बच्चों को हेल्थी खाना खाने के लिए बार बार कहना सही नहीं है सेहत के लिए
Health Tips: इंदौर । कई बार यह देखा गया है कि बच्चे खाने में आनाकानी करते हैं और उसका नकारात्मक प्रभाव उनके शारीरिक और बौदि्धक विकास पर पड़ता है। यदि बच्चा पोषणयुक्त भोजन नहीं कर रहा तो उसे ऐसा भोजन दें जो उसकी पसंद का तो हो लेकिन पोषकतत्वों से भरा हो।
आहार व पोषण विशेषज्ञ डा. संगीता मालू के अनुसार जो बच्चे दूध नहीं पीते उन्हें दूध अन्य रूप में दें। बच्चों के लिए बनाए जाने वाली रोटी या पराठे का आटा दूध में गूंधें। इससे वे बच्चों को स्वादिष्ट भी लगेंगे और दूध का पोषण भी उन्हें मिलेगा। इस तरह बच्चों दूध का प्रोटीन मिलेगा। यदि आप बच्चों के लिए खिचड़ी या उपमा बना रहे हैं तो उसमें पानी के स्थान पर दूध या दही भी डाल सकते हैं।
बच्चों को पूड़ी पसंद आती है इसलिए पूड़ी के साथ तरह-तरह की सब्जी, या फिर अलग-अलग आकार की रोटी, पराठे बनाकर भी उन्हें भोजन के प्रति आकर्षित कर सकते हैं। पूड़ी में सब्जी की स्टफिंग करके भी उन्हें दिया जा सकता है।
बच्चों को भोजन जबर्दस्ती नहीं कराना चाहिए। एक से छह वर्ष की उम्र के बच्चों में अक्सर देखा गया है कि वे परिवार के सभी सदस्यों के साथ थोड़ा-थोड़ा भोजन करते हैं, इससे बच्चों को भी यह पता नहीं चलता कि उन्होंने कितना भोजन कर लिया है और ना ही आप उसकी भूख या भोजन का अनुमान लगा पाते हैं।
एक वर्ष के बच्चे को दिन में हर दो से तीन घंटे में थोड़ा-थोड़ा खिलाते रहें। इस तरह बच्चा भी यह जान पाता है कि उसका पेट भरा है या नहीं और वह भोजन को लेकर चिढ़ता भी नहीं। इस उम्र के बच्चों को चाय या काफी बिल्कुल नहीं देना चाहिए।