में फंसे टीएमसी के पूर्व मंत्री पार्थ चटर्जी की गिरफ्तारी के बाद विपक्षी दलों के हमले पर वह जवाब दे रहे थे। उन्होंने कहा कि पार्थ चटर्जी ने अगर गलत किया तो उनकी गिरफ्तारी हुई और पार्टी के लोग जांच में कोई हस्तक्षेप नहीं कर रहे हैं। लेकिन अगर टीएमसी के हर नेता व कार्यकर्ता को ‘चोर’ कहा गया तो परिणाम अच्छे नहीं होंगे। विरोधी दल बीजेपी, वामदल, कांग्रेस को निशाने पर लेते हुए उन्होंने कहा कि उन्हें तृणमूल के हर नेता को चोर बताने की ‘गलती’ नहीं करनी चाहिए। रॉय ने विपक्ष को आगाह करते हुए कहा कियदि आप ऐसी टिप्पणी करते हैं, तो जवाबी प्रहार के लिए भी तैयार रहें। तब शिकायत न करें।
रॉय ने दमदम में कहा कि अगर हमारी नेता ममता बनर्जी को भ्रष्टाचार की रानी के रूप में वर्णित किया जाता है तो विपक्ष को अंदाजा भी नहीं होगा कि पार्टी कार्यकर्ता नाराज होने पर कैसे प्रतिक्रिया देंगे। लोग अगर आगबबूला हो गए तो अप्रत्याशित तरीके से प्रतिक्रिया करेंगे।
कुछ दिन पहले भी दिया था विवादित बयान
सौगत रॉय एक महीना पहले भी एक मीटिंग में विवादित बयान देकर हड़कंप मचा दिया था। सौगत राय ने कहा था कि विपक्ष अगर टीमएसी को चोरों की पार्टी कहने वाले आलोचकों की खाल से जूते बनाए जाएंगे। साथ ही कहा था कि ऐसे आलोचकों को क्षेत्र से बाहर निकाल दिया जाएगा।
बीजेपी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने किया पलटवार
भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने कहा कि क्या सौगत दा को बुरा नहीं लगता कि उनकी पार्टी के नेता घोटालों में अरेस्ट हो रहे हैं। नौकरी घोटाला, पशु तस्करी जैसे आरोपों में टीएमसी के नेताओं की गिरफ्तारी हो रही है। उनको क्यों बुरा नहीं लगता जब तृणमूल पंचायत और नगर पालिका के पदाधिकारी केंद्र से पैसा लूटते हैं। ग्रामीण परियोजनाओं और जरूरतदों की योजनाओं के धन लूटते हैं।
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