उत्तर प्रदेशएटा

ट्रक-बसों व भारी वाहनों का चक्का जाम…. एआरटीओ ने ट्रांसपोर्ट कर्मचारी एवं यूनियनों के पदाधिकारियों के साथ की बैठक

एटा। केंद्र सरकार के नए कानून को लेकर बस और ट्रक ड्राइवर्स देशभर में प्रदर्शन कर रहे हैं, विरोध प्रदर्शन में ट्रक डाइवर्स और डंपर्स चालकों ने चक्का जाम कर दिया है जिसकी वजह से आम जनता को भारी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है, हालात ये हो गए हैं कि देश में कई जगहों पर पेट्रोल और डीजल की भारी कमी हो गई है।
नए कानून के तहत ट्रक या डंपर या बस चालक किसी शख्स को कुचलकर भाग जाता है तो उसे 10 साल की सजा हो सकती है, इसके अलावा उसके ऊपर लाखों रुपयों का जुर्माना लगाने का भी प्रावधान रखा गया है। इससे पहले आरोपी ड्राइवर को कुछ दिनों के भीतर जमानत मिल जाती थी, हालांकि पुराने कानून में भी 2 साल की सजा का प्रावधान था लेकिन अब इसे बढ़ाकर 10 साल कर दिया गया है।
इसी क्रम एआरटीओ सतेन्द्र कुमार ने मंगलवार को कार्यालय पर ट्रांसपोर्ट कर्मचारी एवं यूनियन के पदाधिकारियों के साथ बैठक की।
बैठक में एआरटीओ सतेन्द्र कुमार ने दूसरे देशों के कानूनों का हवाला देते हुए कहा कि दूसरे देशों में भी हिट एंड रन को लेकर सख्त कानून का प्रावधान है जिसके चलते वहां सड़क दुर्घटनाएं ना के बराबर होती हैं इसलिए इस नए प्रावधान के बाद देश में सड़क दुर्घटनाओं में कमी आएगी, इसलिए सभी ट्रांसपोर्ट मालिकों एवं यूनियन को‌ इसका समर्थन करना चाहिए और सरकार के साथ सामंजस्य बनाते हुए इस चक्का जाम विरोध-प्रदर्शन को बंद कर देश की तरक्की एवं विकास में भूमिका निभानी चाहिए।
साथ ही आरआई अजय कुमार गुप्ता ने बैठक में उपस्थित सभी ट्रांसपोर्ट कर्मचारियों एवं यूनियन के पदाधिकारियों से विरोध-प्रदर्शन और चक्का जाम को समाप्त करने की अपील की।

Amit Mathur

अमित माथुर - उप संपादक कलप्रिट तहलका
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