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भाजपा की बबली ने रालोद पार्टी करली जोन, बागपत में भूचाल

UP बागपत। जिला पंचायत सदस्य बबली देवी शनिवार को भाजपा छोड़ रालोद में शामिल हो गईं अचानक बदले राजनीतिक घटनाक्रम से जहां रालोद के लोग अवाक रह गए वहीं जिला पंचायत की राजनीति गर्मा गईं है।

वे वर्ष 2021 में भाजपा से रालोद प्रत्याशी के खिलाफ जिला पंचायत अध्यक्ष का चुनाव लड़ चुकी हैं।

तब बबली देवी को निर्विरोध निर्वाचित कराने को ममता किशाेर ने ममता के नाम का नामांकन वापस लिया। लेकिन बवाल होने पर प्रशासन को बैकफुट पर आना पड़ा था। ममता किशोर की उम्मीदवारी बची और वे जिला अध्यक्ष चुनीं गईं लेकिन बबली देवी की हार हुई थी।

अब शनिवार को जिला पंचायत सदस्य बबली देवी कई जिला पंचायत सदस्यों के स्वजन के साथ दिल्ली में जयन्त चौधरी के आवास पर पहुंची जहां बागपत के सांसद डा. राजकुमार सांगवान, रालोद के मीडिया के प्रदेश संयोजक सुनील रोहटा, रालोद के राष्ट्रीय महासचिव त्रिलोक त्यागी आदि ने उनका स्वागत कर रालोद ज्वाइन कराई।

वहीं जैसे ही बबली देवी के भाजपा छोड़ रालोद ज्वाइन करने की खबर आई वैसे ही रालोद के स्थानीय कई नेता तथा कार्यकर्ता अवाक रह गए। कई रालोद नेताओं ने नाम नहीं छापने पर कहा कि जिसके खिलाफ हमने जिला पंचायत अध्यक्ष चुनाव में पुलिस की लाठियां खाईं उसे रालोद में शामिल करना हमारी समझ से परे है।

बता दें कि बबली देवी भाजपा के एक विधायक खेमे की माना जातीं रही हैं। लोगों में आम चर्चा रही कि कई जिला पंचायत सदस्यों ने अविश्वास प्रस्ताव लाकर ममता किशोर को हटाकर बबली देवी को अध्यक्ष बनवाने के लिए उन्हें रालोद में शामिल कराया है। वहीं उनके रालोद में शामिल होने से जिला पंचायत की अध्यक्ष ममता किशोर खेमें खलबली मची है।

रालोद के जिलाध्यक्ष रामपाल धामा ने पूछने पर कहा कि मुझे तो जानकारी नहीं कि बबली देवी रालोद में शामिल हो गईं हैं। रालोद नेता जिला पंचायत सदस्य सुभाष गुर्जर बोले कि उनके रालोद में शामिल होने की बात संज्ञान में नहीं।

भाजपा के जिलाध्यक्ष वेदपाल उपाध्याय ने कहा कि भाजपा और रालोद का गठबंधन हैं। फिर बबली देवी को रालोद में शामिल कराने की आखिर जरूरत क्यों पड़ी? रालोद नेताओं की नियत में खोट है। हम इस मामले से भाजपा हाईकमान को अवगत कराएंगे।

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