उत्तर प्रदेश

पुलिस के दबाव के कारण नहीं मिल रहा न्याय, अम्बेडकर की प्रतिमा के नीचे धरने पर बैठे पीड़ित

Ambedkarnagar News: भीटी थाना क्षेत्र के गांव बीवीपुर रण्डौली में खाकी का आतंक चरम पर देखा जा रहा है। गैर जनपद में तैनात एक महिला सिपाही के परिवार के सामने जिले का पुलिस महकमा इस कदर नतमस्तक हो चला है कि उसे न्याय व अन्याय नही दिखाई पड़ रहा है। न्याय न मिलने से पीड़ित लोग अब कलेक्ट्रेट के सामने स्थित अम्बेडकर प्रतिमा के नीचे आमरण अनशन पर बैठ गये हैं।

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-सोशल मीडिया)

प्रतीकात्मक तस्वीर (फोटो-सोशल मीडिया)

उनका कहना है कि या तो उन्हें अब न्याय मिलेगा या वे यहीं पर प्राण त्याग देंगे। पीड़ित शीतला प्रसाद मौर्या, सुरेन्द्र मौर्य, छोटे लाल तथा कमला प्रसाद व सुधीर मौर्य का परिवार अपने पड़ोसी अनिरूद्ध प्रसाद तिवारी तथा उनके पुत्रों के कारनामों से इस प्रकार व्यथित है कि अब उसे अपना खुद का मकान बचाना मुश्किल साबित हो रहा है। उनके पुस्तैनी मकान, जिस पर कभी कोई सुलह नही हुई, उसके सम्बन्ध में गलत व्याख्या करके वे सब भीटी पुलिस की मदद से गिराना चाह रहे हैं।

बिना किसी कारण के भीटी पुलिस उन्हें चार -पांच दिन तक थाने में बैठाये रहती है

पीड़ित का कहना है कि बिना किसी कारण के भीटी पुलिस उन्हें चार -पांच दिन तक थाने में बैठाये रहती है तथा मकान गिराने का दबाव बनाती है। पीड़ित के अनुसार पुलिस इसके पीछे पुलिस अधीक्षक के आदेश का हवाला देती है जबकि राजस्व से संबंधित मामलों में पुलिस का कोई हस्तक्षेप नही होता। पीड़ितों ने आरोप लगाया कि जब उन्होंने इस सम्बन्ध में पुलिस अधीक्षक से शिकायत की तो उन्होंने कहा कि मुझे गोली मारकर जमीन पर कब्जा कर लो।

प्रश्न यह उठता है कि आखिर पुलिस अधीक्षक के समक्ष ऐसी कौन सी मजबूरी है जिसके कारण वह इतने छोटे मामले पर इस तरह की बात कह रहे हैं। बताया जाता है कि इन सबके मूल में वह महिला सिपाही है जिसके दबाव में जिले की पुलिस घुटने के बल चलने को विवश देखी जा रही है। अब देखना यह है कि पीड़ितों द्वारा शुरू की गई गांधीगिरी पर प्रशासन का क्या रूख होता है।

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