बिहार में बच्चों को परोसे जाने वाले मिड डे मिल में कीड़े मकोड़े मिलने के मामले थमने का नाम नहीं ले रहे. ताजा मामला भागलपुर के सबौर प्रखंड का है. यहां रजंदीपुर के मध्य विद्यालय में चार दिन से मिड डे मिल में लगातार कीड़े मिल रहे हैं. बच्चे इसका विरोध करते हैं तो प्राध्यापक उन्हें डपट कर चुप करा देते हैं. कहते हैं यह कीड़े नहीं बासमती चावल है. इसकी जानकारी होने पर शनिवार को बच्चों के परिजनों ने स्कूल में जमकर हंगामा किया. परिजनों ने प्राध्यापक के खिलाफ अनियमितता का आरोप लगाते हुए कार्रवाई की मांग की.
स्कूल के अंदर हंगामा कर रहे परिजनों ने बताया कि चार दिन से बच्चों को मिल रहे मिड डे मिल में खराब खाना खिलाया जा रहा है. रोज खाने में कीड़े मिल रहे हैं. इसकी शिकायत बच्चों ने प्राध्यापक से की उन्होंने डपट कर चुप करा दिया. वहीं जब बच्चों ने उनके सामने थाली रख दी, जिसमे कीड़े साफ नजर आ रहे थे तो उन्होंने कहा कि यह कीड़े नहीं बासमती चावल है. यह चावल बाहर से मंगाया गया है और ऐसा ही होता है.
प्राध्यापक ने मानी गलती
इस संबंध में मीडिया ने प्राध्यापक से बात की. उन्होंने बताया कि वह साफ सफाई का पूरा ध्यान रखते हैं. लेकिन इस तरह से खाने में कीड़े मिलने की घटना समझ से परे हैं. उन्होंने कहा कि वह आगे से ध्यान रखेंगे. पूरा प्रयास करेंगे कि इस तरह की घटना दोबारा ना हो. उधर, छात्रों ने प्राध्यापक पर अंडे चोरी करने का आरोप लगाया. कहा कि मिड डे मिल में बच्चों के लिए अंडा आता है, लेकिन प्राध्यापक यह अंडे चुरा लेते हैं और बच्चों को नहीं मिलता.
जिला परिषद सदस्य ने उठाया मुद्दा
इस मुद्दे पर अब मंडल रजंदीपुर के जिला परिषद सदस्य कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की. उन्होंने कहा कि इस मुद्दे को लेकर वह जिला परिषद में और शिक्षा विभाग के अधिकारियों को शिकायत करेंगे. इसमें प्राध्यापक के खिलाफ कार्रवाई की मांग करेंगे.