गोरखनाथ मंदिर हमले मामले में सियासत भी गरमा गई है. उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने समाजवादी पार्टी (SP) के अध्यक्ष अखिलेश यादव के बयान पर पलटवार करते हुए गुरुवार को कहा कि आतंकवादी कौन है या अपराधी कौन है, यह सपा तय नहीं करेगी. अखिलेश यादव की राजनीति को, तुष्टीकरण की राजनीति करार दिया. केशव प्रसाद मौर्य ने इस मामले में अखिलेश पर हमला करते हुए कई ट्वीट किए. उन्होंने पहले ट्वीट में कहा, गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाला आतंकवादी है या अपराधी, यह जांच एजेंसी तय करेगी, लेकिन मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति में अखिलेश यादव का बयान जनता की सुरक्षा का मजाक बनाना है. आतंकवादी या अपराधी कौन है, यह सपा तय नहीं करेगी.
गौरतलब है कि SP अध्यक्ष व उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम अखिलेश यादव ने बुधवार को कहा था कि पिछले रविवार को गोरखनाथ मंदिर के गेट पर सुरक्षाकर्मियों पर हमला करने वाला मुर्तजा अब्बासी मानसिक रूप से बीमार है. मामले की जांच में इस पहलू पर भी गौर किया जाना चाहिए. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि बीजेपी हर चीज को तिल का ताड़ बनाने में माहिर है.
गोरखनाथ मंदिर में हमला करने वाला आतंकवादी है कि अपराधी जाँच और तथ्यों के आधार पर जाँच एजेंसी तय करेगी,परंतु मुस्लिम तुष्टिकरण की राजनीति ने श्री अखिलेश यादव का बयान जनता की सुरक्षा का मज़ाक़ बनाना है, आतंकवादी,अपराधी कौन है यह सपा नहीं तय करेगी: #DYCM श्री @kpmaurya1 जी pic.twitter.com/TFUeCImetF
— Office of Keshav Prasad Maurya (@OfficeOfKPM) April 7, 2022
पीएसी के दो जवान घायल
डिप्टी सीएम मौर्य ने अखिलेश द्वारा हमलावर को मानसिक रूप से बीमार बताए जाने का जवाब देते हुए, एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘अखिलेश यादव को कौन समझाए कि आतंकवादी होता ही है मनोरोगी.’ गौरतलब है कि 30 वर्षीय मुर्तजा अब्बासी ने पिछले रविवार की रात को, गोरखपुर में स्थित गोरखनाथ मंदिर के परिसर में दाखिल होने की कोशिश की थी. जब सुरक्षाकर्मियों ने उसे रोका तो उसने धारदार हथियार से उन पर हमला कर दिया. हमले में पीएसी के दो जवान घायल हो गए थे. उसके बाद मुर्तजा को गिरफ्तार कर लिया गया.
इस मामले में जांच जारी
इस मामले की जांच उत्तर प्रदेश का एंटी टेररिज्म स्क्वाड और विशेष कार्य बल मिलकर कर रहें हैं. जांचकर्ताओं का मानना है कि अब्बासी कट्टर विचारधारा से प्रभावित हैं. गोरखनाथ मंदिर में गोरखपुर पीठ के महंत और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का आवास भी है. हालांकि घटना के वक्त महंत और योगी आदित्यनाथ वहां मौजूद नहीं थे.
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