एक मौत के बाद पैथोलॉजी सीज करके स्वास्थ्य विभाग ने फिर स्वयं को किया पाक-साफ
अमित माथुर (सब एडिटर)
एटा। शहर ही नहीं अपितु पूरे जनपद के कस्बों से लेकर गांव-देहात में अवैध अस्पताल और पैथोलॉजी का अवैध धंधा अपने चरम पर है लेकिन स्वास्थ्य विभाग जानबूझकर इन अवैध अस्पताल और पैथोलॉजी की अनदेखी करता आ रहा है।
समय-समय पर चेकिंग अभियान के नाम पर वसूली अभियान भी चलाया जाता है लेकिन स्थिति ज्यों के त्यों वाली बनी हुई है।
सीएमओ डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी के कार्यकाल में लगातार अवैध अस्पताल और अवैध पैथोलॉजी की संख्या में इजाफा हुआ है इससे प्रतीत हो रहा है स्वास्थ्य विभाग में बैठकर कोई न कोई इन अवैध अस्पताल और पैथोलॉजी चलाने वाले माफियाओं को संरक्षण दे रहा है।
जनपद में जलेसर कस्बे से लेकर अवागढ़, निधौली कलां, मारहरा, अलीगंज,जैथरा, धुमरी, रिजोर, सकीट में बड़ी संख्या में छोलाछाप डाॅक्टर अस्पताल, क्लिनिक दुकानें खोलकर लोगों का इलाज कर रहे हैं, और जब इन स्थानों पर गलत उपचार से लोगों की जानें चली जाती हैं तो सीएमओ डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी इन अवैध अस्पताल और पैथोलॉजी पर सीज कार्यवाही करके अपनी लापरवाही पर पर्दा डालकर बच जाते हैं।
आगरा रोड़ पर बस स्टैंड से लेकर जलेसर तक तमाम अवैध अस्पताल और पैथोलॉजी धड़ल्ले से चल रहे हैं इसके अलावा फरुर्खाबाद रोड़ पर अलीगंज चुंगी से लेकर अलीगंज तक तमाम अवैध अस्पताल पैथोलॉजी खुलेआम चल रहे हैं और ऐसा नहीं है स्वास्थ्य विभाग इन सबसे अनजान है इन सबकी स्वास्थ्य विभाग को अच्छे से जानकारी है लेकिन कार्यवाही तभी होगी और उसी अस्पताल और पैथोलॉजी पर होगी जिस पर किसी जच्चा-बच्चा या आदमी की गलत उपचार से मौत होगी।
ऐसा भी कह सकते हैं सीएमओ डॉ उमेश कुमार त्रिपाठी की रणनीति है कि इन अवैध अस्पताल और पैथोलॉजी पर आंखें बंद करके रखो और जब किसी अवै अस्पताल, पैथोलॉजी पर किसी की मौत हो जाए तो उसपर कार्यवाही करके खानापूर्ति करके चलते बनो।
*सिटी पैथोलॉजी पहले भी रहा है विवादों में….*
शहर के बीचोंबीच संचालित अवैध पैथोलॉजी पर एक बुजुर्ग की गलत ब्लड चढ़ाने से मौत के बाद भले ही स्वास्थ्य विभाग ने पैथॉलाजी को सीज कर दिया हो लेकिन सवाल यही है आखिर कई बार विवादों में रहने के बाद भी यह पैथोलॉजी शहर में चल रही थी और स्वास्थ्य विभाग को इसकी जानकारी थी या जानबूझकर आंखें बंद करके रखी थी।
बता दें इस अवैध पैथोलॉजी संचालक पर पहले भी चरसी और नशेड़ियों का 100-200 रुपए में खून निकालने के आरोप लगते आए हैं इसके बाबजूद भी लंबे समय से यह अवैध पैथोलॉजी शहर के बीचोंबीच खुलेआम चल रही थी इसमें कहीं न कहीं स्वास्थ्य विभाग की संलिप्तता होने के सवाल उठ रहे हैं।
अवैध अस्पताल और पैथोलॉजी पर छोलाछाप डाॅक्टरों द्वारा आयेदिन हो रही मौतों का संज्ञान लेकर डीएम साहब को स्वयं स्वास्थ्य विभाग जांच टीम की संलिप्तता की जांच-पड़ताल करानी चाहिए।