संचारी रोग नियंत्रण अभियान में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही और खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कार्यालय का औचक निरीक्षण करने के बाद से सरकारी विभाग हुए अलर्ट
अमित माथुर(उप संपादक)
एटा। सरकार जनहितैषी योजनाओं पर पानी की तरह पैसा बहा रही है लेकिन अधिकारी और कर्मचारी बड़ी बेफ्रिकी के साथ सरकार की महत्वाकांक्षी योजनाओं को पलीता लगाने से नहीं चूक रहे हैं लंबे समय से सरकारी कार्यालयों में न तो उच्च अधिकारियों द्वारा निरीक्षण किया जा रहा है ना हीं कोई ध्यान दिया जा रहा है। इसका परिणाम यह है कि सरकारी कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बन चुके हैं साथ ही सरकारी कार्यालय अधिकारियों और कर्मचारियों की लेट लतीफी को लेकर पहचान बना चुके हैं।
शुक्रवार को जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह के निर्देशन में डिप्टी कलेक्टर विमल कुमार ने खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कार्यालय का औचक निरीक्षण किया, डिप्टी कलेक्टर द्वारा किए गए निरीक्षण में 08 अधिकारी और 01 कर्मचारी अनुपस्थित पाए गए।
डीएम प्रेमरंजन सिंह ने निरीक्षण में अनुपस्थित मिले सभी अधिकारियों, कर्मचारी से स्पष्टीकरण मांगा है अगर अनुपस्थित अधिकारी और कर्मचारी स्पष्टीकरण नहीं दे पाते हैं तो कार्यवाही होना लगभग तय है।
इसके साथ ही जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह ने सरकार की महत्वाकांक्षी योजना संचारी रोग नियंत्रण अभियान को पलीता लगा रहे करीब दो दर्जन अधिकारियों पर सख्त कार्रवाई करते हुए जुलाई माह का वेतन रोक दिया है।
बता दें जिले में 04 जुलाई से 16 जुलाई तक संचारी रोग नियंत्रण अभियान चलाया गया जिसमें लापरवाही बरतने पर जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह द्वारा कार्रवाई करते हुए प्रभारी जिला कार्यक्रम अधिकारी संजय सिंह, जिला पंचायत राज अधिकारी केके सिंह चौहान, अधिशासी अधिकारी नगर पंचायत सकीट वीरेंद्र प्रताप सिंह, एडीओ पंचायत अलीगंज प्रवीन सक्सैना, एडीओ पंचायत निधौली कलां धीरज कुमार गिरि, एडीओ पंचायत जैथरा एबरन सिंह, प्रभारी सीडीपीओ जैथरा श्रीमती कंचन देवी, प्रभारी सीडीपीओ अलीगंज श्रीमती सुधा रावत,
प्रभारी सीडीपीओ निधौली कलां श्रीमती सोनी कुशवाहा, एमओआईसी निधौली कलां डॉ अनुज कुमार, एमओआईसी अलीगंज सर्वेश कुमार, एमओआईसी जैथरा राहुल चतुर्वेदी का जुलाई माह वेतन रोक दिया गया है।
संचारी रोग नियंत्रण अभियान में लापरवाही बरतने वाले करीब दो दर्जन अधिकारियों के खिलाफ कार्यवाही और प्रेमरंजन सिंह के निर्देशन में डिप्टी कलेक्टर विमल कुमार द्वारा खाद्य सुरक्षा एवं औषधि प्रशासन कार्यालय का औचक निरीक्षण करने के बाद से सरकारी विभाग अलर्ट हो गए हैं साथ ही अधिकारियों और कर्मचारियों में भय दिखने लगा है कि कहीं जिलाधिकारी अचानक कार्यालय में निरीक्षण के लिए ना आ धमके, बता दें जिलाधिकारी प्रेमरंजन सिंह द्वारा जिले की कमान संभालने के बाद पहली बार सरकारी कार्यालयों में जिलाधिकारी का डर दिख रहा है लंबे समय से सरकारी कार्यालय भ्रष्टाचार का अड्डा बने हुए हैं अधिकारी, कर्मचारियों का समय से कार्यालयों पर न पहुंचना जनता के लिए परेशानी का सबब बना हुआ है लेकिन जिस तरह जिलाधिकारी ने लापरवाह कर्मचारियों पर कार्रवाई की है उससे लगता है आने वाले समय में जनता को कर्मचारियों की लेट लतीफी और तानाशाही से राहत मिल सकती है।