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दिल्ली में सात दिनों में Corona के 1 हजार से ज्यादा एक्टिव मरीज घटे, पॉजिटिविटी रेट 5 प्रतिशत से कम

देश की राजधानी दिल्ली में कोरोनाके नए मामलों (Corona Cases In delhi) के साथ अब एक्टिव मरीज (Active Cases Of Corona) भी घटने लगे हैं. पिछले एक सप्ताह में एक हजार से ज्यादा एक्टिव मामले कम हो गए हैं. दिल्ली में कोरोना का पॉजिटिविटी रेट भी पांच प्रतिशत से कम बना हुआ है. कुल एक्टिव मरीजों में से तीन प्रतिशत से कम रोगी ही अस्पतालों में भर्ती हैं. अस्पतालों में भर्ती मरीजों की संख्या में भी कमी आई है. फिलहाल 173 मरीज अस्पताल में हैं. जबकि कुछ दिन पहले तक ये संख्या 203 थी. साथ ही वैक्सीनेशन भी तेजी से चल रहा है. एक्सपर्ट्स का कहना है कि दिल्ली में इस बार जो केस बढ़े थे, उनका पीक अब निकल चुका है. फिलहाल राजधानी में किसी नई लहर के आने की आशंका नहीं है.

दिल्ली के स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक, 6 मई तक एक्टिव मरीजों की संख्या 6096 थी, जो अब घटकर 4928 रह गई है. इस हिसाब से देखें तो एक सप्ताह में 1,168 एक्टिव मामले कम हुए हैं. पिछले पांच दिन से पॉजिटिविटी रेट भी पांच प्रतिशत से कम बना हुआ है. दिल्ली में 1 अप्रैल के बाद से केस बढ़ने लगे थे, हालांकि अब पिछले एक सप्ताह से दैनिक मामलों में कमी आ रही है. साथ ही एक्टिव केस भी लगातार घट रहे हैं. फिलहाल अस्पतालों में जो मरीज हैं. उनमें अधिकतर दूसरी बीमारी से पीड़ित है. विभाग के मुताबिक, दिल्ली में कोरोना वैक्सीनेशन भी तेजी से चल रहा है. अब तक 33819795 डोज लगाई जा चुकी हैं. इसके अलावा 897882 प्रिकॉशन डोज लगाई गई है.

चौथी लहर की आशंका नहीं

सफदरजंग अस्पताल के मेडिसिन विभाग के एचओडी प्रोफेसर डॉ. जुगल किशोर का कहना है कि दिल्ली में फिलहाल कोरोना की चौथी लहर की आशंका नहीं है. राजधानी में संक्रमण के खिलाफ हर्ड इम्यूनिटी ( Herd Immunity) बनी हुई है. अधिकतर लोग ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) से संक्रमित हो चुके हैं. अब कोरोना के मामलों में कमी जारी रहेगी, हालांकि बीच-बीच में केसज में उतार-चढ़ाव आता रहेगा, लेकिन ये इस स्तर पर नहीं बढ़ेंगे, जिससे खतरा हो.

नए वैरिएंट का खतरा अभी भी है

डॉ.किशोर का कहना है कि कोरोना के नए वैरिएंट का खतरा अभी भी बना हुआ है. क्योंकि वायरस में म्यूटेशन हमेशा होता रहता है. इसलिए ऐसा नहीं है कि अब कभी कोई नया वैरिएंट नहीं आएगा. ऐसे में हमें इसको लेकर सतर्क रहना होगा और ये देखना होगा कि किसी इलाके में अचानक केस बढ़ तो नहीं रहे हैं. साथ ही ये भी देखना होगा कि अब टेस्ट कितने लोग करवा रहे हैं.

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