भारतीय महिला हॉकी टीम (Indian Women Hockey Team) से एफआईएच विश्व कप में जिस प्रदर्शन की उम्मीद थी उस तरह का खेल तो वह दिखा नहीं पाई. उसने बुधवार को खेले गए मैच में जापान को 3-1 से मात देकर इस विश्व कप में नौवें स्थान पर रहते हुए विश्व कप का अंत किया है. टोक्यो ओलिंपिक की सफलता के बाद भारतीय टीम से विश्व कप में बेहतर प्रदर्शन की उम्मीद लगाई जा रही थी लेकिन टीम इस बार क्वार्टर फाइनल तक में नहीं पहुंच पाई. जापन के खिलाफ मैच में नवनीत कौर ने भारत के लिए दो शानदार गोल किए. दीप ग्रेस इक्का के हिस्से एक गोल आया. नवनीत ने 30वें और 45वें मिनट में गोल दागे जबकि दीप ग्रेस इक्का ने 38वें मिनट में गोल किया.
𝙏𝙧𝙪𝙚 𝙂𝙧𝙞𝙩 And we finish our FIH Hockey Women’s World Cup Spain and Netherlands 2022 campaign on a high note!
जापान के लिये एकमात्र गोल यू असाइ ने 20वें मिनट में दागा. पहले क्वार्टर के पहले पांच मिनट में दोनों टीमों ने बराबर हमले बोले लेकिन गोल नहीं कर सकी. भारत को बढ़त बनाने का मौका जल्दी ही मिला लेकिन वंदना कटारिया के शॉट को जापानी गोलकीपर एइका नकामूरा ने बचा लिया. पहले क्वार्टर में टीमों को कामयाबी नहीं मिली.
दूसरे क्वार्टर में खुला खाता
भारत ने दूसरे क्वार्टर में अच्छी शुरुआत की और दो मिनट के भीतर दो मौके बनाए लेकिन गोल नहीं हो सका. जापान ने 20वें मिनट में पेनल्टी कॉर्नर पर असाइ के गोल के दम पर बढ़त बनाई. भारत ने जवाबी हमले में पेनल्टी कॉर्नर बनाए लेकिन गोल नहीं हुआ. नवनीत ने हाफ टाइम से ठीक पहले बराबरी का गोल दागा.
भारत ने दिखाया आक्रामक खेल
दूसरे हाफ में भारत ने काफी आक्रामक शुरुआत की और छठा पेनल्टी कॉर्नर बनाया लेकिन एक बार फिर मौका गंवा दिया. इक्का ने हालांकि भारत को मिले एक और पेनल्टी कॉर्नर को गोल में बदलकर बढ़त दिलाई. तीसरे क्वार्टर में नवनीत ने दूसरा गोल दागा. चौथे क्वार्टर में जापान ने वापसी की काफी कोशिश की लेकिन सफलता नहीं मिली.
स्पेन ने रोका क्वार्टर फाइनल का रास्ता
भारत को क्वार्टर फाइनल में जाने के लिए क्रॉसओवर मैच में स्पेन को मात देने की जरूरत थी लेकिन स्पेन की टीम ने भारत को 1-0 से हरा दिया था और इसी के साथ भारत अंतिम-8 में पहुंचने की रेस से बाहर हो गया था और उसका खिताब जीतने का सपना भी टूट गया था. भारतीय टीम ने टोक्यो ओलिंपिक में शानदार खेल दिखाया था और सेमीफाइनल तक का सफर तय किया था. वह कांस्य पदक के मैच में हार गई थी. ये ओलिंपिक खेलों में भारत का अब तक का सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था लेकिन वह विश्व कप में इस प्रदर्शन को दोहरा नहीं पाई.
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