राष्ट्रीयस्वास्थ्य

Vaccination for Children: अपने बच्चे को वैक्सीन के लिए कैसे करें रजिस्ट्रेशन, जानें पूरा प्रोसेस


नई दिल्ली।
ओमीक्रोन (Omicron) के दहशत के बीच नए साल पर सरकार ने बच्चों का भी वैक्सीनेशन (Vaccination for Children) प्रारंभ कर दिया है। विशेषज्ञ तीसरी लहर में बच्चों के सबसे अधिक संक्रमित होने की आशंका जता रहे थे। हालांकि, ओमीक्रोन संकट ने तेजी से पांव पसारते हुए हर वर्ग को संक्रमित करना शुरू कर दिया है। इससे मेडिकल हेल्थ इमरजेंसी की विकट स्थितियां भी पैदा हो सकती हैं। इन सब स्थितियों को देखते हुए वैक्सीनेशन एक बेहतर उपाय है। बच्चों का वैक्सीनेशन कैसे कराएं, कैसे रजिस्ट्रेशन कराएं और वैक्सीन लगवाएं। आइए जानते हैं पूरा प्रोसेस…

15 से 18 साल के बच्चों का कराएं रजिस्ट्रेशन

देशभर में बच्चों को टीके देने का काम शुरू हो चुका है। इस संबंध में CoWIN प्लेटफॉर्म प्रमुख डॉ. आर.एस. शर्मा ने बताया कि 15-18 वर्ष की आयु वर्ग के बच्चे टीकाकरण हेतु CoWIN पोर्टल पर पंजीकरण करा सकते हैं।

क्या होगी कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया ?

किशोरों के टीकाकरण के लिए बीते 1 जनवरी से कोविन प्लेटफॉर्म और कोविन के आरोग्य सेतु पार्टनर एप पर पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू हो गई थी। वैक्सीनेशन के लिए ऑनसाइट रजिस्ट्रेशन की भी व्यवस्था कराई गई है। 15-18 आयु वर्ग के करीब 6 से 7 करोड़ बच्चे कोवैक्सिन डोज के पात्र होंगे। रजिस्ट्रेशन प्रोसेस पहले की तरह ही है। इसके लिए पहले आपको कोविन एप पर जाना होगा। आप अपने नजदीकी वैक्सीनेशन सेंटर को भी चूज कर सकते हैं या डिस्ट्रिक्ट वाइज भी चूज कर सकते हैं, पिन कोड नंबर डालकर भी चूज कर सकते हैं, जिस तरह से पहले करते आ रहे हैं। सबसे पहले अपने मोबाइल नंबर से रजिस्टर करना होगा, बच्चे वेरिफिकेशन डॉक्यूमेंट के रूप में अपने स्कूल का आई कार्ड भी यूज कर सकते हैं।

पूर्व की भांति करा सकते रजिस्ट्रेशन

नीति आयोग के सदस्य और नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ. वी.के. पॉल ने बताया कि कोविन पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया वही रहेगी जो अब तक रही है। आप कोविन पोर्टल पर जाएंगे और जिस भी बच्चे का टीका लगना है, उसका नाम वहां दर्ज करेंगे। इस प्रक्रिया में कोई खास बदलाव नहीं किए गए हैं। उन्होंने यह भी बताया कि यदि आपके बच्चे की उम्र 17 साल है तो कोविन पोर्टल अब आपकी रिक्वेस्ट एक्सेप्ट करेगा जो कि पहले एक्सेप्ट नहीं कर रहा था। बेसिकली यह प्रक्रिया उसी पैटर्न पर होगी।

वैक्सीनेशन के लिए बच्चे को सर्टिफिकेट या आइकार्ड की जरूरत

नीति आयोग के सदस्य और नेशनल कोविड-19 टास्क फोर्स के चेयरमैन डॉ. वी.के. पॉल ने यह भी कहा कि यहां बच्चों के टीकाकरण हेतु उम्र को चिन्हित करना बेहद जरूरी है। इसलिए आइडेंटिटी भी जरूरी है।

अभी बच्चों को दिया जा रहा सिर्फ ‘कोवैक्सिन’ का डोज

किशोरों के वैक्सीनेशन के लिए कोवैक्सिन और जाइकोव डी वैक्सीन को ही मंजूरी दी गई है। एनटीएजीआई  (नेशनल टेक्निकल एडवाइजरी ग्रुप ऑन इम्यूनाइजेशन) के कोविड टास्क फोर्स वर्किंग ग्रुप के अध्यक्ष डॉ एन.के. अरोड़ा ने बताया कि कोवैक्सिन ने दिखाया है कि परीक्षणों में बच्चों में इसकी बहुत अच्छी प्रतिरक्षा प्रतिक्रिया है। भारत बायोटेक का कोवैक्सिन एकमात्र कोविड-19 वैक्सीन है, जिसे अभी के लिए, 15-18 वर्ष के आयु वर्ग के बच्चों को दिया जाएगा, जिन्हें 3 जनवरी से टीका लगाया जाएगा।

पहली लहर में 4% और दूसरी लहर में 10% बच्चों में हुआ संक्रमण

भारत में पहली लहर में 4 प्रतिशत बच्चों में और दूसरी लहर में 10 प्रतिशत बच्चों में संक्रमण हुआ, ऐसे में अब ओमिक्रोन के खतरे को देखते हुए बच्चों को लेकर क्या विशेष सावधानी बरतनी होगी। संक्रमण के प्रतिशत की बात छोड़कर यदि सीरो सर्वे की रिपोर्ट पर गौर करें तो उसमें 80 से 85 प्रतिशत, कई जगह तो 90 प्रतिशत बच्चों में एंटीबॉडी पाई गई। तो संभव है कि कई बच्चे एसिंप्टोमेटिक थे। सीरो सर्वे की रिपोर्ट के अनुसार बच्चों और एडल्ट्स के इन्फेक्शन में बहुत ज्यादा अंतर नहीं था। ये जरूर है कि एडल्ट्स सिंप्टोमेटिक ज्यादा हुए, बच्चे सिंप्टोमेटिक कम हुए। अभी तक पूरे विश्व से जो डाटा आ रहा है उसे देखकर लगता है कि वही रेश्यो ही मेंटेन रहेगा जो पहले था।

टीकाकरण के लिए बच्चों को किन बातों का रखना होगा ध्यान

अगर साइंटिफिकली देखें तो 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चे और 18 से ऊपर जिन्हें हम व्यस्क यानि अडल्ट कहते हैं, 16, 17 और 18, 19 में कोई बहुत ज्यादा अंतर नहीं होता, जहां तक समझदारी की बात की जाए, तो ऐसा नहीं लगता कि बच्चों में इसको लेकर बहुत ज्यादा एंजाइटी होगी, क्योंकि ये बहुत छोटे बच्चे नहीं हैं। लेकिन एंजाइटी बच्चों या पेरेंट्स के मन में साइड इफेक्ट्स को लेकर जरूर है, लेकिन अभी तक एक साल से टीकाकरण चल रहा है, कोई ऐसा मेजर साइड इफेक्ट देखने को नहीं मिला है। हल्का बुखार या हल्का दर्द या बहुत ही रेयर केस में एक दो दिन बुखार वैक्सीन के बाद हुआ है।

Disclaimer: This article has not been edited by Culprit Tahalaka. This news is published by news agency or other source.

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