कुश्ती महासंघ अध्यक्ष बृजभूषण सिंह के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दो एफआईआर दर्ज ( एक पास्को एक्ट में ) : पहलवानों का यौन उत्पीड़न मामला
नई दिल्ली । दिल्ली पुलिस ने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ देश के शीर्ष पहलवानों द्वारा यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए जाने के बाद उनके खिलाफ कनॉट प्लेस थाने में 2 केस दर्ज किए हैं. बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट सहित पहलवानों की ओर से दिल्ली के जंतर मंतर पर विरोध प्रदर्शन के बीच, दिल्ली पुलिस, जो केन्द्रीय गृह मंत्रालय के तहत काम करती है, ने सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद दो एफआईआर दर्ज कीं है.
एफआईआर में से एक नाबालिग द्वारा यौन उत्पीड़न की शिकायत पर पास्को एक्ट में है. दूसरी प्राथमिकी अन्य पहलवानों द्वारा लगाए गए यौन उत्पीड़न के आरोपों से जुड़ी है. अब एफआईआर के बाद पुलिस की दो टीमें आरोपों के की तफ्तीश करेगी. बहरहाल, डीसीपी प्रणव तयाल ने इसकी पुष्टि कर दी है. सूत्रों ने कहा कि दिल्ली पुलिस इस मामले को सक्रियता से आगे बढ़ाएगी.
इस घटना क्रम से पूर्व 26 फरवरी को दिल्ली पुलिस ने बताया था कि बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों की जांच के लिए खेल मंत्रालय द्वारा गठित जांच समिति से रिपोर्ट मांगी गई है और बृजभूषण शरण सिंह के खिलाफ 7 शिकायतें मिली थी जिनकी जांच गंभीरता से जारी हैं.
ज्ञात हो कि बृजभूषण सिंह पूर्वांचल की सियासत में बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं और बाहुबली सांसद हैं ने अपने खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोपों में पुलिस मामला दर्ज करने के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का स्वागत किया. उन्होंने संवाददाताओं से कहा कि दिल्ली के जंतर-मंतर पर धरने पर बैठने से पहले पहलवानों को मामले की जांच के लिए गठित समिति की रिपोर्ट का इंतजार करना चाहिए था.
बृजभूषण शरण सिंह ने कहा, “मैं न्यायपालिका के फैसले से खुश हूं. दिल्ली पुलिस आरोपों की जांच करेगी और मैं उनके साथ हर संभव तरीके से सहयोग करने के लिए तैयार हूं. इस देश में न्यायपालिका से बड़ा कोई नहीं है. प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश आ गया है. सरकार ने भी कहा था कि उसे प्राथमिकी दर्ज करने में कोई आपत्ति नहीं है. मैं सुप्रीम कोर्ट से बड़ा नहीं हूं. मैं आदेश का स्वागत करता हूं.
विदित हो कि सुप्रीम कोर्ट में कल शुक्रवार को देश के शीर्ष पहलवानों की भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष बृजभूषण शरण सिंह द्वारा कथित यौन दुराचार के खिलाफ एक याचिका पर सुनवाई हुई थी. इसके बाद दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हम सुप्रीम कोर्ट के आदेश का सम्मान करते हैं. लेकिन धरना जारी रहेगा. उन्होंने कहा कि हमें दिल्ली पुलिस पर भरोसा नहीं, वह कमजोर प्राथमिकी दर्ज कर सकती है. अब देर रात केस भी दर्ज कर लिया गया है.
इससे पहले दिल्ली के जंतर-मंतर पर प्रदर्शन कर रहे पहलवानों ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि उन्हें दिल्ली पुलिस की जांच पर भरोसा नहीं है. केस देर से दर्ज किया गया है. बृजभूषण सिंह को सभी पदों से हटाया जाना चाहिए. सुप्रीम कोर्ट का हम सम्मान करते हैं. स्पोर्ट्स को बचाना है तो हमें एक साथ आना होगा. बृजभूषण पद का दुरुपयोग कर सकते हैं. बृजभूषण पर तुरंत कार्रवाई करना चाहिए और तुरंत जेल भेजना चाहिए. यह लड़ाई उसके जैसे लोगों को सजा देने के लिए है. उन्हें जेल में रहने और उनके विभागों को छीनने की जरूरत है.
