राजस्थान के करौली में नाबालिग लड़की के अपहरण और दुष्कर्म के मामले में पोक्सो कोर्ट की विशेष न्यायाधीश अलका बंसल ने खुशीराम पुत्र प्यारेलाल मीना निवासी थाना क्षेत्र नादौती और पप्पू उर्फ ओमप्रकाश पुत्र रामनिवास मीना निवासी कोडियाई थाना बौंली जिला अपहरण, सामूहिक दुष्कर्म और हत्या के मामले में सवाईमाधोपुर।
मामले में दोषी पाए जाने पर 20 साल का कठोर कारावास और 1 लाख 41 हजार का जुर्माना।
पॉक्सो कोर्ट के विशेष लोक अभियोजक महेंद्र कुमार मुद्गल ने बताया कि पीड़िता के चाचा ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई है. रिपोर्ट में कहा गया कि 11 दिसंबर 2022 को उसकी नाबालिग भतीजी खाना खाने के बाद अपनी दादी के पास सो रही थी. रात करीब 12 बजे खुशीराम दो मोटरसाइकिलों पर तीन-चार लोगों के साथ आया और जबरन भतीजी को लेकर फरार हो गया। 13 दिसंबर को नादौती थाने में मामला दर्ज होने के बाद पीड़िता की तलाश और आरोपियों की गिरफ्तारी के प्रयास किए गए.
27 दिसम्बर 2022 को पुलिस थाना बौंली जिला सवाईमाधोपुर से सूचना प्राप्त हुई कि एक लड़के व लड़की ने जहर खा लिया है। घटना में लड़की की मौत हो गई है और लड़के की हालत गंभीर है. जिसे उपचार के लिए सवाई माधोपुर भेजा गया है। इसके बाद मृतक का शव परिजनों को सौंप दिया गया और आरोपी खुशीराम का एसएमएस अस्पताल जयपुर में इलाज कराया गया।
जांच अधिकारी द्वारा आरोपी पप्पू उर्फ ओमप्रकाश मीना से पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. मामले की अदालती सुनवाई के दौरान कुल 30 गवाह और 58 दस्तावेज़ पेश किये गये। न्यायाधीश ने खुशीराम और पप्पू उर्फ ओम प्रकाश को 20 साल के कठोर कारावास और 1 लाख 41 हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।