
ईरान की रिवोल्यूशनरी अदालत ने देश में लगातार जारी अशांति के बीच एक सरकार विरोधी प्रदर्शनकारी को मौत की सजा सुनाई है. इनके अलावा अदालत ने प्रदर्शनों में शामिल पांच अन्य लोगों के लिए जेल की सजा का ऐलान किया है. देश में पिछले कुछ हफ्तों से जारी सरकार विरोधी प्रदर्शनों में हिस्सा लेने के लिए गिरफ्तार लोगों के खिलाफ जारी मुकदमों में संभवत: पहली बार मौत की सजा दी गई है. प्रदर्शनकारी पर आरोप है कि उसने कथित रूप से एक सरकारी भवन में आग लगाई थी.
ईरान की अदालतों से संबंधित एक समाचार वेबसाइट मिजान ने बताया कि प्रदर्शनकारी ने एक सरकारी भवन में आग लगा दी थी. यही वजह है कि उसे मौत की सजा सुनाई गई है. रिपोर्ट में बताया गया है कि प्रदर्शनों में शामिल पांच अन्य लोगों को राष्ट्रीय सुरक्षा और सार्वजनिक व्यवस्था के उल्लंघन के आरोप में पांच से 10 साल जेल की सजा दी गई. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक तेहरात प्रांत में स्थित अदालत का यह फैसला रविवार को आया है, जिसके खिलाफ अपील याचिका भी दायर की जा सकती है.
ईरानी बलों के हमले में 300 प्रदर्शनकारियों की मौत
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक ईरान में अलग-अलग अदालतों ने कथित रूप से “दंगा” करने के लिए 750 से ज्यादा लोगों पर अलग-अलग धाराओं में आरोप लगाए हैं. प्रदर्शनों के बाद से 2,000 से ज्यादा लोगों को पहले ही राजधानी तेहरान में आरोपित किया गया था. ईरान में हिजाब विवाद शुरू होने के बाद से दर्जनों कार्यकर्ताओं, पत्रकारों और वकीलों पर कार्रवाई की गई है और उन्हें गिरफ्तार किया गया है. एक अंग्रेजी दैनिक अल-अरबिया के मुताबिक प्रदर्शनों के बाद से अबतक 300 से ज्यादा प्रदर्शनकारियों की सुरक्षा बलों द्वारा किए गए हमलों में मौत हो गई है. इनके अलावा हजारों प्रदर्शनकारियों को हिरासत में लिया गया है.
Iran’s judiciary has charged more than 750 people in three provinces for participating in “recent riots”, local media reported, amid nationwide protests since the death of Mahsa Amini. More than 2,000 people had already been charged.
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— AFP News Agency (@AFP) November 13, 2022
“आंख के बदले आंख” वाली सजा लागू करे अदालत- सांसद
मीडिया रिपोर्टों के मुताबिक इस महीने की शुरुआत में ईरान के 290 सांसदों में 272 ने मांग की कि अदालत मौत की सजा लागू करे. नॉर्वे स्थित एनजीओ ईरान ह्यूमन राइट्स के डायरेक्टर महमूद अमीरी-मोघद्दाम के हवाले से एएफपी न्यूज एजेंसी ने बताया कि सांसदों की मांग है कि अदालत “आंख के बदले आंख” वाली सजाएं लागू करे, और जो भी नियमों का उल्लंघन करें उन्हें इसी तरह की कड़ी सजा दी जाए.
हिजाब विवाद से ऊपर उठ चुका है प्रदर्शन
ईरानी पुलिस की हिरासत में 16 सितंबर को 22 वर्षीय महसा अमीनी की मौत के बाद ईरान में देशव्यापी विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए थे. महिलाओं के लिए ईरान में सख्त ड्रेस कोड का कथित रूप से उल्लंघन करने पर अमीनी को हिरासत में लिया गया था. शुरुआत में विरोध प्रदर्शन ईरान में हिजाब पहनने की अनिवार्यता पर केंद्रित थे, लेकिन बाद में प्रदर्शनों का सिलसिला बढ़ता गया और ये 1979 की इस्लामी क्रांति के बाद सत्तारूढ़ शासकों के लिए सबसे बड़ी चुनौतियों में से एक में बदल गए हैं.
(भाषा इनपुट के साथ)
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