अंतराष्ट्रीय

स्ट्रीट लाइट बंद कर खर्च घटाने को मजबूर Sri Lanka, भारत से मदद का है इंतजार

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 (Sri Lanka) की आर्थिक स्थिति (economic crisis ) लगातार बिगड़ती जा रही है. स्थिति ये है कि ईंधन खरीद पाने में नाकाम श्रीलंका की सरकार स्ट्रीट लाइट बंद कर पैसा बचाने की कोशिश कर रही है. रॉयटर्स ने श्रीलंका के ऊर्जा मंत्री के हवाले से ये जानकारी दी है. रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका में ईंधन (Fuel) की कमी की वजह से लंबे पावर कट देखने को मिल रहे हैं. स्थिति और बिगड़ने से बचाने के लिये सरकार सड़कों पर अंधेरा करने पर मजबूर हो गई है. श्रीलंका की सरकार ने जानकारी दी है कि भारत से डीजल का एक शिपमेंट शनिवार को पहुंच रहा है. जिसके बाद स्थिति में कुछ सुधार की उम्मीद है. हालांकि मंत्री ने साफ किया कि स्थिति फिलहाल जल्द सामान्य नहीं होगी.

श्रीलंका में बढ़ा ऊर्जा संकट

रिपोर्ट के मुताबिक श्रीलंका में फिलहाल 13-13 घंटे के पावर कट देखने को मिल रहे हैं. फिलहाल देश विदेशी मुद्रा भंडार की कमी की वजह से ईंधन का आयात नहीं कर पा रहा है. इसके साथ ही गर्मी में रिकॉर्ड तेजी की वजह से एक तरफ बिजली की मांग में तेज उछाल बना हुआ है तो दूसरी तरफ जल विद्युत उत्पन्न करने वाले जलाशयों में पानी इतना नीचे पहुंच गया है कि बिजली के उत्पादन पर असर देखने को मिला है. श्रीलंका की ऊर्जा मंत्री ने रॉयटर्स को बताया कि उन्होंने अधिकारियों को सड़कों की लाइट बंद करने के निर्देश पहले से ही दे दिये हैं जिससे बिजली की बचत की जा सके. वहीं कोलंबो स्टॉक एक्सचेंज ने पावर कट की वजह से ही ट्रेडिंग का समय एक हफ्ते के लिये 2 घंटे कम कर दिया है.

भारत से मदद का इंतजार

ऊर्जा मंत्री ने जानकारी दी कि भारत से 50 करोड़ डॉलर की क्रेडिट लाइन के तहत डीजल का एक शिपमेंट शनिवार को श्रीलंका पहुंच जाएगा. उन्होने कहा कि एक बार ईंधन श्रीलंका पहुंचेगा तो बिजली की कटौती में कुछ घंटे की कमी की जा सकेगी. हालांकि उन्होने साफ किया कि स्थिति सुधरने में अभी काफी वक्त लग सकता है. दरअसल आर्थिक स्थिति को लेकर दबाव बना हुआ है वहीं मई के मध्य में बारिश की शुरुआत के साथ जलाशयों के भरने और बिजली की मांग घटने के बाद ही बिजली की स्थिति को लेकर कुछ उम्मीदें की जा सकती हैं.

आर्थिक स्थिति पर दबाव कायम

बिजली की स्थिति के साथ ही देश की आर्थिक स्थिति पर भी काफी दबाव बना हुआ है. इसका असर शेयर बाजार में भी देखने को मिला है. मंगलावर को दिग्गज कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट के बाद कारोबार को आधे घंटे के लिये रोकना पड़ा. ऐसा 2 दिन में 3 बार हुआ है ब्रोकर्स के मुताबिक अर्थव्यवस्था की चुनौती के बीच कारोबार का वक्त दो घंटे घटाने से सेंटीमेंट्स बिगड़े हैं. श्रीलंका फिलहाल खाली विदेशी मुद्रा भंडार से जूझ रहा है. फरवरी के अंत में श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 2.3 अरब डॉलर के स्तर पर आ गया था. बीते दो सालों में श्रीलंका का विदेशी मुद्रा भंडार 70 प्रतिशत से ज्यादा गिर चुका है. जिससे देश आयात बिल चुकाने में असमर्थ हो गया है. फिलहाल श्रीलंका की उम्मीदें आईएमएफ के साथ भारत और चीन पर लगी हुई हैं.

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