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UP Nikay Chunav 2023: सपा में दिखी अंदरूनी कलह, अमेठी में विधायक को बिना बताए जिलाध्यक्ष ने करा दिया नामांकन

अमेठी: नगर पंचायत अध्यक्ष पद के लिए समाजवादी पार्टी के बैनर तले जमीरुल के नामांकन को लेकर पार्टी में विरोध शुरू हो गया है. आरोप है कि पार्टी के जिलाध्यक्ष राम उदित यादव ने चुपचाप जमीरुल को ले जाकर नामांकन करा दिया और इसमें स्थानीय विधायक महाराजी देवी तक को सूचना नहीं दी. इस बात को लेकर पार्टी के तमाम कार्यकर्ताओं ने मोर्चा खोल दिया है. खुद विधायक महाराजी देवी ने भी आगे आकर विरोध जताया है.

कहा कि यदि पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने टिकट दिया है तो उन्हें कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन जिलाध्यक्ष की मनमानी बर्दाश्त नहीं की जाएगी. उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री रहे गायत्री प्रजापति की पत्नी और विधायक महाराजी देवी ने कहा कि चुनाव चाहे कोई भी हो, अकेले दम पर नहीं जीता जाता. इसके लिए सभी का सहयोग होता है. यहां अकेले जिलाध्यक्ष ने पार्टी के बैनर तले एक प्रत्याशी का नामांकन कराया है. यह गलत है.

उधर, लगातार उठते विरोध के सुर को देखते हुए जिलाध्यक्ष राम उदित यादव ने सफाई दी है. उन्होंने विधायक की बीमारी का हवाला देते हुए डैमेज कंट्रोल किया. कहा कि इस हालत में विधायक को बुलाना ठीक नहीं था. पार्टी के पदाधिकारियों की माने तो अमेठी नगर पंचायत में अध्यक्ष पद के लिए सामाजवादी पार्टी की ओर से जमीरुल ने नामांकन दाखिल किया है. इस नामांकन के वक्त केवल पार्टी के जिला अध्यक्ष राम उदित यादव मौजूद रहे.

कहा जा रहा है कि राम उदित यादव ने जमीरुल को टिकट देने और उनके नामांकन तक की जानकारी विधायक और पार्टी के अन्य पदाधिकारियों से छिपाने का प्रयास किया. अब मामले की जानकारी होने पर विधायक महाराजी देवी ने मोर्चा खोल दिया है. उन्होंने कहा कि यदि जमीरुल को पार्टी सुप्रीमो ने टिकट दिया है तो वह उनका सम्मान करेंगी, लेकिन इसमें जिला अध्यक्ष की मनमानी पार्टी के लिए ठीक नहीं है.

प्रभावित हो सकता है चुनाव परिणाम

उन्होंने कहा कि चुनाव सब के सहयोग से जीता जाता है. अकेले कोई चुनाव नहीं जीत सकता. वहीं पार्टी के अन्य कार्यकर्ताओं और पदाधिकारियों ने जिलाध्यक्ष के सामने नाराजगी जाहिर की है. चेतावनी दी है कि इस मनमानी का परिणाम भारी पड़ सकता है.सामाजवादी पार्टी अमेठी में जिस तरह से विरोध हो रहा है, भीतर घात की संभावना प्रबल हो रही है.

इसका असर चुनाव परिणाम पर भी पड़ने की आशंका है. खुद पार्टी के ही उच्च पदाधिकारी मानते हैं कि विधायक और स्थानीय नेताओं की नाराजगी की वजह से यह सीट पार्टी के खाते से निकल सकती है. कहा जा रहा है कि जिला अध्यक्ष अपने निजी स्वार्थ की वजह से इस तरह की मनमानी कर रहे हैं. कहा तो यह भी जा रहा है कि जिला अध्यक्ष निकाय चुनाव में मोटी रकम लेकर अपने चहेतों को टिकट दे रहे हैं. इस संबंध में पार्टी सुप्रीमो तक शिकायत भेजी गई है.

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