बता दें कि दरअसल, पहलवान तीन महीने में दूसरी बार धरने पर बैठे हैं. इससे पहले पहलवानों ने जनवरी में भी धरना दिया था. हालांकि, तब खेल मंत्रालय के दखल के बाद पहलवानों ने अपना धरना खत्म कर दिया था. तब खेल मंत्रालय ने पहलवानों द्वारा लगाए जा रहे आरोपों की जांच के लिए कमेटी का गठन किया था. अब तीन महीने बाद पहलवान फिर धरना दे रहे हैं. पहलवानों ने अब कमेटी पर ही सवाल खड़े किए हैं.
उधर, खाप पंचायतों और किसान संगठनों ने भी जंतर मंतर पर पहलवानों का समर्थन करने का ऐलान किया है.
इस विवादास्पद घटनाक्रम के बीच कैसरगंज से भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह का भावुक संदेश सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है, जिसमें सांसद बृजभूषण शरण सिंह आज की परिस्थितियों पर एक कविता सुना रहे हैं. इस कविता में सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि जिस दिन मैं यह समझ लूंगा कि मैं अब संघर्ष करने की क्षमता नहीं है, उस दिन मौत को अपने समीप देखना चाहूंगा.
भाजपा सांसद बृजभूषण शरण सिंह ने कहा है कि मित्रों जिस दिन मैं महसूस करूंगा कि मैं लाचार हूं, बेचारा हूं… ऐसी जिंदगी जीना मैं पसंद नहीं करूंगा. सांसद बृजभूषण शरण सिंह के प्रतिनिधि (निजी सचिव) संजीव सिंह ने अपने फेसबुक वॉल पर मैसेज के साथ बृजभूषण सिंह का यह वीडियो पोस्ट किया है.
बृजभूषण सिंह 2011 में रेसलिंग फेडरेशन के अध्यक्ष बने थे. उसके बाद से लगातार तीन बार से वो अध्यक्ष बन रहे हैं. आखिरी बार बृजभूषण सिंह 2019 में अध्यक्ष बने थे. उनका कार्यकाल इस साल ही खत्म होने वाला है.
बृजभूषण शरण सिंह की ताकत को जाने ?
बृजभूषण सिंह पूर्वांचल की सियासत में बीजेपी के दिग्गज नेता माने जाते हैं और बाहुबली भी हैं. ठाकुर समुदाय के बीच उनकी ठीक-ठाक पकड़ है. बस्ती और देवीपाटन मंडल में बीजेपी के सबसे कद्दावर नेता हैं.
उत्तर प्रदेश के गोंडा के रहने वाले बृजभूषण शरण सिंह कैसरगंज लोकसभा सीट से BJP के सांसद हैं. बृजभूषण सिंह की गिनती दबंग नेताओं में होती है. छात्र जीवन से ही वह राजनीतिक तौर पर बेहद सक्रिय रहे. उनका युवा जीवन अयोध्या के अखाड़ों में गुजरा. कॉलेज के दौर में ही वे छात्रसंघ के अध्यक्ष चुने गए और इसके बाद उनका राजनीतिक सफर शुरू हो गया. साल 1991 में पहली बार सांसद बने बृजभूषण शरण सिंह, 1999, 2004, 2009, 2014 और 2019 में भी लोकसभा पहुंचे. बृजभूषण शरण अब तक 6 बार सांसद चुने जा चुके हैं. साल 1996 में जब बृजभूषण सिंह टाडा के तहत तिहाड़ जेल में सजा काट रहे थे तब इनकी पत्नी केतकी सिंह ने गोंडा सीट से चुनाव लड़ा और कांग्रेस के आनंद सिंह को शिकस्त दी है उनका बेटा दो बार से विधायक है.
बृजभूषण शरण सिंह यूं तो 1991 में आनंद सिंह के खिलाफ चुनाव लड़े और पहली बार सांसद चुने गए. इसके बाद से गोंडा, बलरामपुर और कैसरगंज से सांसद रह चुके हैं. राममंदिर आंदोलन के दौरान बीजेपी से जुड़े और अयोध्या में बाबरी विध्वंस में भी शामिल रहे. बृजभूषण सिंह का बीजेपी में एक बाहुबली नेता के रूप में उदय था, जिन्होंने पहलवानी अखाड़े से लेकर सियासी रणभूमि तक अपनी ताकत का एहसास कराया. पहलवानी से भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष तक और बीजेपी से लेकर सपा तक बाहुबली नेता बृजभूषण ने हर बार खुद को सियासी दुनिया का बाहुबली साबित किया है.