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पत्नी का पति की पोस्टिंग वाली जगह पर उसके साथ रहने की जिद करना क्रूरता नहीं हाईकोर्ट

Divorce Case: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट (Chhattisgarh High Court) ने तलाक से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए कहा कि पत्नी का पति की पोस्टिंग वाली जगह पर उसके साथ रहने की जिद करना हिंदू मैरिज एक्ट (Hindu Marriage Act) के तहत ‘क्रूरता ( Cruelty) ‘ नहीं है।
जस्टिस गौतम भादुड़ी और जस्टिस दीपक कुमार तिवारी की डिवीजन बेंच मामले की सुनवाई कर रही थी. बेंच ने कहा कि वैवाहिक संबंधों में एक-दूसरे का सम्मान करना जरूरी है।

अदालत ने कहा कि अगर पत्नी पति के साथ रहने की जिद करती है और बिना किसी बाहरी कारण या आधिकारिक कारण के अगर पति उसे अपने साथ जॉब पोस्टिंग वाली जगह पर रखने से इंकार करता है, तो इसे पत्नी द्वारा पति के प्रति क्रूरता नहीं कहा जा सकता है।

इसके साथ ही अदालत ने पति की अपील खारिज कर दी. पति ने फैमिली कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. फैमिली कोर्ट ने पति को क्रूरता के आधार पर तलाक देने से इनकार कर दिया था।

क्या था पूरा मामला?

साल 2005 में दोनों ने शादी की थी. वे कुछ समय तक खुशी से रहे लेकिन धीरे-धीरे चीजें खराब हो गईं । पति का आरोप है कि पत्नी ससुराल वालों के साथ नहीं बल्कि अलग रहने की जिद कर रही थी. हालांकि, जब पति ने उसके अनुरोध को मानने से इनकार कर दिया, तो वह अक्सर झगड़े पर उतारू हो जाती थी. पति ने आगे कहा कि जून 2009 में पत्नी ने स्वेच्छा से वैवाहिक घर छोड़ दिया और दिसंबर 2009 में वापस लौटी. उसने बिना किसी कारण के फिर से वैवाहिक घर छोड़ दिया।

आगे आरोप लगाया कि 2012 में उसकी मां और 2015 में पिता की मृत्यु के बाद जब उसने उससे ससुराल लौटने को कहा तो उसने वापस आने से इनकार कर दिया।

दूसरी ओर, पत्नी का कहना था कि जब उसने पति से जिद की कि वो उसे अपनी पोस्टिंग वाली जगह पर साल ले जाए और वहां उसके साथ रहे, तो उसने ऐसा करने से इनकार कर दिया. उसने आरोप लगाया कि 2010 से उसने उसकी उपेक्षा करना शुरू कर दिया और इसलिए उसने वैवाहिक घर छोड़ दिया।

हाईकोर्ट ने क्या कहा?

हाईकोर्ट ने दोनों पक्षों की दलीले सुनी, सबूतों को देखा और कहा कि पति ने खुद अपनी पत्नी को अपनी पोस्टिंग के स्थान पर अपने साथ रहने की अनुमति देने से मना कर दिया था. अगर पत्नी अपने माता-पिता के घर में रह रही है तो पति को उसे वापस लाने का प्रयास करना चाहिए था।

इन टिप्पणियों के साथ हाईकोर्ट ने पति की अपील खारिज कर दी और साथ ही पति को अपनी पत्नी को 15 हजार रुपए अंतरिम गुजारा भत्ता देने का आदेश दिया।

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