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100 करोड़ की रिश्वतखोरी का आरोप, भ्रष्टाचार मामले में CBI ने पूर्व गृह मंत्री अनिल देशमुख के खिलाफ दाखिल की चार्जशीट

Anil Deshmukh

महाराष्ट्र के पूर्व गृह मंत्री और राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के नेता अनिल देशमुख की मुश्किलें बढ़ने वाली हैं. केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने बृहस्पतिवार को मुंबई की एक विशेष अदालत में अनिल देशमुख (Anil Deshmukh) और अन्य के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी. अधिकारियों ने बताया कि मुंबई पुलिस के पूर्व आयुक्त परमबीर सिंह की ओर से देशमुख के खिलाफ लगाए गए 100 करोड़ रुपये के रिश्वतखोरी के आरोपों में जांच के सिलसिले में चार्जशीट दायर की है.

एक दिन पहले ही मुंबई की एक विशेष अदालत ने बर्खास्त पुलिस अधिकारी सचिन वाजे की सरकारी गवाह बनने की याचिका को स्वीकार कर लिया था. सीबीआई ने देशमुख और उनके निजी सहयोगियों संजीव पलांडे और कुंदन शिंदे के खिलाफ भ्रष्टाचार निरोधक कानून के प्रावधानों के तहत आरोप दायर किए हैं.

Rs 100 crores corruption matter | CBI filed a charge sheet against former Maharashtra Home Minister Anil Deshmukh, his personal assistant Kundan Shinde and personal secretary Sanjeev Palande. Dismissed Police officer Sachin Waze has become an approver in the matter. pic.twitter.com/uNNPN1NHUn

— ANI (@ANI) June 2, 2022

मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं देशमुख

गौरतलब है कि 71 साल के अनिल देशमुख पिछले साल नवंबर से धनशोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) के मामले में न्यायिक हिरासत में हैं और शहर की ऑर्थर रोड जेल में बंद हैं. धनशोधन के मामले की जांच प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की ओर से की जा रही है. इस साल अप्रैल में सीबीआई ने भ्रष्टाचार के मामले की जांच के लिए देशमुख, उनके सहयोगियों पलांडे और शिंदे और बर्खास्त पुलिसकर्मी सचिन वाजे को हिरासत में लिया था.

सीबीआई ने दर्ज किया था मामला

मुंबई के पूर्व पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह ने आरोप लगाया था कि तत्कालीन गृह मंत्री देशमुख ने पुलिसकर्मियों को शहर के रेस्तराओं और बार से प्रति माह 100 करोड़ रुपये की वसूली करने का निर्देश दिया था. ये आरोप उन्होंने तब लगाए थे, जब उन्हें पुलिस कमिश्नर पद से हटा दिया गया था. देशमुख ने आरोपों से इनकार किया था, लेकिन बंबई हाई कोर्ट की ओर से सीबीआई को उनके खिलाफ मामला दर्ज करने का निर्देश दिए जाने के बाद उन्हें अपने पद से हटना पड़ा था.

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