समाजवादी पार्टी कासगंज के जिला प्रवक्ता व उपाध्यक्ष लक्ष्मनसिंह यादव ने कहा कि इटावा में कथावाचक के साथ जो अमानवीय व्यवहार बेहद दुर्भाग्यपूर्ण व निंदनीय है । भारतीय संविधान जातिगत भेदभाव की अनुमति नहीं देता है यह कार्य संविधान विरोधी है क्योंकि कथा पर सभी का अधिकार सुनने व कहने का होता है। इस सरकार में धर्म के नाम पर कभी जातियों के नाम पर पी डी ए के लोगों पर अत्याचार हो रहे हैं इन अत्याचारों से सरकार राजनैतिक लाभ लेना चाहतीं हैं।सपा नेता लक्ष्मनसिंह यादव ने कहा कि भागवत कथा यदुवंशी श्री कृष्ण भगवान के उपदेशों से है इस कथा को यादव नहीं कहेगा तो कौन कहेगा इस बात की भी चर्चा संसद में होनी चाहिए। इटावा में कथावाचक के साथ जो घृणित कार्य उन लोगों द्वारा किया गया है जो इस पर एकाधिकार वनाए हुए हैं इन लोगों को पी डी ए के लोगों द्वारा दिया गया दान, चंदा, चढ़ावा भी नहीं लेना चाहिए और वोट भी नहीं लेना चाहिए। जिस दिन ये पी डी ए के लोग एक जुट हो जाएंगे उसी दिन भाजपा सरकार का पतन हो जाएगा। इस घटना की निंदा करने वाले डां ज्ञानसिंह यादव, रामरहीस सिंह यादव, श्याम सिंह यादव, जुगेंद्र सिंह यादव, विवेक कुमार, सुनील कुमार, पुष्पेन्द्र यादव, मुनेश कुमार, नरेश कुमार, गुरुमीत यादव, प्रशांत यादव, सचिन यादव, टिंकू यादव, विनोद कुमार, सोनू यादव, आशीष यादव, रोहित यादव, श्यामू यादव, मनवीर सिंह, जगदीश यादव, मुनेन्द्र यादव, गिरीश कुमार, घनश्याम यादव, अंकुर यादव, भोले यादव आदि सैकड़ों लोगों ने विरोध जताया।*
