दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग द्वारा बुधवार को साझा किए गए आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में कोरोना (Corona In delhi) के 1,367 मामले दर्ज किए गए हैं. जबकि पॉजिटिविटी दर (Corona Positivity rate) 4.50 प्रतिशत थी. यह लगातार छठा दिन था, जब राजधानी में एक दिन में 1,000 से ज्यादा नए मामले दर्ज किए. बुलेटिन में कहा गया है, कि राजधानी दिल्ली में कोरोना पॉज़िटिव लोगों की संख्या 18,78,458 है और मरने वालों की संख्या 26,170 हो गई है. दिल्ली में बढ़ते मामलों के साथ कुछ दिनों के लिए एवरेज टेस्ट पॉजिटिविटी रेट 4-5 प्रतिशत है. विशेषज्ञों का कहना है कि यह इस बात का संकेत हो सकता हैै, कि कोविड केसेज कि बढ़ती संख्या की स्थिति इतनी खराब नहीं है, जितना आंकड़ों में दिखाई दे रही है.
कोविड टास्क फोर्स कमेटी के सदस्य और एम्स के संक्रामक रोग सलाहकार डॉ.अजय नांबियार ने कहा कि जब हम एक किसी लहर के पीक पर पहुंचने की बात करते हैं, तब हम आमतौर पर पॉजिटिविटी रेट और कुल मृत्यु दर को देखते है. उन्होंने ये भी कहा कि राजधानी में 1 अप्रैल से पॉजिटिविटी रेट का औसत चार से पांच प्रतिशत है. और हम जल्द ही किसी भी समय कोरोना केसेज के पीक पर पहुंचने को लेकर चिंतित नहीं हैं. अस्पतालों में दाखिल होने वाले मरीजों की संख्या 1% से भी कम है. इसलिए यह भी एक वजह हो सकती है कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभी तक दिल्ली को रेड ज़ोन घोषित नहीं किया है.
डॉ नांबियार ने सप्ताह के दौरान दिल्ली के घटते पॉजिटिविटी रेट का एक उदाहरण दिया. उन्होंने कहा कि रविवार को राजधानी में 1,083 मामले और 4.48% का पॉजिटिविटी रेट दर्ज किया गया था, सोमवार को सकारात्मकता दर 6.42% हो गई थी, मंगलवार को 1204 मामले थे. लेकिन सकारात्मकता 4.64% पर वापस पहुँच गई थी. बुधवार को यह दर 4.50% थी. उन्होंने Tv9 से कहा कि मरीजों की संख्या बदल रही है, लेकिन उनमें कोई बड़ा बदलाव नहीं हुआ है. यह संकेत है कि बढ़ोतरी केवल सतही है. हमारे पॉलिसी मेकर्स ने अभी तक शहर को रेड अलर्ट के तहत नहीं रखकर सही काम किया है.
दैनिक टेस्ट पॉजिटिविटी रेट घट रहा
कोविड मामलों की संख्या पर नजर रखने वाले अर्थशास्त्री रिजो एम जॉन ने मनीकंट्रोल को बताया कि वास्तव में दिल्ली में ऐक्टिव केसेज की वृद्धि धीमी हो रही है. और इसलिए दैनिक औसत टीपीआर घटने लगा है. उन्होंने कहा कि राष्ट्रीय राजधानी में फिलहाल स्थिति नियंत्रण में है. उन्होंने ये भी बताया कि हाल ही में कोरोना केसेज में हुई वृद्धि, वास्तव में अपनी गति खो रहा है.
मंगलवार को शहर में कुल 30,346 COVID-19 टेस्ट किए गए. वर्तमान में 129 COVID-19 मरीज दिल्ली के अस्पतालों में भर्ती हैं, जबकि 3,336 होम आइसोलेशन में हैं. आंकड़ों से पता चलता है कि विभिन्न अस्पतालों में कोविड -19 मरीजों के लिए उपलब्ध 9,390 बिस्तरों में से सिर्फ 148 (1.58 प्रतिशत) पर ही मरीज हैं.
रेड अलर्ट लगाने की जरूरत नहीं
सर्वोदय हॉस्पिटल एंड रिसर्च सेंटर के सीनियर कंसल्टेंट और इंटरनल मेडिसिन स्पेशलिस् जनरल फिजिशियन डॉ. सुमित अग्रवाल ने कहा कि जहां हर दिन मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन सरकार के पास अभी तक पैनिक बटन दबाने का कोई कारण नहीं है. जिस तरह से औसत सीपीआर चल रहा है, मुझे नहीं लगता कि सभी बार, रेस्तरां को बंद करने और कर्फ्यू लगाने जैसे जीआरएपी दिशानिर्देशों को सख्त करने की जरूरत है, लेकिन हर व्यक्ति को सतर्क रहना चाहिए.
उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों से वैक्सीनेशन कम हो रहा था, कोरोना मामले बढ़ने से रोकने के लिए सभी को COVID-19 एसओपी का पालन करना चाहिए और टीकाकरण को तेज किया जाना चाहिए. और अब जब सभी वयस्क बूस्टर शॉट्स के लिए पात्र हैं, तो उन्हें बूस्टर शॉट्स जरूर लगाया जाना चाहिए.
नई दिल्ली के अपोलो अस्पताल में पल्मोनोलॉजिस्ट डॉ विनी कांट्रो ने भी कहा कि मामलों का बढ़ना सतही है, और यह राज्य सरकार को इस कारण अपनी नीति में बदलाव नहीं करना चाहिए. कोरोना के मरीजों की संख्या में वृद्धि होनी ही थी, क्योंकि सब कुछ खुला हुआ है, और बच्चे स्कूल जाने लगे हैं. केवल मामलों की संख्या के आधार पर नीतिगत निर्णय लेने से पहले हमें मामलों में इस अचानक वृद्धि को बहुत बारीकी से देखने की जरूरत है. स्वास्थ्य मंत्रालय को सभी को COVID-19 प्रोटोकॉल का पालन करने पर जोर देना चाहिए. हैंड सैनिटाइजेशन, मास्क मैंडेट, फिजिकल डिस्टेंसिंग और वैक्सीनेशन से लोगों को वायरस से बेहतर तरीके से लड़ने में मदद मिलेगी.
तो क्या कर्फ्यू बिल्कुल नहीं लगना चाहिए?
डॉ कांट्रो ने कहा कि रेस्तरां और सिनेमाघरों में लोगो को सीमित करने से संख्या को धीमा करने में मदद मिल सकती है. लेकिन हमें कर्फ्यू या सोशल डिस्टेंसिंग लाने से पहले दूसरे कारणों से भी सावधान रहना होगा.
कुछ COVID SOP पहले से ही लागू हैं
बढ़ते मामलों के मद्देनजर, दिल्ली सरकार ने शुक्रवार (23 अप्रैल) को एक आदेश जारी कर अधिकारियों को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क नहीं पहनने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने का निर्देश दिया था. यह जुर्माना निजी चार पहिया वाहनों में एक साथ यात्रा करने वाले लोगों पर लागू नहीं होगा. सरकार ने दैनिक मामले कम होने की वजह से 12 अप्रैल को मास्क नहीं पहनने के लिए जुर्माना हटा लिया था. मास्क लगाने का आदेश और जुर्माने को वापस लाने का निर्णय दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की एक बैठक में आया, जो राष्ट्रीय राजधानी के लिए COVID-19 प्रबंधन नीतियां तैयार करता है.
शहर के स्वास्थ्य विभाग ने कहा कि 21 अप्रैल से, दिल्ली ने सरकारी टीकाकरण केंद्रों पर 18-59 आयु वर्ग के लाभार्थियों को COVID-19 टीकों की मुफ्त एहतियाती खुराक उपलब्ध कराना शुरू कर दिया है.
टेड्रर्स एसोसिएशन सतर्क
27 अप्रैल को, दिल्ली के सभी ट्रेडर्स एससिएशन ने नियमित रूप से सैनिटाइजेशन फिर से शुरू कर दिया है. क्या करें और क्या न करें के पोस्टर लगाए हैं. और बाजारों में मास्क पहनने को भी सुनिश्चित कर रहे हैं. मार्केट एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने कहा है कि बाजार और बाजार परिसर सबसे पहले COVID के प्रतिबंधों से प्रभावित होते हैं, इसलिए खराब स्थिति का सामना करने से बचने के लिए उन्होंने पहले से ही ज़रूरी कदम उठाने शुरू कर दिए हैं. सभी वयस्कों के लिए उपलब्ध COVID-19 की बूस्टर खुराक के साथ, व्यापारी संघ भी दुकान मालिकों और ग्राहकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए वैक्सीन शिविरों की योजना बना रहे हैं.
नई दिल्ली ट्रेडर्स एसोसिएशन (एनडीटीए) ने कहा है कि वह यह सुनिश्चित कर रहा है कि बाजारों में सभी आवश्यक सावधानियों का पालन किया जाए. और उसने अपने सभी सदस्यों से बूस्टर खुराक लेने के लिए भी कहा है.
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