सफलता का अचूक सूत्र
सफलता का अचूक सूत्र
सफलता अपने जीवन को सही दिशा प्रदान करती है बशर्ते वह
हमारे कदम सही दिशा के और बिना अहं का लक्ष्य हो । हर एक दिल में कोई ना कोई अरमान जरुर होते हैं । और अपने अरमानो कोपूरा करने के लिए हर इंसान कोशिश करता हैं । कुछ अपने अरमानो को पूरा करने में सफल होते हैं और कुछ असफल होते है। अगर हम अपने जीवन में सफलता प्राप्त करना चाहते हैं तो हमें दर्द को अपना दोस्त बनाना होगा । कॅरियर भी कुछ-कुछ जिंदगी जैसा ही होताहै ।जिंदगी की तरह ही कॅरियर में भी काफी उतार-चढ़ाव, सफलता-विफलता आदि देखने के बाद ही कामयाबी मिलती है । हालांकिजिंदगी में जैसे-जैसे हम अपने सफर पर आगे बढ़ेंगे वैसे ही हम स्वयं को ज्यादा खोया हुआ और निराश महसूस करेंगे ।ऐसे समय में हमअपने लक्ष्य से पीछे हटना चाहेंगे क्योंकि हमारा आत्मविश्वास डगमगा रहा होगा ।
यही वह समय होगा जब हमें अपने लक्ष्य के प्रति अडिग रहना होगा और स्वयं को प्रोत्साहित करना होगा । अतः असफलता ही सफलताकी जननी है। उमंगित मन तो अपनी लक्ष्य का आधा रास्ता अपने ओज और उत्साह से ही जीत लेता है । बाक़ी का आधा अपनीआत्मशक्ति से तय कर लेता है। अत: उत्साह से परिपूर्ण हो हमारा दिल तभी बन सकते हैं हम सफलता के काबिल । हम यह कभी न कहेकि हो गए असफल । क्योंकि हमारा लक्ष्य है अपने प्रयास के अंतिम छोर तक पहुँचने का ।
प्रदीप छाजेड़
( बोरावड़)