स्वास्थ्य

Research: बच्चों के डेवलेपमेंट पर बुरा असर डालती है मां की 1 खराब आदात, आज ही बनाएं इससे दूरी

हेल्थ डेस्क : हर मां चाहती है कि उसका बच्चा फिजिकली और मेंटली बहुत स्ट्रांग हो, इसके लिए माएं ना जाने क्या कुछ नहीं करती हैं। लेकिन कई बार आपकी छोटी सी गलती से बच्चे के विकास पर प्रभाव पड़ता है। जी हां, हाल ही में इजरायल के तेल अवीव यूनीवर्सिटी में हुई रिसर्च (research) में भी इस बात का खुलासा हुआ है कि जो माएं ज्यादा स्मार्ट फोन का यूज करती हैं, उनके बच्चों का डेवलपमेंट (Child Development) स्लो हो जाता है और मां और बच्चे के बीच 4 गुना कम बातचीत होती है। आइए आपको बताते हैं, इस रिसर्च और इसके प्रभाव के बारे में…

कहां हुई रिसर्च
मांऔर बच्चे पर किया गया ये शोध को ‘चाइल्ड डेवलपमेंट जर्नल’ में प्रकाशित किया गया है। इसका नेतृत्व तेल अवीव विश्वविद्यालय के सैकलर फैकल्टी ऑफ मेडिसिन के स्टेनली स्टेयर स्कूल ऑफ हेल्थ प्रोफेशन में संचार विकार विभाग की डॉ कैटी बोरोडकिन ने किया था। जिसमें दर्जनों 2-3 साल के बच्चों और माओं ने भाग लिया। इसमें माताओं को 3 काम करने के लिए कहा गया। पहला- फेसबुक पेज ब्राउज करें और उन वीडियो और आर्टिकल को पसंद करें जो उनकी रुचि के हो। दूसरा- मैक्जीन पढ़ें और उनमें रुचि रखने वाले आर्टिकल को चिह्नित करें और तीसरा बच्चे के साथ खेलें जब स्मार्टफोन और पत्रिकाएं कमरे के बाहर हों। 

रिसर्च कर रही डॉ कैटी बोरोडकिन ने बताया कि ‘हमारा लक्ष्य वास्तविक जीवन में उन स्थितियों का अनुकरण करना था, जहां मां को अपने बच्चे की देखभाल करनी होती है, साथ ही साथ अपना कुछ ध्यान अपने स्मार्टफोन पर लगाना होता है। उन्होंने बताया कि “माएं इस प्रयोग के उद्देश्य से अनजान थीं, इसलिए उन्होंने टॉडलर्स, स्मार्टफोन और मैक्जीन के बीच अपनी रुचि को चुना। हमने माताओं और बच्चों के बीच सभी बातचीत की वीडियोग्राफी की और बाद में रिकॉर्डिंग स्कैन किया।’

निष्कर्ष
तेल अवीव विश्वविद्यालय के शोधकर्ताओं ने मां-बच्चे की बातचीत को लेकर कहा कि ‘हमने पाया कि जब मां मैग्जीन पढ़ रही थी और अपने स्मार्टफोन पर ब्राउज कर रही थी, तब मां-बच्चे की बातचीत 4 गुना कम हो गई थी। इसके अलावा, फोन या मैग्जीन पढ़ते समय वे अपने बच्चों के साथ कम बातचीत करते हैं और जवाब भी देरी से देते हैं। भले ही फेसबुक ब्राउज करते समय माएं जवाब देने में सक्षम थी, लेकिन प्रतिक्रिया की गुणवत्ता खराब हो गई थी।’ परिणाम बताते हैं कि जो माताएं ज्यादा देर तक फोन या मैग्जीन का इस्तेमाल करती हैं, उनके बच्चे के विकास की नींव पर प्रभाव पड़ता है। 

निष्कर्ष में, डॉ बोरोडकिन कहती हैं कि ‘हालांकि हमारा वर्तमान अध्ययन माताओं पर केंद्रित है, हम मानते हैं कि हमारे निष्कर्ष पिता और उनके शिशुओं के बीच कम्यूनिकेशन को भी दर्शाते हैं। स्मार्टफोन के उपयोग के पैटर्न पुरुषों और महिलाओं के लिए समान हैं, इसलिए यह अनुमान लगाया जा सकता है कि निष्कर्ष पिता और माताओं पर लागू होने की संभावना है।’

Disclaimer: This article has not been edited by Culprit Tahalaka. This news is published by news agency or other source.

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