उज्जैन. ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, जिस मंगलवार को चतुर्थी तिथि का संयोग होता है, उसे अंगारक चतुर्थी (Angarak Chaturthi 2022) कहते हैं। इस बार आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी 13 सितंबर, मंगलवार को है। मंगलवार को चतुर्थी तिथि होने से ये अंगारक चतुर्थी कहलाएगी। इस दिन भगवान श्रीगणेश की विशेष पूजा की जाती है, साथ ही मंगल दोष के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए विशेष उपाय भी किए जाते हैं। आगे जानिए अंगारक चतुर्थी पर इस बार कौन-कौन से शुभ योग बन रहे हैं, साथ ही पूजा विधि व उपाय…
ये शुभ योग बनेंगे इस दिन
13 सितंबर, मंगलवार को आश्विन मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि सुबह 10.37 तक रहेगी, इसके बाद चतुर्थी तिथि आरंभ हो जाएगी। मंगलवार को आश्विन नक्षत्र होने से अमृत नाम का शुभ योग इस दिन बन रहा है। इसके अलावा सर्वार्थसिद्धि, वृद्धि और ध्रुव नाम के 3 अन्य योग भी इस दिन रहेंगे।
इस विधि से करें श्रीगणेश की पूजा
अंगारक चतुर्थी की सुबह स्नान आदि करने के बाद व्रत-पूजा का संकल्प लें। श्रीगणेश की प्रतिमा या चित्र साफ स्थान पर स्थापित करें। शुद्ध घी का दीपक जलाएं। इसके बाद श्रीगणेश को तिलक लगाएं, जनेऊ पहनाएं, अबीर, गुलाल, चंदन, सिंदूर, इत्र आदि चढ़ाएं। पूजा का धागा अर्पित करें। इस प्रकार पूजा करने के बाद ऊं गं गणपतये नम: मंत्र बोलते हुए हल्दी लगी दूर्वा श्रीगणेश को चढ़ाएं। भगवान को भोग लगाएं और आरती करें। शाम को चंद्रमा के दर्शन करने के बाद स्वयं भोजन करें।
इस विधि से करें मंगल ग्रह की पूजा
अगर आपकी कुंडली में मंगल दोष या मंगल के कारण आपके जीवन में परेशानियां बढ़ रही हैं तो अंगारक चतुर्थी पर आप मंगल ग्रह का विशेष पूजन करें। इसके लिए किसी साफ स्थान पर मंगल देव का चित्र या प्रतिमा स्थापित करें। इसके बाद कुंकुम, चावल, लाल फूल, अबीर, गुलाल आदि चीजें चढ़ाएं। इसके बाद लाल वस्त्र अर्पित करें। भोग में लाल रंग की मिठाई या फल हो तो बहुत ही शुभ रहता है। इसके बाद ऊं अंगारकाय नम: मंत्र बोलते हुए लाल फूलों की माता अर्पित करें। संभव हो तो जरूरतमंदों को लाल वस्त्र, लाल फल आदि चीजों का दान करें। ऐसा करने से मंगल दोष का अशुभ असर कम हो सकता है।
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