भारतीय रेलवे ने लापरवाह अफसरों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। रेलवे ने काम में लापरवाही बरतने के अरोप में कई अफसरों को बाहर का रास्ता दिखा दिया है।
मनी कंट्रोल की एक रिपोर्ट के अनुसार रेलवे ने अपने काम को गंभीरता से नहीं लेने वाले 19 अधिकारियों को जबरन सेवानिवृत्ति दी है। रेलवे ने जिन अधिकारियों के खिलाफ यह कार्रवाई की है उनमें 10 अधिकारी तो संयुक्त सचिव स्तर के है।
रेलवे ने केन्द्रीय सिविल सेवा सीसीएस रूल 56 जे के तहत कार्रवाई की गयी है। इस नियम के तहत किसी भी सरकारी कर्मचारी को कम से कम 3 महीने का नोटिस देकर या इस अवधि का वेतन देकर रिटायर किया जा सकता है।
ये सभी अधिकारी पश्चिमी रेलवे, एमसीएफ, मध्य रेलवे, सीएलडब्ल्यू, नार्थ फ्रंट रेलवे, पूर्व रेलवे, दक्षिण पश्चिम रेलवे, डीएलडब्ल्यू, उत्तर मध्य रेलवे और उत्तर रेलवे में तैनात थे। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार केन्द्र सरकार ठीक ढंग से काम नहीं कर रहे कर्मचारियेां से छुटकारा पाना चाहती है। इसी के तहत यह कार्रवाई की गयी है।
आपको बता दें कि बीते साल जुलाई में रेल मंत्री बनने के बाद अश्विनी वैष्णव ने अधिकारियों से साफ कहा था कि काम करो या घर बैठो। उनके 11 महीने के कार्यकाल में 96 अधिकारियों को जबरन रिटायर किया जा चुका है। वहीं अब तक करीब 77 अधिकारियों ने वीआरएस ले लिया है। इनमें जनरल मैनेजर और सचिव जैसे सीनियर अधिकारी शामिल हैं। रेलवे ने साल 2019 में भी 50 साल से अधिक उम्र के 32 अधिकारियों को समय से पहले रिटायर कर दिया था।
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