बिहार में खगड़िया ज़िला के जलकौड़ा गांव में इन दिनों लोग ख़ुद को गौरवांवित महसूस कर रहे हैं, वजह है इसी गांव के प्रोफेसर डॉक्टर जाहिद अशरफ़ का राष्ट्रपति के हाथों सम्मानित होना. वैज्ञानिक और प्रोफ़ेसर ज़ाहिद अशरफ़ को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके ख़ास रिसर्च के लिए विज़िटर अवार्ड से सम्मानित किया है. साथ ही ढाई लाख रुपये की धनराशि का चेक भी दिया है. प्रोफ़ेसर ज़ाहिद इन दिनों दिल्ली में जामिया मिल्लिया इस्लामिया यूनिवर्सिटी में डिपार्टमेंट ऑफ बायोटेक्नोलॉजी के हेड भी हैं.
कौन हैं डॉक्टर जाहिद अशरफ़?
जलकौड़ा में रह रहे उनके भाई और रौशन वर्ल्ड इंफोटेक के डायरेक्टर और सीएससी ,वीएलई मोहम्मद वाहिद अशरफ़ ने बताया कि वो और उनका पूरा परिवार इस उपलब्धि पर गर्व महसूस कर रहा है. प्रोफ़ेसर ज़ाहिद अशरफ़ का पूरा परिवार गांव और पूरे बिहार में उच्च शिक्षा के लिए जाना जाता है. प्रोफ़ेसर ज़ाहिद के दादा मोहम्मद अबू सालेह शिक्षक रह चुके हैं, जो जलकौड़ा मिडिल स्कूल के संस्थापकों में से एक रहे हैं. इनके चाचा दिल्ली यूनिवर्सिटी में इकोनॉमिक्स के प्रोफ़ेसर हैं. इनके भाई साजिद अशरफ़,दिल्ली में देश के प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल ,न्यूज़ नेशन में बतौर न्यूज़ एडिटर के पद पर काम कर रहे हैं. प्रोफ़ेसर ज़ाहिद के पिता मोहम्मद हसन सालेह ख़ुद शिक्षक रह चुके हैं, इनके दूसरे चाचा मोहम्मद बदर सालेह,सिंचाई विभाग में इंजीनियर के पद से रिटायर हो चुके हैं, परिवार के बाक़ी सदस्य भी उच्च शिक्षा हासिल कर चुके हैं.
हार्ट अटैक से होने वाली मौत को रोकने में मददगार साबित होगी रिसर्च
प्रोफेसर ज़ाहिद को राष्ट्रपति द्वारा अवार्ड मिलने के बाद से परिवार के सदस्यों को बधाई मिलने का सिलसिला जारी है. प्रोफ़ेसर ज़ाहिद का रिसर्च हाई एटीट्यूड ख़ासकर लद्दाख़ में काम करने वाले भारतीय जवानों और केदारनाथ में दर्शन के लिए जाने वाले श्रद्धालुओं की हार्ट अटैक से होने वाली मौत को रोकने में मददगार साबित होने वाली है, क्योंकि लद्दाख़ में हर साल हमारे दर्जनों जवान थ्रोम्बोसिस की वजह से मारे जाते हैं. जलकौड़ा के सरपंच ब्रज किशोर साहनी ने भी बधाई देते हुए कहा कि देश के काम आने वाली इस रिसर्च ने प्रोफ़ेसर ज़ाहिद के परिवार उनके गांव जलकौड़ा समेत पूरे बिहार वासियों का सिर गर्व से ऊंचा कर दिया है.
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