एटा -एडीजी ज़ोन आगरा श्रीमती अनुपमा कुलश्रेष्ठ के निर्देशन में जनपदीय पुलिस द्वारा ऑपरेशन जागृति 5.0 के तहत एलोपमेंट व टीन एज से जुड़ी समस्याओं पर जन-जागरूकता अभियान चला कर आम जन को किया जागरूक।
एटा – एडीजी ज़ोन आगरा श्रीमती अनुपमा कुलश्रेष्ठ के निर्देशन में एवं वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक एटा श्री श्याम नारायण सिंह के मार्गदर्शन में जनपदीय पुलिस द्वारा विशेष 10 दिवसीय अभियान ऑपरेशन जागृति 5.0 के अंतर्गत एलोपमेंट (नाबालिग अथवा युवक-युवतियों का बहकावे में आकर घर से चले जाना) एवं टीन एज (किशोरावस्था) से जुड़ी संवेदनशील समस्याओं की रोकथाम हेतु व्यापक जन-जागरूकता अभियान चलाया जा रहा है । अभियान के तहत जनपद के समस्त थाना क्षेत्रों में पुलिस टीमों द्वारा ग्रामीण एवं शहरी इलाकों, बाजारों, शिक्षण संस्थानों तथा सार्वजनिक स्थलों पर आमजन, अभिभावकों एवं टीन एज के बच्चों से सीधा संवाद स्थापित किया गया। इस दौरान किशोरावस्था में भावनात्मक अस्थिरता, सोशल मीडिया के प्रभाव, गलत संगति एवं जल्दबाजी में लिए गए निर्णयों के दुष्परिणामों के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई।
जनपदीय पुलिस द्वारा बताया गया कि टीन एज में भावनाओं में बहकर लिए गए निर्णय कई बार एलोपमेंट जैसी घटनाओं का कारण बन जाते हैं, जिससे न केवल बच्चों का भविष्य प्रभावित होता है, बल्कि परिवारों को भी गंभीर मानसिक एवं सामाजिक परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसी उद्देश्य से ऑपरेशन जागृति 5.0 के माध्यम से समय रहते किशोरों, अभिभावकों एवं समाज को सजग करने का प्रयास किया जा रहा है। अभियान के अंतर्गत अभिभावकों से विशेष रूप से अपील की गई कि वे अपने टीन एज के बच्चों से मित्रवत व्यवहार रखें, नियमित संवाद बनाए रखें तथा उनकी ऑनलाइन गतिविधियों एवं मित्रों की संगति पर सतर्क दृष्टि रखें। वहीं किशोरों को यह भी समझाया गया कि किसी के बहकावे में आकर घर छोड़ना उनके सपनों, शिक्षा एवं भविष्य के लिए गंभीर रूप से नुकसानदायक हो सकता है।
अभियान के अंतर्गत टीन एज एवं एलोपमेंट को लेकर बिंदुवार दी गई प्रमुख जानकारियाँ—
• टीन एज भावनात्मक रूप से संवेदनशील समय होता है, जिसमें सही मार्गदर्शन अत्यंत आवश्यक है।
• सोशल मीडिया एवं ऑनलाइन संपर्कों के प्रति विशेष सतर्कता बरतें।
• अभिभावक बच्चों की मानसिक स्थिति को समझें और उन पर अनावश्यक दबाव न डालें।
• किसी भी नाबालिग के घर से अचानक चले जाने की स्थिति में विलंब किए बिना तुरंत पुलिस को सूचना दें।
• प्रारंभिक सूचना मिलने पर पुलिस द्वारा त्वरित कार्रवाई कर सुरक्षित बरामदगी सुनिश्चित की जाती है।
• समाज, विद्यालय एवं पुलिस के समन्वय से ही एलोपमेंट जैसी घटनाओं पर प्रभावी नियंत्रण संभव है।
जनपदीय पुलिस द्वारा यह भी स्पष्ट किया गया कि एलोपमेंट से जुड़े मामलों में समय पर सूचना मिलना सबसे महत्वपूर्ण होता है, जिससे समय रहते प्रभावी कार्रवाई कर बच्चों एवं युवाओं को सुरक्षित उनके परिजनों तक पहुंचाया जा सके।
अंत में जनपदीय पुलिस द्वारा ऑपरेशन जागृति 5.0 के अंतर्गत एलोपमेंट एवं टीन एज से जुड़ी समस्याओं की रोकथाम हेतु इस प्रकार के जन-जागरूकता अभियानों को भविष्य में भी निरंतर जारी रखने की प्रतिबद्धता व्यक्त की गई।
