अभिनव और शैक्षिक गतिविधियों में संलग्न होकर, बच्चे शारीरिक और बौद्धिक विकास दोनों को सुनिश्चित करते हुए, अपने ग्रीष्मकालीन अवकाश का अधिकतम लाभ उठा सकते हैं
स्कूल के छात्र गर्मियों की छुट्टियों के आगमन के लिए बहुत उत्साह के साथ तत्पर हैं। वह अवधि भी एक छात्र के जीवन के सबसे सुखद चरणों में से एक है। यह भी जरूरी हो जाता है कि माता-पिता इस बिंदु पर अपने बच्चों के समय के मूल्य को पहचानें। वे इस बारे में चिंता करने लगते हैं कि कैसे वे कभी भी अपने बच्चे को उन दिनों के दौरान बुद्धिमानी से अपने समय का उपयोग करने देंगे। इसके विपरीत, बच्चे उन महीनों में ऊर्जा और प्रत्याशा से भरे हुए हैं। हालांकि, यह कामकाजी माता-पिता के लिए परेशानी का विषय बन जाता है यदि उनके बच्चे छोटे और अत्यधिक ऊर्जावान हैं। उनकी दैनिक अनुसूचित गतिविधियाँ जंगली हो जाती हैं, जिससे माता-पिता के लिए अपने बच्चों को सार्थक गतिविधियों में शामिल करना कठिन हो जाता है।
हालांकि गर्मियों की छुट्टी का मतलब सभी के लिए अलग है, गर्मियों में सीखने के महत्व को नजरअंदाज नहीं किया जाना चाहिए। यह बच्चों के शारीरिक के साथ-साथ शैक्षणिक स्वास्थ्य का एक महत्वपूर्ण घटक है। सिर्फ 60 दिनों की गर्मी की छुट्टी के साथ, हर दिन एक बच्चा गर्मियों के प्रशिक्षण में भाग नहीं लेता है, एक झटका का प्रतिनिधित्व करता है। फिर भी, माता-पिता अपने बच्चों को विभिन्न प्रकार की नई और मनोरंजक गतिविधियों में शामिल कर सकते हैं।
ग्रीष्मकालीन अवकाश पाठ्यक्रम
गर्म भारतीय गर्मियों में कुछ लोगों, विशेष रूप से बच्चों के लिए सहन करने का सबसे कठिन समय हो सकता है। यदि वे गर्मी को हराने के लिए तैयार नहीं रहते हैं तो वे गंभीर रूप से पीड़ित हो सकते हैं। माता-पिता को इन गर्म दिनों के दौरान अपने बच्चों के भोजन के बारे में सतर्क रहना चाहिए ताकि उनके पाचन तंत्र पर कोई अतिरिक्त तनाव न रखा जाए। पाचन और निर्जलीकरण के मुद्दों से बचने के लिए, माता-पिता अपने बच्चों के भोजन की योजना में तरबूज, दही, ककड़ी, नारियल पानी और मौसमी सब्जियों को जोड़ सकते हैं।
बच्चों को समकालीन तकनीकी वातावरण के बारे में सीखना शुरू करना चाहिए जिसमें वे रहते हैं। इसलिए, माता-पिता अपने बच्चों को आकर्षक और नवीन शिक्षण उत्पादों के साथ संलग्न कर सकते हैं। रुझान इस प्रकार हैं:
बच्चों के लिए एआई और एमएल कोर्स: आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और मशीन लर्निंग जैसे भविष्य के कौशल वाले बच्चों को पेश करने के लिए ऑनलाइन विभिन्न पाठ्यक्रम हैं। कोई भी कैरियर विकल्प बच्चे चुनेंगे, यह कौशल होना चाहिए। छात्रों को उन पाठ्यक्रमों का विकल्प चुनना चाहिए जिनमें पायथन कोडिंग, जेनरेटिव-एआई प्रॉम्प्ट राइटिंग और वेबसाइट और ऐप बिल्डिंग जैसी उद्योग परियोजनाएं शामिल हैं। बच्चों और माता-पिता को नई तकनीकों से डरना नहीं चाहिए, बल्कि उन्हें भविष्य के नौकरी बाजार में मात देने के अवसर के रूप में लेना चाहिए। एआई टूल्स सीखना सांस्कृतिक रूप से सक्रिय छात्रों के प्रदर्शन की गुणवत्ता को भी अपग्रेड करेगा। एआई-एमएल सीखना छात्रों को आगामी नवाचार और रोबोटिक्स से संबंधित प्रतियोगिताओं के लिए भी तैयार करेगा। सबसे अच्छा परिणाम एक ऑनलाइन इंटर्नशिप हथियाने होगा। यह बच्चों को भविष्य के लिए अधिक आश्वस्त होने में मदद करेगा।
