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जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण ही एक मात्र उपाय

जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण ही एक मात्र उपाय

खसरा के लक्षणों को छिपाएं नहीं तुरंत आशा एवं ए. एनएम से सम्पर्क करें : जिला प्रतिरक्षण अधिकारी

क्षय रोग, काली खांसी, गलघोंटू, पोलियो, निमोनिया, खसरा, रतौंधी जैसी बीमारियो से बचाव के लिए टीकाकरण ज़रूरी

कासगंज, 20 मई 2023।

शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण ही एक मात्र उपाय है। टीकाकरण क्षय रोग, हेपेटाइटिस, पोलियो, निमोनिया, काली खांसी, गलघोंटू, खसरा, रतौंधी जैसी जानलेवा बीमारियों से बचाव करता है। टीकाकरण कराने से बच्चों के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है। इसलिए जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अंजुश ने जनपद के सभी अविभावकों से अपील की है कि सभी अपने बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाव के लिए टीकाकरण जरुर कराएं।

जिला प्रतिरक्षण अधिकारी ने बताया कि जिले में प्रत्येक बुधवार व शनिवार में शून्य से पांच वर्ष तक के बच्चों व गर्भवती का टीकाकरण किया जाता है। इसके अलावा हर रविवार को शहरी प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र बिड़ला, प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र पवसरा, एवं सयुंक्त जिला चिकित्सालय पर टीकाकरण किया जाता है। साथ ही टीकाकरण कार्ड भी लाभार्थी को दिया जाता है। जिसमें टीका का समय व ड्यू डेट एएनएम द्वारा दी जाती है। इसके साथ ही 10 वर्ष से 16 वर्ष तक के किशोर किशोरियों को भी टीडी का टीका लगाया जाता है।

डॉ. सिंह ने कहा कि गर्भवती को टीडी प्रथम डोज़ व एक माह बाद टीडी की दूसरी खुराक दी जाती है। बच्चे के जन्म के तुरंत बाद या 24 घंटे के अंदर बीसीजी ओपीवी हेपेटाइटिस टीका दिए जाते हैं और यदि किसी कारणवश टीका नहीं लग पाता है तो ओपीवी की पहली खुराक एक माह तक दी जा सकती हैं। बीसीजी का टीका एक साल के अंदर लगवा सकते हैं। ओरल पोलियो वैक्सीन (ओपीवी), पेंटावेलेंट, रोटावायरस, डेढ़ माह, ढ़ाई माह, साढ़े तीन माह में लगते हैं। एमआर व विटामिन ए की खुराक जन्म के नौ माह पर दी जाती है। बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए जन्म से नौ माह तक नियमित टीकाकरण ज़रूर कराएं।

डॉ. अंजुश ने बताया कि खसरा एक संक्रमित बीमारी है, यह बीमारी संक्रमित बच्चे के सम्पर्क में आने से फैलती है। खसरा पांच 5 वर्ष से कम उम्र के बच्चों या किसी भी उम्र के व्यक्ति को हो सकता है। संक्रमित बच्चे या किसी भी व्यक्ति से फैल सकता है। यह एक जानलेवा बीमारी है, खसरा गंभीर हो जाने पर बच्चे की मृत्यु भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि बुखार के साथ साथ पूरे शरीर पर लाल दाने दिखाई देना व दस्त लगना खसरा के मुख्य लक्षण हैं। इस तरह के लक्षण दिखने पर छिपाएं नहीं तुरंत ही अपने नज़दीकी आशा व एएनएम से सम्पर्क करें। उन्होंने बताया खसरा से बचाव के लिए टीकाकरण ही एक मात्र उपाय है।

डब्ल्यूएचओ एसएमओ हार्दिक कंजारिया ने बताया कि जनपद में वर्ष 2022 में जनवरी से दिसम्बर तक 206 बच्चे खसरा के थे। वर्तमान में जनवरी से अबतक 122 बच्चे खसरा से ग्रसित हैं। सभी बच्चों को विटामिन ए की खुराक दी गई। इसलिए खसरा से बचाव के लिए नौ माह पर एमआर प्रथम डोज़ व विटामिन ए तथा 16 माह पर एमआर बूस्टर डोज़, विटामिन ए का टीका जरुर लगवाएं। संक्रमण आने पर तुरंत ही स्वास्थ्य विभाग व नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र, आशा आंगनवाड़ी को सूचना उपलब्ध कराएं। साथ ही चिकित्सक को दिखाकर सलाह लें। उन्होंने कहा – जनसमुदाय की ज़िम्मेदारी है कि साफ सफाई का ख्याल रखें, जिससे कि संक्रामक बीमारियों से बचा जा सके।

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