सामुदायिक बैठकों में बताया गया नियमित टीकाकरण का महत्व
सामुदायिक बैठकों में बताया गया नियमित टीकाकरण का महत्व
विभिन्न प्रकार की गंभीर बीमारियों से बचाता है नियमित टीकाकरण
दुर्गा कॉलोनी व गंगागढ़ में 45 परिवारों को किया जागरूक
कासगंज, 3जुलाई 2023।
जिले में स्वास्थ्य विभाग द्वारा सहयोगी संस्था यूनीसेफ के सहयोग से सामुदायिक बैठकों का आयोजन कर नियमित टीकाकरण का महत्व समझाया जा रहा है । इसी क्रम में शहरी क्षेत्र के दुर्गा कॉलोनी व सोरों ब्लॉक के ग्राम गंगागढ़ में हुई बैठकों में नियमित टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों को राज़ी करने के लिए बैठक कर उन्हें जागरूक किया। इन परिवारों को टीके का महत्व समझाया गया और टीकाकरण से वंचित बच्चों में होने वाली बीमारियों की गंभीरता के बारे में भी जानकारी दी गयी। साथ ही साथ नियमित टीकाकरण के प्रति समुदाय में फैली भ्रान्तियों को दूर कर 8 परिवारों को टीकाकरण के लिए राजी किया गया। पांच परिवारों के टीकाकरण से छूटे बच्चों को बैठक के बाद ही टीका भी लगवाया गया। लगभग 45 परिवारों ने दोनों सामुदायिक बैठकों में प्रतिभाग किया।
जिला प्रतिरक्षण अधिकारी डॉ. अंजुश सिंह ने बताया कि नियमित टीकाकरण अभियान को सफल बनाने के लिए जिला स्तरीय व समुदाय स्तरीय बैठकें आयोजित की जा रही हैं। इनका मुख्य उद्देश्य टीकाकरण के प्रति उदासीन परिवारों को प्रेरित करना व समुदाय में टीके के प्रति फैली भ्रांतियों को दूर करना है। उन्होंने सभी अभिभावको से अपील की है कि अपने बच्चों का टीकाकरण करवाकर उनको विभिन्न प्रकार की जानलेवा बीमारियों से बचाएं।
यूनिसेफ संस्था के ब्लॉक मोबिलाइज़र (बीएमसी) मुहम्मद जावेद, गंगागढ़ की एएनएम सुमन, आशा कार्यकर्ता और आंगनवाड़ी कार्यकर्ता ने गाँव के प्रभावशाली व्यक्ति के साथ प्राथमिक विद्यालय पर बैठक की। बीएमसी ने बताया कि 3 परिवार टीका से इनकार करने वाले व 5 परिवार टीकाकरकर के प्रति डरे हुए थे पाए गये । टीम द्वारा इन परिवारों को बताया गया कि बच्चे के जन्म से लेकर पांच साल तक सात बार नियमित टीकाकरण अनिवार्य है । कई बार टीका लगने से बुखार भी होता है लेकिन इससे घबराने की आवश्यकता नहीं है। यह सामान्य लक्षण है जो दवाओं से ठीक हो जाता है । सरकारी अस्पताल का टीका सुरक्षित और असरदार है । प्रेरित करने के बाद टीकाकरण से डरे हुए पांच परिवारों के बच्चों को गावं में ही आयोजित टीकाकरण सत्र पर ले जाकर टीकाकरण कराया गया। तीन अन्य उदासीन परिवारों के लोगों ने कहा कि उनके बच्चे ननिहाल हैं और वहाँ से लौटते ही अपने बच्चों को टीका लगवाएंगे।
बैठक के दौरान गर्भवती को प्रसव पूर्व जांच आवश्यक चार जांचों के बारे में भी विस्तार से समझाया गया। बच्चों को होने वाली हेपाटाइटिस,टीबी,काली खाँसी,गलघोटू,निमोनिया, खसरा रुबैला, रोटावायरस जैसी जानलेवा बीमारियों के बारे में भी लोगों को जागरूक किया गया। बैठक के पश्चात गांव के सभी लोगों ने संकल्प लिया कि अपने बच्चों को जानलेवा बीमारियों से बचाने के लिए समझदारी दिखाएंगे और नियमित टीकाकरण जरूर कराएंगे।
टीकाकरण करवाने वाली डेढ़ वर्षीया तनिष्का के पिता उमेश (इनकी भी उम्र लिखें) ने बताया कि तनिष्का को पेंटावैलेंट के दो टीके लग गए थे लेकिन दोनों बार ही बच्ची को बुखार दर्द और पैर में सूजन की दिक्कत हुई थी। इससे पैदा हुए डर की वजह से बीच में ही टीका लगवाना छोड़ दिया था। बैठक में स्वास्थ्य विभाग की टीम ने भ्रांतियों को दूर किया, और बताया कि टीका लगने से थोड़ा बुखार और सूजन हो जाना सामान्य बात है । एएनएम बहनजी द्वारा दी दवा को खिलाने से बुखार और दर्द बंद हो जाता हैं और पैर सूजने पर बर्फ से सिंकाई कर देनी चाहिए। पूरी बात समझने के बाद तनिष्का को पेंटावैलेंट की तीसरी डोज़ भी लगवा दी गयी है। आगे से हम अपनी बच्ची को पूरे टीके लगवाएंगे।
बैठक में आशा कार्यकर्ता तिरमला, अर्चना, और आंगनबाड़ी कार्यकर्ता सुनीता व गाँव के लोग उपस्थित रहे।
नियमित टीकाकरण से होता है इन बीमारियों से बचाव
टिटनेस
हेपेटाइटिस
पोलियो
टीबी
काली खाँसी
गलघोटूँ
निमोनिया
खसरा