राष्ट्रीय

राज्यसभा से रिटायर हो रहे 72 सांसद, विदाई समारोह का हुआ आयोजन, प्रधानमंत्री मोदी ने लिया हिस्सा

Narendra Modi

राज्यसभा में गुरुवार को 72 सदस्यों को विदाई दी गई. इन सदस्यों के लिए एक विदाई समारोह का आयोजन किया गया है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) ने भी सदस्यों के विदाई होने के कार्यक्रम में हिस्सा लिया है. उच्च सदन में 19 राज्यों का प्रतिनिधित्व कर रहे इन 72 सदस्यों का कार्यकाल मार्च से जुलाई के बीच पूरा होने जा रहा है. रिटायर हो रहे सदस्यों में कांग्रेस के ए के एंटनी, आनंद शर्मा, अंबिका सोनी, कपिल सिब्बल, भारतीय जनता पार्टी के सुरेश प्रभु, सुब्रमण्यम स्वामी, बहुजन समाज पार्टी के सतीश चंद्र मिश्रा, शिवसेना के संजय राउत, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के प्रफुल्ल पटेल शामिल हैं.

रिटायर हो रहे सदस्यों में निर्मला सीतारमण, पीयूष गोयल, मुख्तार अब्बास नकवी और आरसीपी सिंह जैसे मंत्री भी शामिल हैं. मनोनीत सदस्यों एम सी मैरीकॉम, स्वपन दासगुप्ता और नरेंद्र जाधव का भी कार्यकाल समाप्त हो रहा है. वहीं, प्रधानमंत्री नरेद्र मोदी ने राज्यसभा से सेवानिवृत्त हो रहे सदस्यों के बेहतर भविष्य की कामना करते हुए उनसे आग्रह किया कि वे अपने अनुभवों को चारों दिशाओं में ले जाएं और अपने योगदानों को कलमबद्ध कर देश की भावी पीढ़ी को प्रेरित करें. उन्होंने सेवानिवृत्त हो रहे सांसदों के लिए उच्च सदन में दिए गए अपने विदाई भाषण में कहा कि जो सदस्य सेवानिवृत्त हो रहे हैं. उनके पास अनुभव की बहुत बड़ी पूंजी है और कभी-कभी ज्ञान से ज्यादा अनुभव की ताकत होती है.

सदस्यों का अनुभव आएगा काम

प्रधानमंत्री ने कहा, ‘सदस्यों का अनुभव देश की समृद्धि में बहुत काम आएगा क्योंकि उन्होंने एक लंबा समय सदन की चारदिवारियों में बिताया है. इस सदन में हिंदुस्तान की कोने-कोने की भावनाओं का प्रतिबिंब, वेदना और उमंग सबका एक प्रवाह बहता रहता है.’ उन्होंने कहा, ‘भले हम इन चार दीवारों से निकल रहे हैं. लेकिन इस अनुभव को राष्ट्र के सर्वोत्तम हित के लिए चारों दिशाओं में ले जाएं. चारों दीवारों में पाया हुआ सब कुछ चारों दिशा में ले जाएं.’ पीएम ने कहा कि अपने कार्यकाल के दौरान सदस्यों ने सदन में जो महत्वपूर्ण योगदान दिया और उस योगदान ने देश को आकार और एक दिशा देने में भूमिका निभाई है तो उसे जरूर कलमबद्ध करें.

सभापति ने रिटायर हो रहे सांसदों से क्या कहा?

वहीं, सभापति एम वेंकैया नायडू ने सभी सांसदों व देश भर के विधायकों से जुनून के साथ बेहतर प्रदर्शन करने और नियमों व प्रक्रियाओं का ईमानदारी से पालने करने की अपील की और कहा कि उन्हें अपने-अपने सदनों में व्यवधान पैदा करने से बचना चाहिए. उन्होंने सांसदों व देश के सभी विधायकों से जनता के विश्वास का सम्मान करने की भी अपील की. नायडू ने कहा कि जनता की उम्मीदें और आकांक्षाएं कानून व नीतियों के निर्माण में समाहित होती हैं, इसलिए सभी निर्वाचित प्रतिनिधियों को सुनिश्चित करना चाहिए कि जनता की उम्मीदों को पूरा किया जाए. उन्होंने इस बात पर चिंता जताई कि वर्ष 2017 के बाद राज्यसभा में कामकाज का 35 प्रतिशत समय व्यवधान के कारण बर्बाद हो गया.

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