Culprit Tahalaka NewsCulprit Tahalaka News
Notification Show More
Font ResizerAa
  • राष्ट्रीय
  • अंतराष्ट्रीय
  • राज्य
    • असम
    • आन्ध्र प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • कर्नाटक
    • केरल
    • गुजरात
    • गोवा
    • छत्तीसगढ़
    • जम्मू
    • झारखंड
    • बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मेघालय
    • पंजाब
    • तमिलनाडु
    • राजस्थान
    • हरियाणा
    • तेलंगाना
    • त्रिपुरा
    • हिमाचल प्रदेश
  • उत्तर प्रदेश
    • लखनऊ
    • आगरा
    • इटावा
    • उन्नाव
    • एटा
    • कासगंज
    • अलीगढ़
    • औरैया
    • कन्नौज
    • गाजियाबाद
    • गोरखपुर
    • झांसी
    • नोएडा
    • पीलीभीत
    • प्रयागराज
    • फर्रुखाबाद
    • फिरोजाबाद
    • बरेली
    • कानपुर
    • अमेठी
    • बुलंदशहर
    • मथुरा
    • मुज़फ्फरनगर
    • मुरादाबाद
    • मेरठ
    • मैनपुरी
    • लखीमपुर
    • वाराणसी
    • शाहजहाँपुर
    • हमीरपुर
    • बांदा
    • गाजीपुर
    • अयोध्या
    • बाराबंकी
    • हरदोई
    • सीतापुर
    • हाथरस
  • Photo Stories
  • अपराध
  • लेख
  • मनोरंजन
  • खेल
  • महिला
  • स्वास्थ्य
Culprit Tahalaka NewsCulprit Tahalaka News
Font ResizerAa
  • Home
  • Latest
  • राष्ट्रीय
  • उत्तर प्रदेश
  • राज्य
  • लेख
  • अपराध
  • मनोरंजन
  • राजनीति
Search
  • राष्ट्रीय
  • अंतराष्ट्रीय
  • राज्य
    • असम
    • आन्ध्र प्रदेश
    • उत्तराखंड
    • कर्नाटक
    • केरल
    • गुजरात
    • गोवा
    • छत्तीसगढ़
    • जम्मू
    • झारखंड
    • बंगाल
    • बिहार
    • मध्य प्रदेश
    • महाराष्ट्र
    • मेघालय
    • पंजाब
    • तमिलनाडु
    • राजस्थान
    • हरियाणा
    • तेलंगाना
    • त्रिपुरा
    • हिमाचल प्रदेश
  • उत्तर प्रदेश
    • लखनऊ
    • आगरा
    • इटावा
    • उन्नाव
    • एटा
    • कासगंज
    • अलीगढ़
    • औरैया
    • कन्नौज
    • गाजियाबाद
    • गोरखपुर
    • झांसी
    • नोएडा
    • पीलीभीत
    • प्रयागराज
    • फर्रुखाबाद
    • फिरोजाबाद
    • बरेली
    • कानपुर
    • अमेठी
    • बुलंदशहर
    • मथुरा
    • मुज़फ्फरनगर
    • मुरादाबाद
    • मेरठ
    • मैनपुरी
    • लखीमपुर
    • वाराणसी
    • शाहजहाँपुर
    • हमीरपुर
    • बांदा
    • गाजीपुर
    • अयोध्या
    • बाराबंकी
    • हरदोई
    • सीतापुर
    • हाथरस
  • Photo Stories
  • अपराध
  • लेख
  • मनोरंजन
  • खेल
  • महिला
  • स्वास्थ्य
Follow US
Whatsapp ग्रुप जॉइन करने के लिए क्लिक करें
Festivalsलेख

शिव का विस्तार सृष्टि है, शिव का संकुचन प्रलय है (महाशिवरात्रि विशेष आलेख)

admin
Last updated: फ़रवरी 26, 2025 10:55 पूर्वाह्न
By admin 24 Views
Share
11 Min Read
SHARE

