मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय
पशुपालन और डेयरी विभाग
लोकसभा
अतारांकित प्रश्न संख्या- 2520
दिनांक 06 अगस्त, 2024 के लिए प्रश्न
राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशुधन मिशन
2520. डॉ. भोला सिंह:
क्या मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री यह बताने की कृपा करेंगे कि:
(क) क्या सरकार ने देश में राष्ट्रीय गोकुल मिशन और राष्ट्रीय पशुधन मिशन को कार्यान्वित किया है और यदि हां, तो तत्संबंधी ब्यौरा क्या है;
(ख) उत्तर प्रदेश में इन योजनाओं का पशुधन उत्पादकता, डेयरी उत्पादन और समग्र ग्रामीण अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है;
(ग) उत्तर प्रदेश में इन योजनाओं के लिए कितना वित्तीय आवंटन और व्यय किया गया है; और
(घ) राज्य के मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी क्षेत्रों में और अधिक विकास के लिए इन योजनाओं को बढाने और इन्हें विस्तारित करने के लिए अन्य क्या पहल की गई हैं?
उत्तर
मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी मंत्री
(श्री राजीव रंजन सिंह उर्फ ललन सिंह)
(क) और (ख) पशुधन क्षेत्र के विकास के लिए राज्य द्वारा किए गए प्रयासों को अनुपूरित और संपूरित करने के लिए, भारत सरकार निम्नलिखित कार्यान्वित कर रही है: (i) राष्ट्रीय गोकुल मिशन जिसका उद्देश्य देशी बोवाइन नस्लों का विकास और संरक्षण, बोवाईनों का दुग्ध उत्पादन और उत्पादकता बढ़ाना है, और (ii) पोल्ट्री, भेड़, बकरी, सुअर, आहार और चारा विकास के साथ-साथ नस्ल सुधार के उद्यमिता विकास के उद्देश्य से राष्ट्रीय पशुधन मिशन। योजना में दिनांक 21.02.2024 को संशोधन किया गया और घोड़े, गधे, खच्चर और ऊंट को पशुधन क्षेत्र के समग्र विकास के लिए कार्यकलापों में शामिल किया गया। मूलभूत पशुपालन सांख्यिकी 2023 के अनुसार, उत्तर प्रदेश देश में कुल दूध उत्पादन में 15.72% के योगदान के साथ सबसे बड़ा दूध उत्पादक राज्य है। उत्तर प्रदेश में दूध उत्पादन वर्ष 2014-15 में 25198.36 हजार टन से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 36241.74 हजार टन हो गया है जो 43.82% है। देशी गोपशुओं में दूध की उत्पादकता वर्ष 2014-15 में 2.60 किलोग्राम प्रति दिन प्रति पशु से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 3.78 किलोग्राम प्रति दिन प्रति पशु हो गई है जो 45.38% है। भैंसों में दूध की उत्पादकता वर्ष 2014-15 में 4.47 किलोग्राम प्रति दिन प्रति पशु से बढ़कर वर्ष 2022-23 में 5.27 किलोग्राम प्रति दिन प्रति पशु हो गई है जो 17.89% है।
(ग) पिछले 5 वर्षों के दौरान उत्तर प्रदेश को जारी की गई कुल निधि निम्नलिखित तालिका में दी गई है:
योजना पिछले पांच वर्षों और चालू वर्ष के दौरान जारी की गई कुल निधियां (लाख रु में)
राष्ट्रीय गोकुल मिशन 24602.23
राष्ट्रीय पशुधन मिशन 1852.65
(घ) उत्तर प्रदेश सहित देश में मत्स्यपालन, पशुपालन और डेयरी क्षेत्र के और अधिक विकास के लिए भारत सरकार द्वारा निम्नलिखित अन्य पहलें की जा रही हैं:
(i) पशुपालन अवसंरचना विकास निधि (एएचआईडीएफ) जिसमें (i) डेयरी प्रसंस्करण और उत्पाद विविधीकरण अवसंरचना, (ii) मांस प्रसंस्करण और उत्पाद विविधीकरण अवसरंचना और (iii) पशु चारा संयंत्र (iv) नस्ल सुधार तकनीक और नस्ल वृद्धि फार्म, (v) पशु चिकित्सा टीका और औषधि उत्पादन सुविधाएं, (vi) पशु अपशिष्ट से संपत्ति प्रबंधन (कृषि-अपशिष्ट प्रबंधन) स्थापित करने के लिए निवेश को प्रोत्साहित किया जा रहा है। एएचआईडीएफ की सफलता को ध्यान में रखते हुए, पूर्ववर्ती डेयरी प्रसंस्करण अवसंरचना विकास निधि को दिनांक 01.02.2024 को एएचआईडीएफ में मिला दिया गया है। अब निधि का कुल आकार 29110 करोड़ रु है।
(ii) किसान क्रेडिट कार्ड (केसीसी) – पहली बार सरकार ने पशुपालकों और मत्स्यपालकों को उनकी कार्यशील पूंजीगत आवश्यकताओं के लिए केसीसी सुविधा प्रदान की है, जिसमें स्वामित्व / किराए पर / पट्टे पर शेड वाले काश्तकारों किसानों सहित व्यक्तिगत या संयुक्त उधारकर्ता किसान, संयुक्त देयता समूह या स्वयं सहायता समूह योजना के तहत प्रोत्साहन प्राप्त करने के लिए पात्र हैं।
(iii) मत्स्यपालन विभाग देश में मत्स्यपालन क्षेत्र के संवर्धन और समग्र विकास के लिए सभी राज्यों/संघ राज्य क्षेत्रों में वर्ष 2020-21 और 2024-25 के बीच 5 वर्षों की अवधि में मत्स्यपालन क्षेत्र में 20,050 करोड़ रुपये के निवेश के साथ “प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना (पीएमएमएसवाई) – भारत में मत्स्यपालन क्षेत्र के सतत और उत्तरदायी विकास के माध्यम से नीली क्रांति लाने की एक योजना” नामक एक प्रमुख योजना लागू कर रहा है।
(iv) मत्स्यपालन और जलीय कृषि क्षेत्र के विकास की अपार संभावनाओं को देखते हुए, इस विभाग द्वारा विभिन्न पहलें की गई हैं, जिसमें देश में मात्स्यिकी क्षेत्र की कई अवसरंचना आवश्यकताओं के सृजन में सहायता के लिए 7522.48 करोड़ रुपये के कुल परिव्यय से दिनांक 24 अक्टूबर, 2018 को मत्स्यपालन और जलीय कृषि अवसरंचना विकास निधि (एफआईडीएफ) पर एक विशिष्ट योजना प्रारंभ करना शामिल है।