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IPL 2022: ऋषभ पंत कोच और पिता को याद कर हुए भावुक, कहा- जहां हूं इन्हीं की बदौलत हूं, कोई नहीं ले सकता जगह

Rishabh Pant (26)

(Rishabh Pant) को भारत के भविष्य के तौर पर देखा जाता है.हाल ही में जब विराट कोहली ने टेस्ट टीम की कप्तानी छोड़ दी थी तब पंत कप्तानी के दावेदार थे. वह उप-कप्तान भी बनाए गए. उन्हें टीम इंडिया का भविष्य का कप्तान भी कहा जाता है. पंत ने आईपीएल में अपनी कप्तानी साबित की है. उन्होंने पिछले सीजन दिल्ली कैपिटल्स (Delhi Capitals) की कप्तानी की थी और अब आईपीएल-2022 (IPL 2022) में भी वह टीम का नेतृत्व संभालेंगे. उन्होंने बीते दो साल में काफी सफलता हासिल की है और आगे उनके पास हासिल करने को काफी कुछ है. आईपीएल की शुरुआत से पहले हालांकि पंत थोड़े भावुक हो गए. उन्हें अपने पिता और कोच की याद आ गई.

दिल्ली ने अभी तक आईपीएल का खिताब नहीं जीता है और पंत चाहेंगे कि वह अपनी कप्तानी में टीम को पहला खिताब दिलाएं. दिल्ली अभी तक सिर्फ एक बार ही आईपीएल खेली है. उसने श्रेयस अय्यर की कप्तानी में 2020 में फाइनल खेलना था लेकिन मुंबई इंडियंस से हार गई थी.

पिता और कोच को करते हैं याद

पंत ने अंग्रेजी अखबार TOI को दिए इंटरव्यू में अपने कोच तारक सिन्हा और पिता को याद किया. तारक का पिछले साल नवंबर में निधन हो गया था और तब पंत संयुक्त अरब अमीरात में टी20 विश्वकप में टीम इंडिया का प्रतिनिधित्व कर रहे थे. वहीं 2017 में जब वह आईपीएल खेल रहे थे तब उनके पिता का निधन हो गया था.

पंत से जब उनके कोच के निधन के संबंध में सवाल किया गया तो उन्होंने भावुक होकर कहा, “मैं वापस आकर उनसे मिलना चाहता था. मैं अपने पिता को काफी याद करता हूं. मेरे पिता जब गए तब मैं क्रिकेट खेल रहा था. तारक सर मेरे लिए दूसरे पिता के समान थे. जब वह हमें छोड़कर गए मैं तब भी खेलने में व्यस्त था. मैं आज जहां हूं वहां तक मुझे यही लोग लेकर आए हैं. तारक सर को जो भी सपोर्ट की जरूरत थी वो मैंने वहां से देने की कोशिश की.उन्होंने मुझसे कहा था कि जीवन में चाहे कुछ भी हो तुम्हें लगातार खेलना होगा.तुम्हें अपने परिवार का ख्याल रखना होगा और मैंने यही कोशिश की.”

कोई नहीं ले सकता जगह

पंत ने कहा कि उनके पिता और तारक सर की जगह उनके जीवन में कोई नहीं ले सकता. उन्होंने कहा, “मेरे पिता और तारक सर के जाने के बाद जो गैप आया है वो कोई नहीं भर सकता. लेकिन आपको अपने पास लोगों की जरूरत होती है.मैं कई बार अपनी मां से समस्याएं शेयर करता हूं. देवेंद्र शर्मा (तारक सिन्हा के स्टूडेंट)हैं, मेरा सर्किल काफी छोटा है. उसमें हर किसी की अपनी जगह है. दोस्तों और परिवार की जीवन में अपनी जगह होती है.”

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