उज्जैन. धर्म ग्रंथों के अनुसार श्राद्ध पक्ष (Shraddh Paksha 2022) के 16 दिनों का अलग-अलग महत्व है। इनमें से कुछ तिथियां बहुत ही विशेष मानी गई है। उन्हीं में से एक तिथि है द्वादशी। इस दिन संन्यासी श्राद्ध करने की परंपरा है। यानी यदि किसी परिजन ने संन्यास लिया हो और उसकी मृत्यु तिथि पता न हो तो तो इस तिथि पर उसका श्राद्ध जरूर करना चाहिए। इससे उसकी आत्मा को शांति मिलती है। इस बार ये तिथि 22 सितंबर, गुरुवार को है।
इस आसान विधि से करें संन्यासी श्राद्ध
– द्वादशी तिथि पर सुबह जल्दी उठकर स्नान आदि करने के बाद घर को साफ करें और घर के आंगन में रांगोली बनाएं। महिलाएं शुद्धता पूर्वक श्राद्ध के लिए भोजन बनाएं। इस बात का विशेष ध्यान रखें कि भोजन में लहसुन-प्याज का उपयोग न करें।
– श्राद्ध करने के लिए दक्षिण दिशा की ओर मुख करके बैठें और पितरों को प्रणाम करें। एक उपले (कंडे) को सुलगाकर उस पर 5 बार घी-गुड़ डालें। इसके बाद थोड़ी-थोड़ी भोजन सामग्री भी डालें।
– इसके बाद एक चौड़े बर्तन में काले तिल, गाय का दूध और पानी मिलाकर उसे दोनों हाथों में भरकर सीधे हाथ के अंगूठे से उसी बर्तन में गिराएं। इसे तर्पण करते हैं। अंत में हाथ जोड़कर पितरों को प्रणाम करें।
– संभव हो तो किसी ब्राह्मण को आमंत्रित करें और उसे भोजन करवाने के बाद दान-दक्षिणा देकर विदा करें। गाय, कुत्ते, चींटी, कौए के लिए भी भोजन निकालें। इस प्रकार श्राद्ध करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।
श्राद्ध न कर पाएं तो ये उपाय करें
1. किसी ब्राह्मण को कच्चा भोजन जैसे- आटा, चावल, दाल, घी, तेल, आदि सामग्री जितनी आपकी इच्छा हो दान करें, साथ ही दक्षिणा भी दें।
2. गाय को हरा चारा खिलाएं। मछलियों के लिए तालाब में आटे की गोलियां बनाकर डालें। चींटियों के लिए शक्कर मिश्रित आटा डालें।
3. पक्षियों के लिए छत पर भोजन और पानी की व्यवस्था करें। इन छोटे-छोटे उपायों से भी पितृ प्रसन्न हो जाते हैं।
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