ग्रीष्मकालीन विशेष नवाचार आधारित ऑनलाइन प्रयोग: छात्रों और अभिभावकों को ऑनलाइन नवाचार आधारित प्रयोगों या परियोजनाओं की तलाश करनी चाहिए जो न केवल एक परियोजना किट प्रदान करेंगे, बल्कि परियोजना के विज्ञान और प्रौद्योगिकी को समझने के लिए लाइव सत्र भी शामिल होंगे। छात्रों को स्कूलों में भी परियोजनाओं का प्रतिनिधित्व करने में सक्षम होना चाहिए। कुछ आकर्षक परियोजनाएं लेजर होम सिक्योरिटी सिस्टम, रेन वाटर डिटेक्शन और ऑटोमैटिक क्लॉथ रिट्रीवल मशीन, ऑटोमैटिक स्मार्ट रूफ, पार्किंग ऑक्यूपेंसी इंडिकेटर, स्मार्ट ब्लाइंड स्टिक आदि हो सकती हैं।
ऊपर बताए गए लोगों के अलावा, कई अन्य अभिनव गतिविधियाँ हैं जिन्हें माता-पिता गर्मियों की छुट्टियों के दौरान अपने बच्चों के आत्मविश्वास और रुचि को बढ़ाने के लिए खोजा जा सकता है। इसके अलावा, सीखना एक अंतहीन प्रक्रिया है। स्कूली बच्चों को हर दिन नई चीजों के बारे में ज्ञान प्राप्त करने की आवश्यकता होती है जो उनके करियर और शैक्षिक विकास के लिए उपयोगी हैं। छुट्टी के दौरान बच्चों के लिए सबसे महत्वपूर्ण ज्ञान में से कुछ स्थिरता, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी, इलेक्ट्रिक वाहन प्रौद्योगिकी, स्वायत्त कार प्रौद्योगिकी, फ्लाइंग टैक्सी प्रणाली और ड्रोन प्रौद्योगिकी आदि होंगे। इस प्रकार, अगली गर्मी की छुट्टी के दौरान, छात्र बस खेल सकते हैं। जानें। खा। सही और उत्पादक छुट्टियों के उपयोग के इन उल्लिखित तरीकों पर विचार करके दोहराएं।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्राचार्य शैक्षिक स्तंभकार प्रख्यात शिक्षाविद् स्ट्रीट कौर चंद एमएचआर मलोट पंजाब
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मांसपेशियों में जकड़न कामकाज में अड़चन
विजय गर्ग
नियमित व्यायाम न करने, कम पैदल चलने, लंबे समय तक कुर्सी पर बैठ कर काम करने वालों की मांसपेशियों में अक्सर जकड़न महसूस होती है। इससे कमर की तकलीफ, अपच, सिर
में भारीपन आदि की शिकायत रहने लगती है। कई लोगों को चलने-फिरने में दर्द भी होने लगता है। इससे कामकाज में बाधा आती है। मांसपेशियों में अकड़न की पहचान बहुत आसान है । घुटने से नीचे पिंडलियों को दबा कर देखें, अगर वे सख्त हैं, तो समझ जाएं कि मांसपेशियों मे जकड़न है । पिंडलियों में लचीलापन होना चाहिए। इससे पता चल जाता है कि आपका पाचन तंत्र सही तरीके सा काम कर रहा है, बाकी मांसपेशियां भी सुचारु हैं। वैसे भी तकलीफ शुरू हो तभी उसका उपचार करना जरूरी होता है। तकलीफ शुरू ही न हो, इसके लिए पहले से कुछ सावधानियां बरतनी शुरू कर देनी चाहिए। उम्र बढ़ने का साथ ये सावधानियां बहुत जरूरी हैं ।
मालिश
मांसपेशियों में नरमी के लिए मालिश सबसे कारगर उपाय है। हफ्ते में कम से कम एक दिन अवश्य ऐसा निकालना चाहिए, जब आप खुद या किसी की मदद से मांसपेशियों पर अच्छी तरह दबाव डालते हुए तेल मालिश करें। नारियल या सरसों का तेल गुनगुना कर लें। पिंडलियों, घुटनों, कंधों, कुहनियों, कमर और बांहों पर तेल लगा कर दबाव डालते हुए कम से कम पंद्रह से बीस मिनट तक मालिश करें। मालिश के बाद आधे घंटे तक न नहाएं। इससे मांसपेशियां नरम पड़ेंगी। अगर किसी प्रशिक्षित मालिश करने वाले की मदद लें, तो इसमें जल्दी आराम मिलेगा ।
आहार
