महाराष्ट्रराज्य

छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे ने महाराष्ट्र के सभी विधायकों को लिखा ओपन लेटर,राज्य सभा चुनाव के लिए मांगा समर्थन

Sambhaji Raje

छत्रपति शिवाजी महाराज के वंशज संभाजी राजे (Sanbhaji Raje) ने महाराष्ट्र के सभी विधायकों को एक खुला ख़त (Open Letter to MLAs) लिखा है. इस ख़त के जरिए उन्होंने उन विधायकों से राज्यसभा चुनाव (Rajya Sabha Election 2022) में अपनी उम्मीदवारी के लिए समर्थन मांगा है. संभाजी राजे निर्दलीय उम्मीदवार के तौर पर राज्य सभा का चुनाव लड़ रहे हैं. महाराष्ट्र की 6 सीटों के लिए 10 जून को मतदान होने वाला है. नंबर गेम के हिसाब से बीजेपी के दो और महा विकास आघाडी की तीनों पार्टियों (कांग्रेस, एनसीपी, शिवसेना) के एक-एक उम्मीदवार का जीतना तय है. छठी सीट कोई भी पार्टी अकेले अपने उम्मीदवार को जिताने की हालत में नहीं है. इसलिए संभाजी राजे इस छठी सीट में सभी पार्टियों में सहमति बनवा कर अपनी जीत पक्की करवाना चाह रहे हैं.

सोमवार को एनसीपी की ओर से शरद पवार ने यह घोषणा की थी कि एक उम्मीदवार की जीत के बाद जो उनकी पार्टी के बचे हुए वोट होंगे वे उनके समर्थन में दे देंगे. लेकिन मंगलवार को शिवसेना ने राज्य सभा की छठी सीट के लिए अपना उम्मीदवार खड़ा करने का फैसला करके संभाजी राजे के लिए मुश्किलें खड़ी कर दी है. ऐसे में संभाजी राजे ने राज्य के सभी विधायकों को अपनी ओर से एक खुला खत लिख कर अपने लिए समर्थन मांगा है.

संभाजी राजे छत्रपति ने विधायकों को लिखा खुला खत, मांगी वोट के लिए मदद

संभाजी राजे ने विधायकों को लिखा खत, बताया जीतने के लिए उन्हें 42 मतों की जरूरत

इस खत में संभाजी राजे छत्रपति ने बताया है कि उन्हें चुनाव जीतने के लिए 42 मतों की जरूरत है. उन्होंने बताया कि 2007 से ही वे सामाजिक कार्यों से शामिल रहे हैं और उन्होंने पूरे महाराष्ट्र की सेवा की है. उन्होंने बताया है कि वे छत्रपति शिवाजी महाराज, छत्रपति शाहू महाराज, महात्मा फुले, डॉ बाबासाहेब आंबेडकर के आदर्शों पर चलते हुए राजनीतिक जगत में काम करते आए हैं. लोकहित का आगे भी काम करते रहने के लिए राज्य सभा की छठी सीट के लिए विधायक उन्हें समर्थन दैं. उन्होंने लिखा है सभी विधायकों के समर्थन की उन्हें सख्त जरूरत है. उनके अब तक किए गए काम को देखते हुए उन्हें जीत दिलाने के लिए सभी विधायक उन्हें समर्थन दें.

पिछली बार राष्ट्रपति द्वारा नियुक्त किए जाने के लिए उ्हें बीजेपी ने मदद की थी. इस बार भी बीजेपी ने अब तक मना नहीं किया है. लेकिन समर्थन भी नहीं दिया है. संभाजी अब तक सिर्फ एनसीपी का समर्थन ले पाए हैं और शिवसेना ने शर्त रख दी है कि निर्दलीय उम्मीदवार बनने की बजाए अगर वे शिनसेना की उम्मीदवारी स्वीकार करते हैं, तब वे इन्हें समर्थन देने का विचार कर सकेगी.

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