हिंदू धर्म में महाशिवरात्रि का विशेष महत्व है। पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि हर साल फाल्गुन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को महाशिवरात्रि का पर्व मनाया जाता है। इस साल महाशिवरात्रि 26 फरवरी को है।पौराणिक मान्यता के अनुसार, महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव और माता पार्वती का विवाह हुआ था।इस दिन भगवान भोलेनाथ की विधिवत पूजा करने के साथ व्रत रखने का विधान है। मान्यता है कि इस दिन शिवलिंग में मात्र जलाभिषेक करने से ही भोलेशंकर प्रसन्न हो जाते हैं और अपने साधक की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं। भगवान शिव की आराधना से जुड़ा यह पर्व वसंत ऋतु के बाद आता है और इस समय मौसम बहुत ही खुशगवार होता है और प्रकृति अपने पूरे परवान पर होती है, न अधिक सर्दी और न ही अधिक गर्मी। ऐसे में शिवरात्रि मानवमन को प्रसन्नता, उल्लास व खुशी से सरोबार कर देती है। पाठकों को जानकारी देना चाहूंगा कि हिंदू कैलेंडर के हर चंद्र-सौर महीने में महीने की 13वीं रात/14वें दिन शिवरात्रि होती है, लेकिन साल में एक बार सर्दियों के अंत में (फरवरी/मार्च, या फाल्गुन ) और गर्मियों के आगमन से पहले महाशिवरात्रि मनाई जाती है जिसका अर्थ है ‘शिव की महान रात।’ पाठकों को यह भी बताता चलूं कि शिव संस्कृत भाषा का शब्द है, जिसका अर्थ है, कल्याणकारी या शुभकारी। यजुर्वेद में शिव को शांतिदाता बताया गया है। ‘शि’ का अर्थ है, पापों का नाश करने वाला, जबकि ‘व’ का अर्थ देने वाला यानी दाता। शिव के नाम का जाप करने से साधक का कल्याण होता है और उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है। भगवान शिव शांतिदाता हैं। मतलब यह है कि जो शांत प्रिय है और शांति में लीन रहे वही शिव है।बहरहाल, आज विज्ञान ने भी यह साबित किया है कि इस सृष्टि में सब कुछ शून्यता से आता है और वापस शून्य में ही चला जाता है। इस अस्तित्व का आधार और संपूर्ण ब्रम्हांड का मौलिक गुण ही एक विराट शून्यता है। उसमें मौजूद आकाशगंगाएं केवल छोटी-मोटी गतिविधियां हैं, जो किसी फुहार की तरह हैं। उसके अलावा सब एक खालीपन है, जिसे शिव के नाम से जाना जाता है। शिव ही वो गर्भ हैं जिसमें से सब कुछ जन्म लेता है, और वे ही वो गुमनामी हैं, जिनमें सब कुछ फिर से समा जाता है। सब कुछ शिव से आता है, और फिर से शिव में चला जाता है। संक्षेप में कहें तो ‘शिव शून्य है।’वास्तव में शिव’ का शाब्दिक अर्थ है- ‘जो नहीं है’।शिव शब्द के दो अर्थ-‘योगी शिव और शून्यता।’ एक तरह के पर्यायवाची हैं, पर फिर भी वे दो अलग-अलग पहलू हैं।वैसे तो महाशिवरात्रि को भारत के अधिकतर क्षेत्रों में महाशिवरात्रि के नाम से ही अधिक जाना जाता है लेकिन महाशिवरात्रि पर्व के अन्य नाम भी है। महाशिवरात्रि को देश के अलग अलग हिस्सों में क्रमशःशिव चौदस, शिव चतुर्दशी एवं शिवरात्रि के नाम से भी जाना जाता है। इस जीव जगत में शिव को देवों का देव महादेव के नाम से भी जाना जाता है और शिव के बारे में यह कहा जाता है कि सत्य ही शिव हैं और शिव ही सुंदर है।यही कारण है कि संस्कृत में कहा गया है-सत्यं शिवम् सुंदरम्। शिवरात्रि के त्योहार को वैसे तो दुनिया के अनेक देशों में मनाया जाता है लेकिन इसे विशेषतया हिंदू, भारतीय, भारतीय प्रवासी ही मनाते हैं। महाशिवरात्रि भगवान शिव का सबसे पवित्र दिन है। वास्तव में यह दिन अपनी आत्मा को पुनीत करने ,उसे शुद्ध करने का दिन है।अपने आप में महाशिवरात्रि को