मांसपेशियों में अकड़न कई बार खानपान में सावधानी न बरतने की वजह से भी पैदा हो जाती है । जो लोग अधिक तला-भुना, मसालेदार भोजन करते हैं, अक्सर उनका पाचन तंत्र मंद पड़ जाता है। इसका प्रभाव मांसपेशियों पर भी पड़ता है। भोजन ठीक से नहीं पचता, तो शरीर में वायुदाब बढ़ता जाता है। इससे मांसपेशियां तन जाती हैं । इसलिए भोजन में ऐसी चीजों का चुनाव करें, जो आसानी से पच जाती हों। गर्मी के मौसम में वैसे भी सुपाच्य आहार लेना ही उचित होता है। रेशेदार, पत्तेदार सब्जियां, खट्टे फल पाचन में सहायक होते हैं। तेल और मसालों की मात्रा कम कर दें । चुकंदर का अधिक से अधिक उपयोग करें, तो मांसपेशियों को आराम मिलता है । चुकंदर की कांजी बना कर रख लें, इसे सुबह खाली पेट पीएं, इससे मांसपेशियों को राहत मिलेगी।
व्यायाम
मांसपेशियों को स्वस्थ और सक्रिय बनाए रखने के लिए व्यायाम बहुत जरूरी है । रोज सुबह कम से कम पंद्रह मिनट का समय अवश्य निकालें,
नुस्खे
मांसपेशियों का व्यायाम कर लिया करें। अगर केवल दंड-बैठक कर लें, तो उतने भर से पेट और मांसपेशियों का अच्छा व्यायाम हो जाता है। मांसपेशियों के व्यायाम के अन्य तरीके भी सीख सकते हैं । बिस्तर पर लेट कर भी टांगों को ऊपर-नीचे कर लें, मयूरासन या धनुरासन कर लें, तो मांसपेशियों को बहुत राहत मिलती है। फिर आप अनुभव करेंगे कि आपका पाचन तंत्र भी ठीक होने लगा है और काम में फुर्ती भी रहने लगी है। दिन भर मन ऊर्जा से भरा रहेगा ।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल मलोट पंजाब
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गुठलियां
विजय गर्ग
मां जी, चाय!’ बहू की मीठी आवाज़ सुभद्रा के कानों में पड़ी। चाय का पहला घूंट पीते ही उसे लगा, चाय केवल दूध से ही तैयार की गई है। सुभद्रा पुलकित हो उठी, राकेश और रीना को उसकी सेहत की कितनी चिन्ता है! शायद इस बार उसने गांव से राकेश के साथ यहां आकर कोई गलती नहीं की है।
दीवार पर अपने पति की माला चढ़ी फोटो को देखते हुए वह पुरानी यादों में खो गई। बचपन के बारे में सोचते ही शहतूत के लिए बागों की ओर दौड़ते बच्चे उसकी आंखों के आगे घूमने लगते हैं। उसे शहतूत बहुत अच्छे लगते थे, पर वह चाहकर भी नहीं खा पाती थी। उन दिनों हर वर्ष उसके भाई-बहनों की संख्या में वृद्धि हो जाती थी और उनमें से किसी एक को कमर से टिकाए उसे मां के कामों में हाथ बंटाना पड़ता था। भाइयों से बहुत ईर्ष्या होती थी। मां उन्हें बादाम और चिलगोजे खाने को देती थी। पिताजी भी मूंगफली की तरह मेवे फांका करते थे। जब वह मांगती तो कहा जाता, यह सब चीजें लड़कियों के खाने के लिए नहीं होतीं। चौदह वर्ष की आयु में उसका विवाह हो गया था और तब से अब तक उसका समय बच्चे पैदा करने, करवाने और फिर उन बच्चों को पालने-पोसने में बीत गया था।
इन्हीं बातों को सोचते-सोचते वह थक गई। रोहित और नन्ही बिट्टी उसके पास बैठे आम खा रहे थे, पास ही राकेश खड़ा अखबार पढ़ रहा था।
‘मां, हम लोग कल बीस-पच्चीस दिनों लिए एलटीसी पर साऊथ जा रहे हैं…’ राकेश ने अखबार से आंख हटाए बिना मां से कहा। ‘तुम हमारे पीछे घर का जरा ध्यान रखना। वैसे रीना सब इन्तजाम करके जाएगी। तुम्हें हमारे पीछे कोई परेशानी नहीं होगी।’
गाढ़े दूध से तैयार चाय का आखिरी घूंट सुभद्रा को बहुत कड़वा लगा… तो इसलिए लाया गया है उसे गांव से। उधर बिट्टी गला फाड़-फाड़कर रोने लगी थी। रीना ने चुपके से गुठली वाला भाग रोहित को दे दिया था जबकि बिट्टी काफी देर से गुठली की मांग कर रही थी। रोहित अपनी छोटी बहन के रोने की परवाह किए बिना तेजी से गुठली चूसे जा रहा था।
विजय गर्ग सेवानिवृत्त प्रिंसिपल मलोट पंजाब
