उज्जैन. महाभारत और पद्मपुराण सहित कई ग्रंथों में श्राद्ध पक्ष (Shraddha Paksha 2022) का महत्व बताया गया है। पितरों से जुड़े होने के कारण इसे पितृ पक्ष भी कहते हैं। इस बार श्राद्ध पक्ष 10 से 25 सितंबर तक रहेगा। इस दौरान लोग अपने पूर्वजों की मृत्यु तिथि पर उनकी आत्मा की शांति के लिए श्राद्ध करेंगे। मान्यता है कि ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और घर-परिवार में सुख-शांति बनी रहती है। वैसे तो श्राद्ध कर्म योग्य ब्राह्मण द्वारा करवाना चाहिए, लेकिन ऐसा न कर पाएं तो घर पर ही इस आसान विधि (Shraddha Vidhi) से श्राद्ध कर सकते हैं…
1. अपने पितरों की श्राद्ध तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद घर में गंगाजल और गौमूत्र छिड़ककर पवित्र करें।
2. घर के आंगन में सुंदर रांगोली बनाएं और दोपहर 12 बजे से पहले श्राद्ध के लिए सभी तैयारियां पूरी कर लें।
3. महिलाएं शुद्धता पूर्वक श्राद्ध के लिए भोजन बनाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भोजन में लहसुन-प्याज का उपयोग न करें।
4. इसके बाद जिस व्यक्ति को श्राद्ध करना हो, वह दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठ जाए और पितरों को प्रणाम करे।
5. जिसका श्राद्ध करना हो उसका चित्र हो तो उसे स्थापित कर कुंकुम का तिलक लगाएं और हार पहनाएं। दीपक भी जलाएं।
6. एक चौड़े बर्तन में काले तिल, गाय का दूध और पानी मिलाएं। उस जल को दोनों हाथों में भरकर सीधे हाथ के अंगूठे से उसी बर्तन में गिराएं। ऐसा करते समय ऊं पितृ देवताभ्यों नम: मंत्र का जाप करते रहें।
7. एक उपले (कंडे) को सुलगाकर उस पर 5 बार घी-गुड़ डालें। इसके बाद थोड़ी-थोड़ी भोजन सामग्री भी डालें।
8. लोटे से दाहिने हाथ में शु्दध जल लेकर अंगूठे के माध्यम से जमीन पर छोड़ दें और प्रणाम कर मृत आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करें।
9. इसके बाद गाय, कुत्ते, चींटी, कौए के लिए भोजन निकालें। संभव हो तो ब्राह्मण को भोजन करवाएं और दान-दक्षिणा देकर ससम्मान विदा करें।
10. इस प्रकार आसानी से आप घर पर ही श्राद्ध कर सकते हैं। इससे आपके पितृ प्रसन्न होंगे और आशीर्वाद देंगे।
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