महा व्रत कहा जाये तो कोई अतिश्योक्ति नहीं होगी क्योंकि शिव शक्ति के प्रतीक है। इस व्रत को करने से सब पापों का स्वतः ही नाश हो जाता है। हिंसक प्रवृत्ति बदल जाती है और मनुष्य सद्गुणों की ओर अग्रसर होता है। महाशिवरात्रि के दिन बच्चे, बूढें, महिलाएं तक व्रत रखते हैं। शिवभक्त इस दिन उपवास रखते हैं और शिव मंदिरों में जाकर शिवलिंग पर जल, बेल-पत्र ,फूल पत्ते, फल, शहद, धतूरा ,दूध आदि चढ़ाते है तथा रात्रि जागरण करते हैं। यदि हम अनुष्ठानों की बात करें तो इस दिन रुद्राभिषेक, रुद्र महायज्ञ, रुद्र अष्टाध्यायी का पाठ, हवन, पूजन तथा बहुत प्रकार का अर्पण-अर्चना आदि शिवभक्तों द्वारा की जाती हैं। कहते हैं कि इस रावण द्वारा रचित शिव पाठ करने से शिव अत्यंत प्रसन्न होते हैं और भक्तों पर अपनी कृपा बरसाते है। एक मान्यता यह भी है कि शिवरात्रि के दिन शिवलिंग पर गन्ने का रस चढाने से धन धान्य की प्राप्ति होती है। धार्मिक मान्यता है कि इस दिन मिट्टी के बर्तन में पानी भरकर, ऊपर से बेलपत्र, आक धतूरे के पुष्प, चावल आदि डालकर ‘शिवलिंग’ पर चढ़ाये जाते है। अगर पास में शिवालय न हो, तो शुद्ध गीली मिट्टी से ही शिवलिंग बनाकर उसे पूजने का विधान है। वैसे तो शिवरात्रि हर महीने में आती है परंतु फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी को ही महाशिवरात्रि कहा गया है। ज्योतिषीय गणना के अनुसार सूर्य देव भी इस समय तक उत्तरायण में आ चुके होते हैं तथा ऋतु परिवर्तन का यह समय अत्यन्त शुभ एवं फलदायी होने के साथ ही मंगलदायक कहा गया है। महाशिवरात्रि पर रुद्राभिषेक का बहुत महत्त्व माना गया है और इस पर्व पर रुद्राभिषेक करने से सभी रोग और दोष समाप्त हो जाते हैं। शिवरात्रि से आशय हैं- वह रात्रि जिसका शिवतत्त्व से घनिष्ठ संबंध है। भगवान शिव की अतिप्रिय रात्रि को ही शिव रात्रि कहा जाता है। शिव पुराण की ईशान संहिता में यह बताया गया है कि फाल्गुन कृष्ण चतुर्दशी की रात्रि में आदिदेव भगवान शिव करोड़ों सूर्यों के समान प्रभाव वाले लिंग रूप में प्रकट हुए-‘फाल्गुनकृष्णचतुर्दश्यामादिदेवो महानिशि। शिवलिंगतयोद्भूत: कोटिसूर्यसमप्रभ:॥’वास्तव में शिवरात्रि सत्य और शक्ति का दिन है। शिव वास्तव में अनादि, अनंत, साकार, निराकार सब हैं। ओह्म नमः शिवाय का मंत्र शिव को अत्यंत प्रिय हैं।शिव त्रिदेवों में एक देव हैं। इन्हें देवों के देव भी कहते हैं। इन्हें भोलेनाथ, शंकर, महेश, रुद्र, नीलकंठ, गंगाधार आदि नामों से भी जाना जाता है। तंत्र साधना में इन्हे भैरव के नाम से भी जाना जाता है। वेद में शिव का नाम रूद्र कहा गया है। यह व्यक्ति की चेतना के अन्तर्यामी हैं। इनकी अर्धांगिनी (शक्ति) का नाम पार्वती है। इनके पुत्र कार्तिकेय और गणेश हैं, तथा पुत्री अशोक सुंदरी हैं। शिव अधिक्तर चित्रों में योगी के रूप में देखे जाते हैं और उनकी पूजा शिवलिंग तथा मूर्ति दोनों रूपों में की जाती है। शिव के गले में नागदेवता विराजित हैं और हाथों में डमरू और त्रिशूल लिए हुए हैं। जटाओं में गंगा का वास है।कैलाश में भी उनका वास है। अमरनाथ में शिव साक्षात विराजमान हैं। कैलाश में शिव का वास शैव मत के आधार है। इस मत में शिव के साथ शक्ति सर्व रूप में पूजित है।

