अतर्राष्ट्रीय परमाणु ऊर्जा एजेंसी (आईएईए) के महानिदेशक राफेल एम ग्रोसी ने भारत में न्यूक्लियर साइंस एवं टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में हो रही उत्तरोत्तर वृद्धि की तारीफ की है। उन्होंने कहा कि न्यूक्लियर तकनीक के क्षेत्र में भारत का योगदान सराहनीय है।
वहीं, कैंसर के उपचार में प्रोटॉन थेरेपी की सफल शुरूआत पर उन्होंने प्रसन्नता जताई। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयोग को बढ़ावा देने वाली एवं विश्व के सभी परमाणु ऊर्जा से संबन्धित संस्थानों पर निगरानी रखने वाली संस्था आईएईए के महानिदेशक ग्रोसी भारत सरकार के परमाणु ऊर्जा विभाग के निमंत्रण पर मुंबई का दो दिवसीय (25-26 अक्तूबर) दौरा पर हैं।
ग्रोसी हुए भारत के मुरीद
ग्रोसी ने भारत में न्यूक्लियर साइन्स एवं टेक्नालजी के क्षेत्र में जानकारी लेने के लिए परमाणु ऊर्जा विभाग के अध्यक्ष व भाभा एटोमिक रिसर्च सेंटर (बीएरआरसी) एवं टाटा मेमोरियल सेंटर (टीएमसी) का भ्रमण किया। बृहस्पतिवार को नवी मुंबई में खारघर स्थित टीएमसी में ग्रोसी ने परमाणु ऊर्जा विभाग के वैज्ञानिकों, विशेषज्ञों एवं वरिष्ठ अधिकारियों को संबोधित करते हुए कहा कि भारत परमाणु ऊर्जा के क्षेत्र में काफी ज़िम्मेदारी से कार्य कर रहा है और विश्व पटल पर तेजी से उभर रहा है। भारत में परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण प्रयासों के द्वारा कृषि, स्वास्थ्य, जलवायु परिवर्तन एवं खाद्यान प्रसंस्करण के क्षेत्र में जिस तरह से लोगों के जीवन को बदला जा रहा है, यह अत्यंत सराहनीय है।
परमाणु ऊर्जा में काफी क्षमता
राफेल एम ग्रोसी ने कहा कि परमाणु ऊर्जा में काफी क्षमता है। इससे स्वच्छ, हरित एवं सुरक्षित तरीके से बिजली का उत्पादन कर कार्बन का उत्सर्जन कम किया जा सकता है और भारत नेट-ज़ीरो के लक्ष्य को प्राप्त करने में सफलता हासिल कर सकता है। इसके अलावा उन्होने न्यूक्लियर पॉवर कार्पोरेशन लि. (एनपीसीआईएल) के द्वारा बेहद सुरक्षित तरीके से संचालित सभी परमाणु बिजली घरों के ट्रैक रिकॉर्ड की भी सराहना की। परमाणु ऊर्जा आयोग के अध्यक्ष एवं परमाणु ऊर्जा विभाग के सचिव डॉ अजीत कुमार मोहंती, निदेशक (बीएआरसी) और टीएमसी के निदेशक डॉ. राजेन्द्र बडवे ने आईएईए के महानिदेशक ग्रोसी का स्वागत किया।
डॉ बडवे ने ग्रोसी को कैंसर के उपचार में रेडियोथेरेपी और परमाणु चिकित्सा की महत्वपूर्ण भूमिका के बारे में जानकारी दी। साथ ही, टीएमसी को विभिन्न सहयोग के लिए आईएईए को धन्यवाद दिया। वहीं, राफेल एम ग्रोसी ने टीएमसी में भारत की पहली सार्वजनिक क्षेत्र की प्रोटॉन थेरेपी इकाई की सफल शुरूआत पर प्रसन्नता जताई। इससे सालाना लगभग 500 मरीजों को बहुत ही सस्ता उन्नत विकिरण उपचार मिल सकेगा।