राजस्थान में करौली हिंसा ने राज्य की सरकार की चिंताएं बढ़ा दी है. दो गुटों के बीच हुए इस तनाव के बाद पुलिस ने अब तक 30 लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. कानून व्यवस्था कायम रखने के लिए अभी भी घटनास्थल पर करीब 1200 पुलिसकर्मी तैनात हैं. शनिवार को मुस्लिम बहुल इलाके से गुजरने वाली मोटरसाइकिल रैली में पथराव के बाद आगजनी और तोड़फोड़ की घटनाएं का असर रविवार को भी दिखाई दिया. रविवार को मोबाइल इंटरनेट बंद रहा. कानून व्यवस्था कायम करने के लिए कलेक्ट्रेट सभागार में बैठक हुई. क्लेक्टर राजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि स्थिति नियंत्रण में है. कंट्रोल रूम भी बनाया गया है. अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक और पुलिस उपाधीक्षक रैंक के 50 से अधिक अधिकारी और 5 से ज्यादा आईपीएस अधिकारी भी जिला मुख्यालय में हैं.
कलेक्टर ने बताया कि सोमवार को सुबह आठ बजे से दस बजे तक सब्जी और दूध जैसी आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए कर्फ्यू में ढील दी जाएगी. राजस्थान माध्यमिक शिक्षा बोर्ड के केंद्र और राजस्थान सरकार के कार्यालय, अदालतें, केंद्र खुले रहेंगे और कर्फ्यू के दौरान आवश्यक सेवाओं को छूट दी जाएगी. डीआईजी राहुल प्रकाश ने बताया कि करीब 30 लोगों को हिरासत में लिया गया है,उनमें से एक दर्जन को गिरफ्तार किया गया है. उन्होंने कहा, “घटनाओं की जांच के लिए एक अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक के नेतृत्व में एक विशेष जांच दल का गठन किया गया है.
‘एनडीए के सत्ता में आने के बाद देश में धार्मिक ध्रुवीकरण का माहौल’
द इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, हिंसा ने राज्य में सत्तारूढ़ कांग्रेस और बीजेपी भाजपा के बीच वाकयुद्ध छिड़ दिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने आरोप लगाया कि केंद्र में बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए के सत्ता में आने के बाद देश में धार्मिक ध्रुवीकरण का माहौल बना है और इस तरह की घटनाओं के लिए इसे जिम्मेदार ठहराया है. उन्होंन कहा कि एनडीए सरकार के सत्ता में आने के बाद देश में जो माहौल बना है, मेरा मानना है कि प्रधानमंत्री को खुद देशवासियों से अपील करनी चाहिए कि धर्म और जाति के नाम पर यह ध्रुवीकरण उचित नहीं है और यह देश के हित में नहीं है.
बीजेपी ने किया 10 सदस्यीय पैनल का गठन
दूसरी ओर, बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया, जिन्होंने स्थिति के लिए कांग्रेस की ‘तुष्टिकरण’ की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया है. साथ ही 10 सदस्यीय पैनल का गठन किया, जो करौली का दौरा करेगा और सभी पक्षों के साथ बातचीत करेगा. पार्टी के एक प्रवक्ता के अनुसार, उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौर, बीजेपी के राष्ट्रीय सचिव अलका सिंह गुर्जर, राज्य महासचिव मदन दिलावर और मुख्य प्रवक्ता और विधायक रामलाल शर्मा समिति के सदस्यों में शामिल हैं.
अपराधी चाहे किसी धर्म, जाति या वर्ग का हो, अपराध में उसकी संलिप्तता पाये जाने पर उसे बख्शा नहीं जाए -CM @ashokgehlot51 pic.twitter.com/FZhZERRNE5
— CMO Rajasthan (@RajCMO) April 3, 2022
सीएम बोले- अपराधियों की पहचान की जाए
वहीं, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने स्थिति को देखने के लिए अपने आवास पर बैठक की. निर्देश दिया कि हर थाना स्तर पर अपराधियों की पहचान की जाए और इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति सुनिश्चित करने के लिए उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए. मुख्यमंत्री ने कहा कि पुलिस को सक्रिय रहना चाहिए और शांति बनाए रखने के लिए एहतियाती कदम उठाने चाहिए, ताकि करौली जैसी घटना कहीं और न हो. उन्होंने कहा कि सामुदायिक संपर्क समूहों की मदद से विभिन्न समुदायों के बीच शांति का माहौल बनाने और सामुदायिक पुलिसिंग को बढ़ावा देने के लिए कदम उठाए जाने चाहिए.
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