नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच जारी जंग (Russia Ukraine War) के चलते 20 हजार से अधिक भारतीय यूक्रेन में फंस गए थे। केंद्र सरकार भारतीयों को देश वापस लाने के लिए ऑपरेशन गंगा चला रही है। शनिवार तक 13,300 भारतीय नागरिकों को देश ले आया गया। विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने ट्वीट कर बताया कि 2500 भारतीय नागरिकों को लेकर 13 उड़ानें आ रही हैं।
इस बीच भारत सरकार ने यूक्रेन में फंसे छात्रों को निकालने का अभियान तेज कर दिया है। युद्धग्रस्त इलाके में परिवहन के साधन नहीं मिलने और लगातार हो रही गोलीबारी के चलते छात्र खुद से यूक्रेन की सीमा तक नहीं पहुंच पा रहे थे। ऐसे इलाकों में बस और अन्य गाड़ियां भेजकर छात्रों को निकाला जा रहा है।
इसी क्रम में यूक्रेन के पिसोचिन में फंसे छात्रों को निकालने के लिए यूक्रेन स्थित भारतीय दूतावास ने तीन बसें भेजी थी। बाद में दो बसें और भेजी गईं। इन बसों की मदद से पिसोचिन में फंसे सभी भारतीय नागरिकों को निकाल लिया गया। बसें यूक्रेन की पश्चिमी सीमा की ओर बढ़ रही हैं।
सुमी पर है अब पूरा फोकस
विदेश मंत्रालय ने कहा कि जहां तक हमे जानकारी है कि अभी खारकीव में कोई नहीं बचा है। अब पूरा फोकस सुमी पर है। वहां चुनौतियां बहुत सारी हैं। दरअसल, सुमी में हिंसा जारी है। इस वजह से वहां परिवहन के साधनों का इंतजाम नहीं हो पा रहा है। विदेश मंत्रालय का कहना है कि सुमी के लिए हम कोशिश कर रहे हैं कि युद्धविराम की स्थिति बनाएं।
2,900 लोग पिछले 24 घंटे में स्वदेश लौटे
पिछले चौबीस घंटे में 15 उड़ानें भारत आई हैं। इनमें 2,900 लोग यूक्रेन से स्वदेश लौटे हैं। विदेश मंत्रालय के मुताबिक अब तक यूक्रेन से 13,300 नागरिकों को भारत लाया जा चुका है। इनमें से ज्यादातर छात्र हैं। अगले 24 घंटों के लिए 13 उड़ानें तय हैं।
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