भगवान शिव को संहार का देवता कहा जाता है। भगवान शिव सौम्य आकृति एवं रौद्ररूप दोनों के लिए विख्यात हैं। अन्य देवों से शिव को भिन्न माना गया है। सृष्टि की उत्पत्ति, स्थिति एवं संहार के अधिपति शिव हैं। त्रिदेवों में भगवान शिव संहार के देवता माने गए हैं। शिव अनादि तथा सृष्टि प्रक्रिया के आदिस्रोत हैं और यह काल महाकाल ही ज्योतिषशास्त्र के आधार हैं। शिव का अर्थ यद्यपि कल्याणकारी माना गया है, लेकिन वे हमेशा लय एवं प्रलय दोनों को अपने अधीन किए हुए हैं। राम, रावण, शनि, कश्यप ऋषि आदि इनके भक्त हुए है। शिव सभी को समान दृष्टि से देखते है इसलिये उन्हें महादेव कहा जाता है। शिव के कुछ प्रचलित नाम, महाकाल, आदिदेव, किरात, चन्द्रशेखर, जटाधारी, नागनाथ, मृत्युंजय, त्रयम्बक, महेश, विश्वेश, महारुद्र, विषधर, नीलकण्ठ, महाशिव, उमापति, काल भैरव, भूतनाथ आदि। आओ हम सब इस शिवरात्रि को भगवान शिव की पूजा अर्चना करके अपने जीवन को धन्य बनायें। सृष्टि के आदि स्रोत भगवान शिव हमेशा ही कृपा बरसाने वाले,मंगलकारी, विघ्न हर्ता हैं। अंत में यही कहूंगा कि शिव की सत्ता सर्वव्यापी है। प्रत्येक व्यक्ति में आत्म-रूप में शिव का निवास है। कहा भी गया है कि-‘अहं शिवः शिवश्चार्य, त्वं चापि शिव एव हि।सर्व शिवमयं ब्रह्म, शिवात्परं न किञचन।।’ मतलब यह है कि मैं शिव, तू शिव सब कुछ शिव मय है। शिव से परे कुछ भी नहीं है। शिव के बारे में कहा गया है- ‘शिवोदाता, शिवोभोक्ता शिवं सर्वमिदं जगत्। तात्पर्य यह है कि शिव ही दाता हैं, शिव ही भोक्ता हैं। जो दिखाई पड़ रहा है, यह सब शिव ही है। शिव का अर्थ है-जिसे सब चाहते हैं। सब चाहते हैं अखण्ड आनंद को। शिव का अर्थ है आनंद। शिव का अर्थ है-परम मंगल, परम कल्याण। शिव का विस्तार सृष्टि है, शिव का संकुचन प्रलय है। अतः शिव के निर्गुण एवं सगुण दोनों ही स्वरूप स्वीकार्य हैं। सच तो यह है कि सृष्टि का अनादि तत्व शिव है। यही कारण है-सृष्टि, स्थिति एवं प्रलय का। शिव का स्वरूप ज्योतिर्लिंग के रूप में है। इस ज्योतिर्लिंग में ही सब कुछ समाहित है।यह ब्रह्माण्ड शिव का ही साकार स्वरूप है।उसकी निज शक्ति अर्थात् माया का ही पसारा है। शिव एवं शिवा अर्थात् ब्रह्म एवम् उसकी निज शक्ति (प्रकृति) दोनों तदाकार हैं। इसीलिए शिव का एक नाम अर्द्धनारीश्वर भी है।शिव का स्वरूप निराकार एवं साकार दोनों हैं।तो आइए ! हम सब शिव की पूजा-अर्चना से जीवन का कल्याण करें।

