सोरों सूकरक्षेत्र में नवांकुरों की सभा मासिक काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन सम्पन्न
सोरों सूकरक्षेत्र में नवांकुरों की सभा मासिक काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन सम्पन्न
कासगंज। सोरों सूकरक्षेत्र। उत्तर प्रदेश हिन्दी प्रचार समिति के तत्वावधान में नवांकुरों की सभा मासिक काव्य गोष्ठी का भव्य आयोजन कछला गेट स्थित ओम मैरिज होम पर संपन्न हुआ जिसकी अध्यक्षता वरिष्ठ साहित्यकार एवं कवि डॉ0एल0आर0 पल्लव ने की। कार्यक्रम का शुभारम्भ समस्त अतिथियों द्वारा मां शारदे के छवि चित्र के सम्मुख दीप प्रज्ज्वलित व पुष्प अर्पित कर किया गया। अतिथियों के रूप में संत तुलसीदास म्यु. इण्टर कॉलेज के पूर्व प्रधानाचार्य अखिलेश तिवारी, ख्याति प्राप्त कवि, गीतकार मनोज मधुवन, सूकरक्षेत्र समाचार के सम्पादक दिलीप कुमार सक्सेना, हिन्दी प्रचार समिति के प्रांतीय अध्यक्ष विष्णु असावा, सेवानिवृत्त चिकित्सक ओमवती यादव, ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के तहसील कासगंज उपाध्यक्ष डॉ0 राजीव बरबारिया उपस्थित रहे। सर्वप्रथम नगर के युवा कवि हरेकृष्ण उपाध्याय ने अपने सुमधुर कंठ से सरस्वती वंदना प्रस्तुत की।कार्यक्रम में उपस्थित सम्मानित अतिथियों का पुष्पमाला व स्कंध-पट्टिका पहनाकर तथा गंगा वराह चित्र भेंट कर सम्मानित किया। काव्यगोष्ठी में क्षेत्रीय व अंतर्जनपदीय कवियों ने भाग लेकर अपना काव्यपाठ किया।
कार्यक्रम के प्रथम सत्र गोस्वामी तुलसीदास जी सत्र में कवि अंकुर दौनेरिया ने कोई भी लौटकर नहीं आता,कहता तो है मगर नहीं आता गजल पढ़कर समां बांध दिया। उसांवा से पधारे अमित अंबर ने राग सावन के यहां पर गुनगुनाता कौन है,जान से प्यारे हैं जो रिश्ते निभाता कौन है पढ़कर तालियां बटोरीं, कवि उदितकांत उपाध्याय ने मैं खुदको उसमें इस कदर मिलाते जा रहा हूं, मैं खुद का वजूद मिटाते जा रहा हूं शेर व गजलें कहकर महफिल लूटी,कवि गणेश यादव गौरव ने राम अवध आगमन का छंद सजा है अवध धाम लौट रहे राजाराम मिलकर सभी जन खुशियां मना रहे,शबरी सा था ये मन प्यासे कब से नयन भाग्य हो गया उदय दरसन पा रहे गाकर पूरा माहौल राम मय कर दिया, बिल्सी से पधारे ओजस्वी जोहरी सरल ने अपनी रचना दरमियां दीवार है उसको गिराकर देखिए, जिंदगी त्योहार है हर दिन मना कर देखिए पढ़कर श्रोताओं का मन मोह लिया, दिल्ली से पधारे कवि पुरुषोत्तम नाथ तिवारी ने अपनी ओजपूर्ण वाणी में पढ़ा जिन आंखों में अंगार सदा वो अंगार अब जल न पाते हैं, कवि हरेकृष्ण उपाध्याय ने गली गली में खुले नॉनवेज रेस्टोरेंट मौत का कारोबार है,अपनी मौत से डर लगता जानवरों की मौत कारोबार है पढ़कर रूढ़िवादी परंपराओं पर प्रहार करते हुए समाज को एक सार्थक सन्देश दिया। प्रथम सत्र का सफल संचालन कवि शिव आशीष दौनेरिया ने किया।
द्वितीय सत्र नन्ददास जी सत्र में सर्वप्रथम बदायूं से पधारे कवि अचिन मासूम ने छंद भारती के चरणों में करते जो प्राणदान वीर बांकुरों की वो कहानी याद आयेगी,ममता के नेह पूर्ण आंख से बहा जो नीर परिपाटी त्याग की दिवानी याद आयेगी पढ़कर सबको मंत्रमुग्ध कर दिया,कवि एवं गीतकार शिव आशीष दौनेरिया ने क्या कहते हो संदेह हुआ था केवट को प्रभु राम पे,जो भक्तों के सदा सहाई ऐसे करुणा धाम पे पढ़कर उपस्थित अतिथियों को मंत्रमुग्ध कर उनकी खूब वाह वाही लूटी,कवि आदित्य शर्मा ने एक मां ऐसी भी होती है जो मातृत्व के साथ साथ पितृत्व का भी भार ढोती है पढ़कर सबको भावविभोर कर दिया,कवि पसेई से पधारे विवेक अज्ञानी ने सीधे सच्चे सरल त्यागी अविराम कहां हो सकते हैं अब नारी के लिए मगर संग्राम कहां हो सकते हैं वहीं कवि बिसौली से पधारे हरगोविंद पाठक दीन ने अपनी कविता हाथ से हाथ उनके मिलाते जाते हैं दिल से दिल के मिलन नहीं हो पाते हैं, बदायूं से पधारे कवि ललितेश ललित ने कहा
मैं अपने गीत गजलों में सीताराम कहता हूं,कवि शटवदन शंखधार ने राम केवट के हैं राम सरयू के हैं पढ़कर खूब सराहना प्राप्त की। द्वितीय सत्र का कुशल संचालन शटवदन शंखधार ने किया।
गोष्ठी के अंत में समस्त अतिथियों ने अपने समीक्षात्मक विचार व्यक्त किए तथा काव्य गोष्ठी के आयोजकों की भूरि भूरि प्रशंसा की। कार्यक्रम अध्यक्ष ने अपने अध्यक्षीय उद्बोधन में कवियों को आशीर्वचन प्रदान किए। कार्यक्रम में निशा यादव,सनी यादव,राघव बरबारिया,लव तिवारी,तुषार कुलश्रेष्ठ,कुलदीप पंडित,ललित मिश्रा सहित अनेक लोग उपस्थित रहे।