कासगंजस्वास्थ्य

जरूरी नहीं, कोरोना ग्रस्त मां का शिशु भी संक्रमित हो घबराएं नहीं

जरूरी नहीं, कोरोना ग्रस्त मां का शिशु भी संक्रमित हो 
घबराएं नहीं
•हर जनपद में संचालित हैं कोविड-19 अस्पताल
•संक्रमित गर्भवती कोविड अस्पताल में ही कराएं प्रसव
कासगंज, 19 जनवरी 2022 
यह कोई जरूरी नहीं कि कोविड पॉजिटिव गर्भवती के शिशु को भी कोविड होगा। खासकर जब तक वह
पेट में है। ज्यादा सुरक्षित है। हाँ, प्रसव के बाद प्रोटोकॉल का पालन नहीं करने पर शिशु को कोविड होने
की पूरी आशंका रहती है। ये कहना है सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र अशोकनगर महिला चिकित्सक डॉ.
मारुती माहेश्वरी का।
डॉ. मारुती माहेश्वरी ने बताया जिले में कोविड संक्रमण बहुत तेजी बढ़ रहा है। उन्होंने कहा यदि आप
गर्भवती हैं,  और कोविड पॉजिटिव हैं या रह चुकी हैं, तो कोविड को लेकर कतई न घबराएं। कोविड जैसी
संक्रामक बीमारी से बचने के लिए बस जागरूक, सचेत और सतर्क रहें। हमेशा अपने चिकित्सक के संपर्क
में रहें, और उनके सुझावों का पालन करें।
उन्होंने कहा कि गर्भवती माहिलाएं बिना किसी कारण के अस्पताल में न आएं। कोशिश करें चिकित्सक
से ऑनलाइन परामर्श लें। गर्भवती महिलाओं की रोग प्रतिरोधक क्षमता अन्य महिलाओं के मुकाबले कम
होती है। इसलिए गर्भवती महिलाएं अपने व बच्चे के भविष्य के लिए साफ-सफाई का खास ध्यान दें।
कुछ भी छूने से पहले या बाद 40 सेकंड तक साबुन से हाथ धो लें, मास्क लगाए रखें। 
महिला विशेषज्ञ डॉ. प्रियम ने बताया कि यदि माँ कोविड पॉजिटिव है या रह चुकी है तब भी शिशु को
स्तनपान कराना है। जिससे बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बनी रहे । उन्होंने कहा कि साफ-सफाई का
ध्यान देते हुए मास्क लगाकर ही स्तनपान कराना है। यह भी ध्यान रखें कि बच्चे के ऊपर किसी प्रकार
की छींक या खांसी की ड्रॉपलेट न जाए। 
डीपीएम पवन कुमार ने कहा कि सभी जनपद में कोविड अस्पताल संचालित हैं। साथ ही सभी स्वास्थ्य
कार्यकर्ताओं को निर्देश दिए है, कि संस्थागत प्रसव को प्रोत्साहित करें।  उन्होंने कहा कोविड पॉजिटिव
महिलाओं को प्रसव के लिए कोविड अस्पताल ले जाने की व्यवस्था है। अगर कोई भी व्यक्ति बाहर से आता
है, तो उसे सात दिन तक क्वारन्टीन रहना होगा और तीसरी लहर को देखते हुए शासन के निर्देशानुसार
आरटीपीसीआर जांच पर जोर देने को कहा है ।
  
क्या करें 
• नियमित कोविड प्रोटोकॉल अपनाएं 
• आंगन या छत्त पर अकेले रोज धूप में बैठें
• ऑनलाइन परामर्श लेने की कोशिश करें 
• बाजार का पका हुआ आहार न करें 
• बाहर से आया समान सेनेटाइज करें 
• बाहर से लाए सामानों को 3 दिन बाद ही उपयोग में लाएं 
• अतिआवश्यक स्थिति में ही घर से बाहर निकलें
क्या न करें
• अनावश्यक अस्पताल न जाएं
• संभव हो तो घर पर ही सेंपल दें
• नकारात्मक चर्चा में शामिल न हों

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