
‘मक्का में मक्केश्वर महादेव है और आगरा में तेजोमहालय…वो ताजमहल नहीं वह शिवालय था. जिसका इतिहास आमेर नरेश के पास है. यह बात गोवर्धन मठाधीश पूरी के श्री जगतगुरु शंकराचार्य स्वामी श्री निश्चलानंद सरस्वती जी महाराज नेबुधवार को कही. दरअसल, महाराज तीन दिन के प्रवास पर वाराणसी पहुंचे थे. यहां उन्होंने वाराणसी के ज्ञानवापी-श्रृंगार गौरी मसले और आगरा के ताजमहल के मामले पर खुलकर अपनी बात रखी. उन्होंने मुस्लिम समाज के लोगों से कहा कि यह लोग शांति का परिचय नहीं देते हैं, सत्य को विश्व के सामने प्रस्तुत करें, जितने सत्य के पक्षधर होंगे वह मानेंगे.
उन्होंने यहां तक कह दिया कि मक्का में मक्केश्वर महादेव है और आगरा में तेजो महालय का नाम ताजमहल नहीं वह शिवालय था. उन्होंने ज्ञानवापी मामले में मुस्लिमों को नसीहत देते हुए कहा कि उन्हें शांति का परिचय देना चाहिए, धर्म शास्त्र के अनुसार धार्मिक निर्णय में शंकराचार्य का निर्णय सर्वोपरि माना जाता है.
इसके साथ ही महाराज ने जगन्नाथ मंदिर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में चल रहे केस और कोर्ट न्यायालय द्वारा उनसे संपर्क करके उस बारे में मार्गदर्शन करने के निवेदन के बारे में भी बताया. उन्होंने कहा कि हिन्दुओं के अस्तित्व और आदर्श की रक्षा, देश की सुरक्षा और अखण्डता ही परम धर्म है. मुसलमानों को कहा कि सत्य को आप झुठला नहीं सकते. यह सच है कि औरंगजेब ने मंदिर तोड़कर मस्जिद बनवाए.
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