2 अक्टूबर 2024 प्रातः बन्दन
🦚02 अक्टूबर 2024 🦚
🎍 सबका मंगल होय🎍
🪷आज का सुविचार 🪷
⬇️
🌹जिन्दगी दूसरों को जबाब देने
से नहीं,——————–!
🌹खुद से सबाल करने से
बेहतर बनती है,———!!
🌻क्योंकि🌻
जो जंग मुझी से क्या करूँ यारो,
ये खुशी कोई न गम हारना हराना क्या।
जो न नजरों की न दिल की आबाज समझे,
उन्हें वो राजे मुहब्बत बताना क्या।।
🌺इसीलिए🌺
आइना मुझसे मै उससे हूँ बहुत खौफजदा,
असल जो है तो उसे छिपाना क्या।
जख्म ऐसा कि जो हर बक्त मुझे याद रहे,
जख्म तो जख्म नया क्या और पुराना क्या।।
🌻क्योंकि🌻
जिन्दगी दर्द के रिश्तों की कहानी भर है,
कोई अपना न कोई गैर है बताना क्या।
एक रिस्ता है कि बे-मानी नजर आता है,
जो कभी याद न आया उसे भुलाना क्या।।
🌷लेकिन🌷
संदेह विकास की घातक कड़ी है,
श्रृद्धा जीवन की अद्भुद जड़ी है।
घृणा के साथ जिसने आयु बिताई,
उसकी पुष्प सी जिन्दगी सड़ी है।।
आपका आज का दिन
बुधवार तथागत की दया से मंगलमय हो।
राष्ट् पिता महात्मा गाँधी व देश के लाल श्री लाल बहादुर शास्त्री के जन्म दिवस पर शत् शत् नमन।
🙏🙏
🌹प्रातःवंदन🌹
जी. पी. गौतम