सुनील कुमार महला, फ्रीलांस राइटर, कालमिस्ट व युवा साहित्यकार, उत्तराखंड।

Share This Article
Facebook X Whatsapp Whatsapp Copy Link Print
What do you think?
Love0
Sad0
Happy0
Sleepy0
Angry0
Dead0
Previous Article थाना कासगंज पुलिस द्वारा 01 वारंटी अभियुक्त को किया गिरफ्तार, न्यायालय के समक्ष किया गया पेश।
Next Article भारतीय उच्च शिक्षा में महिलाओं के अग्रणी परिवर्तन
Leave a Comment Leave a Comment

प्रातिक्रिया दे जवाब रद्द करें

आपका ईमेल पता प्रकाशित नहीं किया जाएगा. आवश्यक फ़ील्ड चिह्नित हैं *

Read Culprit Tahalka PDF

Latest Updates

अलीगढ़आगरा

जिला निर्वाचन अधिकारी की अध्यक्षता में राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ बैठक सम्पन्न

दिसम्बर 6, 2025
अलीगढ़आगरा

थाना पिलुआ क्षेत्रांतर्गत मिश्रित आबादी वाले क्षेत्रों में ड्रोन से सर्वे कर लिया गया सुरक्षा व्यवस्था का जायजा।

दिसम्बर 6, 2025
अपराधअलीगढ़

थाना बागवाला पुलिस द्वारा दहेज हत्या के मामले से संबंधित दो अभियुक्तों को किया गया गिरफ्तार

दिसम्बर 6, 2025
अलीगढ़आगरा

निधौली कलां पुलिस ने गैर इरादतन हत्या के मामले में वाँछित चल रहे अभियुक्त को किया गिरफ्तार

दिसम्बर 6, 2025

You May also Like

लेख

क्रिकेट : खिलाड़ी, कोच और टीम प्रबंधन सवालों के घेरे में

नवम्बर 29, 2025
लेख

चमकते शहरों में उपेक्षित बेघर लोग

नवम्बर 29, 2025
लेख

भारतीय चेतना की कृतज्ञता और पाश्चात्य जगत का थैंक्स गिविंग डे

नवम्बर 28, 2025
उत्तर प्रदेशएटा

सपा ने लोधी राकेश राजपूत को बनाया एटा-कासगंज का SIR प्रभारी….मतदाता पुनरीक्षण की करेंगे निगरानी

नवम्बर 28, 2025
Show More
Culprit Tahalaka News

कलप्रिट तहलका (राष्ट्रीय हिन्दी साप्ताहिक) भारत/उप्र सरकार से मान्यता प्राप्त वर्ष 2002 से प्रकाशित। आप सभी के सहयोग से अब वेब माध्यम से आपके सामने उपस्थित है। समाचार,विज्ञापन,लेख व हमसे जुड़ने के लिए संम्पर्क करें।

Youtube Facebook X-twitter

Important Links

  • Home
  • Latest News
  • Contact
  • About Us
  • Privacy Policy
  • Terms and Condition
  • Join Us
© Copyright 2025, All Rights Reserved  |   Made by SSG & Technology