उत्तर प्रदेशगाजीपुर

कब सुधरेगा प्रशासन? दिव्यांगों को ट्राइसाइकिल देने के लिए बुलाया, आए तो जमीन पर बैठाया

उत्तर प्रदेश के गाजीपुर में दिव्यांगों के साथ प्रशासनिक संवेदनहीनता का मामला सामने आया है. आरोप है कि ट्राई साइकिल बांटने के नाम पर जिले भर से दिव्यांगों को बुला लिया गया, लेकिन उनके चाय पानी तो दूर, बैठने तक की व्यवस्था नहीं की. शुक्रवार को विकास भवन में पहुंचे दिव्यांग या तो धक्के खाते नजर आए या फिर जमीन पर बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते दिखे. समाज कल्याण विभाग ने इन दिव्यांगों को मोटराइज ट्राई साइकिल की पात्रता तय करने के लिए बुलाया था.

जानकारी के मुताबिक इस कार्यक्रम में जिले भर से करीब 300 दिव्यांगजन अपने परिजनों के साथ पहुंचे थे. पहले आओ पहले पाओ योजना के तहत समाज कल्याण विभाग ने इन सभी का मोटराइज ट्राई साइकिल के लिए परेड कराया. चूंकि यह सभी दिव्यांगजन दफ्तर खुलने से पहले ही विकास भवन पहुंच गए थे. ऐसे में प्रशासन इनके बैठने तक की भी व्यवस्था नहीं कर पाया. मजबूरी में यह सैकड़ों की संख्या में दिव्यांगजन जमीन पर बैठे नजर आए. अधिकारियों के मुताबिक जहां इन दिव्यांगों का इंटरव्यू हो रहा था, वहां उनके बैठने के लिए कुर्सी दी गई थी. लेकिन कई दिव्यांग ऐसे भी पहुंचे थे, जिन्हें इस कुर्सी पर भी बैठने में दिक्कत हुई.

400 आवेदन पर मिलीं 140 ट्राई साइकिल

जानकारी के मुताबिक समाज कल्याण विभाग में मोटराइज ट्राई साइकिल के लिए कुल 400 आवेदन मिले थे. चूंकि विभाग के पास कुल 140 ट्राई साइकिल ही उपलब्ध थी. ऐसे में इनमें से 300 आवेदनों को शार्ट लिस्ट कर सभी को पहले आओ पहले पाओ योजना के तहत बुला लिया गया. व्यवस्था की गई कि इंटरव्यू के दौरान सभी 300 दिव्यांगों का भौतिक सत्यापन कर उनकी पात्रता तय की जाएगी. इसलिए सभी 300 आवेदक एक साथ ही समाज कल्याण आफिस पहुंच गए थे.

लापरवाही का आरोप

उत्तर प्रदेश दिव्यांग संगठन के अध्यक्ष डॉ. रवि प्रकाश पांडे ने बताया कि सभी दिव्यांग सुबह से ही आए थे. बावजूद इसके प्रशासन ने उनके लिए किसी भी तरह की कोई व्यवस्था नहीं किया था. यहां तक कि उन्हें एक संकरी सी गली में जमीन पर बैठा दिया गया. इन दिव्यांगों के बैठने के लिए बाहर कुर्सियां लगाई जा सकती थी. उन्होंने बताया कि यह सभी दिव्यांगजन दूर दराज से चलकर सुबह दस बजे कार्यालय पहुंचे थे. इसलिए उन्हें कम से कम चाय पानी की व्यवस्था ही करानी चाहिए थी.

पैनल ने किया इंटरव्यू

दिव्यांगों के इंटरव्यू के लिए पूरा पैनल था. इसमें मुख्य विकास अधिकारी, जिला दिव्यांग अधिकारी, अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी शामिल हैं. डॉ. रविप्रकाश पांडेय ने कहा कि यदि इन अधिकारियों का अपना काम होता है तो यह सब व्यवस्था कर लेते, लेकिन यहां मामला दिव्यांगजनों का था, तो किसको फुर्सत है. उधर, दिव्यांग छोटेलाल ने बताया कि वह सुबह 10 बजे विकास भवन पहुंच गए थे. मोटराइज ट्राई साइकिल के लिए उन्हें बुलाया गया था. लेकिन उन लोगों के लिए बैठने तक की भी व्यवस्था नहीं थी.

पहले आओ पहले पाओ के आधार पर दिया जाना है लाभ

मुख्य विकास अधिकारी प्रकाश गुप्ता ने बताया कि दिव्यांगजन सशक्तिकरण अधिकारी के कार्यालय में निशुल्क मोटरसाइकिल के वितरण के लिए दिव्यांग जनों के साक्षात्कार का आयोजन किया गया है. जिसके लिए विभिन्न ब्लॉकों से दिव्यांग जनों को बुलाया गया था. उनके दिव्यांग प्रमाण पत्र का सत्यापन के साथ ही इनके दिव्यांगता का भौतिक सत्यापन किया जा रहा है. इसी के आधार पर इन्हें प्रतीक्षा सूची या पात्रता सूची में रखा जाएगा. उन्होंने बताया कि कुछ 340 मोटरसाइकिल का लक्ष्य जनपद के लिए आया है. अब तक 140 ट्राई साइकिल प्राप्त हो चुके है. जिसके लिए 300 दिव्यांगों को बुलाया गया था और पहले आओ पहले पाओ के आधार पर इन्हें वितरित किया जा रहा है.

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