*जब इतने दोष , फिर क्यों हैं निर्दोष …….?*
थाना कोतवाली अलीगंज के कोतवाल निर्दोष सिंह सेंगर के कार्यकाल में अलीगंज में खुलेआम सट्टे का कारोबार फैल रहा है , और मजे की बात यह है कि अब तक लंबे समय से चल रहा है यह अवैध कारोबार कोतवाली के प्रभारी अधिकारी निर्दोष सिंह सेंगर को दिखाई नहीं दिया ।
*अलीगंज में सट्टे का काम , रोकने में कोतवाल नाकाम*
स्थानीय लोगों का आरोप है कि सत्ता और पुलिस के संरक्षण में अवैध धंधा चल रहा है , अब सत्ता कौन है और पुलिस कौन है यह भी सब समझ रहे हैं ।
निर्दोष सिंह सेंगर की कार्यशैली पूरे जनपद में अब तक ढीली ढाली रही है , ऐसी कौन सी विशेषता निर्दोष सिंह सेंगर के अंदर है , जिसके चलते उन्हें जनपद की सबसे बड़ी कोतवाली में से एक अलीगंज कोतवाली का
प्रभारी बनाया गया है ?
सूत्रों की मानें तो साहब एक शौक भी रखते हैं ,
साहब मोबाइल में गेम खेलने के भारी शौकीन बताए जाते हैं , लेकिन मोबाइल के गेम से कोतवाली नहीं चलती साहब ।
*गहरी जमी हुई हैं सट्टे की जड़ें ?*
सूत्र बताते हैं कि नगला पड़ाव और मोहल्ला काजी तो बस ट्रेलर हैं , अलीगंज में काफी समय से दर्जन भर से अधिक जगहों पर सट्टे की खाईबाड़ी हो रही है , ऐसा कैसे हो सकता है कि थाना पुलिस को सट्टे की खाईबाडी कोई जानकारी अब तक नहीं है ?
आगे सूत्र बताते हैं कि इलाका पुलिस इसे नहीं रोक सकती , इसे रोकने के लिए SOG की कार्यवाही करानी पड़ेगी , तभी सट्टे का तंत्र ध्वस्त होगा।
*निगाहें अब वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक की ओर*
अब इस मामले में सट्टे के इस तंत्र को तोड़ने के लिए पुलिस अधीक्षक श्याम नारायण सिंह कठोर कार्यवाही करेंगे या स्पष्ट दोष होने के बाद भी साहब सदैव निर्दोष ही बने रहेंगे ।
*पवन चतुर्वेदी*
डिविजनल ब्यूरो चीफ
