उत्तर प्रदेशएटास्वास्थ्य
मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल का ड्रामा, दवायें देने के नाम पर जिला अस्पताल के वजूद को ही नकारा, फिर भी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के नाम लिखा पत्र
मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल का ड्रामा, दवायें देने के नाम पर जिला अस्पताल के वजूद को ही नकारा, फिर भी मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के नाम लिखा पत्र
दवाओं का टोटा, सीबीसी मशीन का रीजेंट 18 दिन से खत्म, मरीजों में मचा हाहाकार
जिला प्रशासन और जन प्रतिनिधियों के मौन से जिले की जनता में रोष
-मदन गोपाल शर्मा
एटा। वीरांगना अवंतीबाई लोधी स्वशासी मेडिकल कालेज एटा में कालेज प्रिंसिपल के द्वारा आये दिन किये जाने वाले ड्रामों से एटा जनपद की जनता को जो सुविधाएं जिला अस्पताल के होते मिल रहीं थीं वह भी बंद हो चली हैं। वैसे तो मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल जिला अस्पताल के वजूद को ही नकारते रहे हैं। वे कहते हैं कि अब जिला अस्पताल नहीं है, मरीजों को मेडिकल कालेज से दवायें मिलेंगी। मरीजों को भर्ती होना पड़ेगा तब दवाएं मिलेंगी।
हालात यह हैं कि सरकारी डिस्पेंसरी पर दवाओं का टोटा बना हुआ है। दवाओं के नाम पर सिर्फ कुछ ही गोलियां मरीजों को मिल रही हैं। अधिकांश मरीज प्राइवेट मेडिकल स्टोरों से दवाएं खरीदने को विवश हैं क्योंकि जिला अस्पताल में संचालित प्रधानमंत्री जन औषधि केन्द्र पर भी बहुत ही कम रोगों की दवाएं मिल रही हैं। रोगियों की खून की जांच भी बंद हो चुकी है। पिछले 18 दिन से सीबीसी मशीन का रीजेंट खत्म हो गया है जिसके कारण खून की जांच भी बंद हो गयी है जिसका कारण रीजेंट सप्लाई देने वाली संस्था के बकाया बिलों का भुगतान न किया जाना है जबकि मरीजों को यह बताया जाता है कि सीबीसी मशीन खराब है।
डाक्टरों द्वारा लिखी गईं दवाएं डिस्पेंसरी से नहीं मिलतीं। डाक्टर द्वारा लिखी गई दवाओं को देने के लिए कई मरीजों के जोर देने पर डिस्पेंसरी से कर्मचारी आकर डाक्टर को ही धमकी भरे अंदाज में समझा देता है। जबकि डाक्टरों का कहना है कि डिस्पेंसरी पर मौजूद जिन दवाओं की सूची दी गई है हम उन्हीं दवाओं को लिख रहे हैं। आखिर डिस्पेंसरी के कर्मचारियों पर किसका वरदहस्त है। दिनोंदिन घटती दवाओं और मिटती सुविधाओं से मरीजों में हाहाकार मचा हुआ है।
मरीजों को दवाएं और विभिन्न प्रकार की खून की जांच की बात हो तो मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल जिला अस्पताल को ही नहीं मानते तब वह कहते हैं कि जिला अस्पताल है ही नहीं, मेडिकल के द्वारा सभी दवाएं दी जायेंगी। लेकिन हाल ही में चीफ फार्मासिस्ट नरेश शाक्या, सोहनलाल नेत्र परीक्षण अधिकारी व डा0 जिंदल के सम्बंध में मेडिकल कालेज के प्रिंसिपल द्वारा जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के नाम पत्र भी लिखा गया है।
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