-ब्यूरो रिपोर्ट केके सक्सेना
कासगंज। निर्झर साहित्यिक संस्था के तत्वावधान में हिन्दी दिवस पर काव्य संध्या बीएस डायनामिक एकेडमी के सभागार में वरिष्ठ संरक्षक डा. अखिलेश चन्द्र गौड़ की अध्यक्षता, डा. सुरेन्द्र गुप्ता के मुख्य आतिथ्य व डा. शशिलता चौहान, डा. सुभाषचन्द्र दीक्षित, मुनेन्द्रपाल सिंह एडवोकेट के विशिष्ट आतिथ्य में संपंन हुई। अतिथियों ने मां सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण, दीप प्रज्ज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारंभ किया।
कार्यक्रम के दौरान डा. अखिलेश चन्द्र गौड़ ने मां दे दो अक्षर ज्ञान मुझे, भाषा सौरभ सद्ज्ञान मुझे सरस्वती वंदना पढ़ी। मनोज मंजुल ने पढ़ा कि भारत का सम्मान छिपा है राष्ट्र भाषा हिन्दी में। मनोज शर्मा को पढ़ा कि करता हूँ मैं गर्व कि हिन्दी मेरी भाषा है। अखिलेश सक्सेना ने पढा कि हिन्दी जनमन की भाषा, मेरे मन की अभिलाषा। डा. सुरेन्द्र गुप्ता ने पढा कि आओ सब मिलकर करें हिन्दी का गुणगान। विनय चंदन ने पढा कि तट को आज बचाती, हारी- हारी हिन्दी। अध्यक्ष डा. राम प्रकाश पथिक ने पढा कि जो सृजन समर्पित हिन्दी को, उस प्रबल सर्जना की जय हो। डा. अखिलेश चन्द्र गौड़ ने पढा कि रात के जाते हुए पथ पर चरण रखता सबेरा, सूर्य के रथ आगमन पर कांप जाता है अंधेरा। कार्यक्रम में डा. विद्युतलता कुलश्रेष्ठ, देवेन्द्र शर्मा भ्रमर, डा.विमलेश अवस्थी, रामकरन राज, होरी लाल व्यास, अचिंत सक्सेना ने भी काव्यपाठ किया। इस दौरान दीपक सक्सेना, केके सक्सेना, प्रशांत सक्सेना, सतीश चन्द्र माहेश्वरी, विकास श्रीवास्तव, आलोक सक्सेना, चन्द्र प्रकाश, प्रदीप कुलश्रेष्ठ, नीरज वर्मा, रामचन्द्र वर्मा, सुबोध भारद्वाज, विजय सक्सेना, मनोज सिंघल, मदन चन्द्र राजपूत, राजीव चौहान, कबीर चौहान मौजूद रहे।
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